वाराणसी: यूं तो महाकुंभ प्रयागराज में चल रहा है लेकिन, इसकी खास तस्वीर बनारस में भी नजर आ रही है. यहां बाकायदा काशी के प्राइमरी विद्यालयों में महाकुंभ की पाठशाला चलाई जा रही हैं. यहां पर बच्चों को बुकलेट देने के साथ महाकुंभ की कथा सुनाई जा रही है. यही नहीं इस बुकलेट के जरिए महाकुंभ के अलग-अलग आयाम के बारे में भी बताया जा रहा है. खास बात यह है कि प्रत्येक दिन इसकी कक्षाएं चलेंगी.
वाराणसी जिला प्रशासन के जरिए इस पहल को शुरू किया गया है. इसके लिए एक अलग बुकलेट भी तैयार कराई गई है. 6 पेज की इस बुकलेट में महाकुंभ का माहात्म्य, महाकुंभ की कथा, महाकुंभ के प्रकार, कुंभ में क्या-क्या सुविधाएं दी गई हैं, इन सबकी जानकारी दी गई है. बुकलेट को प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को वितरित किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रत्येक दिन महाकुंभ पर 30 मिनट की कक्षा का आयोजन किया जा रहा है.
वाराणसी के कंपोजिट विद्यालय की शिक्षिका आभा बताती हैं कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब प्राथमिक विद्यालयों में महाकुंभ की विशेषता बताई जा रही है. बोर्ड पर लिखकर बच्चों को समझाया जा रहा है कि महाकुंभ क्या है, क्यों स्नान करते हैं और इस कुंभ में स्नान करने का क्या महत्व या फल प्राप्त होता है. इसे पढ़ाने के लिए हम लोगों ने बुकलेट बच्चों में वितरित की हैं. उसके बाद बच्चों को इसके बारे में पढ़ाया जा रहा है. इससे बच्चों को हमारी संस्कृति का अनुभव होगा.
बच्चों को मिलेगा पुरस्कार: बच्चे भी इस क्लास से खासा खुश हैं. उनका कहना है कि, हमें महाकुंभ की पढ़ाई करने में अच्छा लग रहा है. हम जान रहे हैं कि आखिर समुद्र मंथन कब हुआ था, इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई. यह हम लोग क्यों मनाते हैं और हम हर दिन घर पर जाकर इसे पढ़ रहे हैं. अपने घर वालों को भी बता रहे हैं.
वाराणसी सीडीओ हिमांशु नागपाल बताते हैं, जिला प्रशासन की ओर से सभी विद्यालय में बुकलेट जारी की गई हैं, जिसके जरिए हम बच्चों को महाकुंभ की जानकारी दे रहे हैं. पूरे कुंभ तक एक अध्यापिका के द्वारा कुंभ की क्लास चलाई जाएगी, जिससे बच्चों को जानकारी मिलेगी. इसमें बोर्ड को छोड़कर सभी बच्चे भाग ले रहे हैं, क्लास के बाद एक क्विज भी कराई जाएगी, जिसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत कर उनका हौसला बढ़ाया जाएगा.
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