महाराजगंज : ड्रोन एक ऐसी ही तकनीक है, जिसमें कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता है. इस तकनीक से जरूरत के अनुसार फसल उर्वरकों की सटीक मात्रा एवं सही प्रयोग की जानकारी मिलती है. इससे सामग्री के उपयोग की दक्षता में वृद्धि के साथ खेती की कुल लागत भी कम होती है. केंद्र की मोदी सरकार की महत्वपूर्ण योजना पीएम नरेंद्र मोदी नमो ड्रोन दीदी योजना का सकारात्मक प्रभाव महाराजगंज जनपद में देखने को मिल रहा है.
महाराजगंज में सदर तहसील क्षेत्र स्थित बांसपार बिजौली गांव की रहने वाली कुंती देवी (35) अपने पति संतोष मौर्य और दो अन्य बच्चों के साथ खेती बाड़ी का काम करती हैं. कुंती अपने पति के साथ मिलकर खेत में गेहूं धान के साथ-साथ तमाम तरह की सब्जियां भी उगाती हैं. विगत पिछले वर्ष प्रधानमंत्री विकसित भारत यात्रा अभियान के दौरान कुंती देवी को पीएम नमो ड्रोन दीदी योजना की जानकारी हुई. इसके बाद इस योजना से कुंती देवी ने जुड़कर एक समूह के माध्यम से ड्रोन पाया. अब इस ड्रोन से कुंती देवी अपने खेतों में रासायनिक खाद खेतों की रखवाली आधुनिक ढंग से करती हैं.
ड्रोन से खेती बाड़ी करने के बाद पिछले 1 वर्ष के अंदर कुंती देवी एक महिला किसान के रूप में उभर कर सामने आई है. इनके आधुनिक खेती बाड़ी के काम को देखते हुए अब इन्हें लोग ड्रोन दीदी के नाम से भी बुलाते हैं. पीएम नमो ड्रोन दीदी योजना के जुड़ने से कुंती देवी आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रही है. एक तरफ जहां कुंती देवी ड्रोन से आधुनिक ढंग से अपने खेतों में खाद बीज डालते हैं तो दूसरी तरफ इसी ड्रोन से भाड़े पर दूसरे के भी खेतों में स्प्रे कीटनाशक दवा का छिड़काव ड्रोन से करती है. जिससे इन्हें अच्छी खासी आमदनी भी मिल रही है.
ड्रोन खरीदने के लिए मिलेगी सब्सिडी: किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए 5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है. किसान के अलावा सब्सिडी का लाभ व्यक्तिगत श्रेणी के किसान और कस्टम हायरिंग केंद्र संचालक, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को दिया जाएगा. इसके लिए किसान, संस्थाएं ई-कृषि यंत्र अनुदान पार्टल (E-Krishi Yantra Anudan Portal) पर आवेदन कर सकते हैं. ड्रोन खरीदने के लिए व्यक्तिगत श्रेणी के तहत लघु, सीमांत किसान, महिला किसान, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी.
इसकी अधिकतम अनुदान राशि 5 लाख रुपये होगी. इसी श्रेणी के तहत अन्य वर्ग के किसानों एवं कस्टम हायरिंग केंद्रों के संचालकों को ड्रोन लागत का 40 प्रतिशत या अधिकतम राशि 4 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा. वहीं कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को ड्रोन खरीदने के लिए 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी. जिसकी अधिकतम राशि 7.50 लाख रुपये होगी. जो किसान सब्सिडी पर ड्रोन खरीदने के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो उन्हें 5,000 रुपये की धरोहर राशि का ड्राफ्ट जमा कराना होगा.