कौशांबीः जिले में बिना परमिशन के चंगाई सभा करना युवक को महगा पड़ गया. पुलिस ने चौकीदार की तहरीर पर आरोपी युवक सहित गांव के कई अन्य लोगों के खिलाफ अज्ञात मे मुकदमा दर्ज कर लिया है. आरोप है युवक गांव के भोले-भाले अनुसूचित जाति के लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराये जाने का दबाव बना रहे थे. पुलिस ने मामले की शिकायत पर एक आरोपी को गिरफ्तार कर कानून कार्रवाई शुरू कर दी है.
मंझनपुर थाना क्षेत्र के अंबावा गांव के चौकीदार देव नारायण आधार ने तहरीर देकर आरोप लगाया है कि गांव में रहने वाला राजकुमार सरोज पुत्र बैजनाथ उर्फ टिकई गांव में लोगों की बीमारी ठीक करने के बहाने चंगाई सभा का आयोजन करता है. इस चंगाई सभा में गांव के भोले-भाले और गरीब लोगों को रुपये का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है. बदले मे चंगाई सभा का आयोजन करने वाले लोग आरोपी राजकुमार को भी रुपये देते हैं.
चौकीदार देव नारायण के मुताबिक, गांव मे चंगाई सभा की चर्चा आम हो गई तो उसने पुलिस को शिकायत कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने चौकीदार देवनारायण की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और यह जानने की कोशिश भी कर रही है कि इस चंगाई सभा को कराने के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि इस मामले में विस्तृत जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर ने बताया कि मंझनपुर थाना क्षेत्र के अंबावा गांव में कुछ लोग धार्मिक सभा के नाम पर धर्म परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे थे. समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी कर ली गई है, जो विधिक कार्रवाई है प्रचलित है.
क्या होती है चंगाई सभा?
ईसाई मिशनरी आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में आम जनता की बीमारी ठीक करने के लिए ईसाई समाज के लोग चंगाई सभा का आयोजन करते हैं. चंगाई सभा में ईसा मसीह की प्रार्थना की जाती है. इस सभा को यीशु संगाई सभा या हीलिंग सभा भी कहा जाता है.
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