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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा रिव्यू पिटीशन दाखिल करना सही नहींः मौलाना तौकीर रजा खान - बरेली ताजा समाचार

यूपी के बरेली में राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी आईएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने अयोध्या मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा रिव्यू पिटीशन दाखिल करने के फैसले को गलत ठहराया है. उनका कहना है कि बोर्ड यह केवल राजनीतिक फायदे के लिए कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बोर्ड राजनीति के लिए झगड़े फसाद को बढ़ावा देने के काम अंजाम देता रहेगा तो उसका विरोध किया जायेगा.

मौलाना तौकीर रजा खान ने की प्रेस कॉन्फेन्स.
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Published : Nov 21, 2019, 5:30 PM IST

बरेली: राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी आईएमसी के प्रमुख राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने अयोध्या मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा मुसलमान इस फैसले को स्वीकार कर चुका है. ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का जो फैसला किया है वह गलत है. वह खुद इस बात का ऐलान कर चुके थे कि अदालत का जो भी फैसला होगा स्वीकार किया जाएगा. अब बोर्ड अपनी बात से मुकर रहा है. उन्होंने यह भी रिव्यू पिटीशन डालना अयोध्या विवाद में राजनीति को बढ़ावा देने वाला कदम है.

मौलाना तौकीर रजा खान ने की प्रेस कॉन्फेन्स.


क्या है पूरा मामला

  • राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी आईएमसी के प्रमुख राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने अयोध्या मामले पर कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा रिव्यू पिटीशन दाखिल करना सही नहीं है.
  • मुसलमान इस विवाद पर अदालत के फैसले को स्वीकार कर चुका है.
  • अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा कि इस विवाद पर सभी पक्षकार अगर आपसी सहमति से फैसला करते तो वह ज्यादा बेहतर होता.
  • अदातल का फैसला स्वीकार करने का एलान कर चुका बोर्ड राजनीतिक फायदे के लिए यह कर रहा है.
  • इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दान या कब्जे की जमीन पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती.

बरेली: राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी आईएमसी के प्रमुख राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने अयोध्या मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा मुसलमान इस फैसले को स्वीकार कर चुका है. ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का जो फैसला किया है वह गलत है. वह खुद इस बात का ऐलान कर चुके थे कि अदालत का जो भी फैसला होगा स्वीकार किया जाएगा. अब बोर्ड अपनी बात से मुकर रहा है. उन्होंने यह भी रिव्यू पिटीशन डालना अयोध्या विवाद में राजनीति को बढ़ावा देने वाला कदम है.

मौलाना तौकीर रजा खान ने की प्रेस कॉन्फेन्स.


क्या है पूरा मामला

  • राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी आईएमसी के प्रमुख राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने अयोध्या मामले पर कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा रिव्यू पिटीशन दाखिल करना सही नहीं है.
  • मुसलमान इस विवाद पर अदालत के फैसले को स्वीकार कर चुका है.
  • अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा कि इस विवाद पर सभी पक्षकार अगर आपसी सहमति से फैसला करते तो वह ज्यादा बेहतर होता.
  • अदातल का फैसला स्वीकार करने का एलान कर चुका बोर्ड राजनीतिक फायदे के लिए यह कर रहा है.
  • इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दान या कब्जे की जमीन पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती.
Intro:बरेली ब्रेकिंग:- राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी आई ऍम सी प्रमुख राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा खान ने अयोध्या मसले पर कहा मुसलमान इस फैसले को स्वीकार कर चुका है ऐसे में मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने रिवू दाखिल करने का जो फैसला है गलत क्योकि जब वह इस बात का खुद ऐलान कर चुके थे कि अदालत का जो भी फैसला स्वीकार होगा वो स्वीकार होगा। तो बोर्ड अब अपनी - अपनी बात से मुकर रहा है जब देश का मुसलमान फैसले को स्वीकार कर चुका है तो रिवू डालना राजनीति के लिए फितने को कायम रखने वाला कदम है ,
खुशी में अल्लाह का शुक्र मायूसी में सन के मजहबी अकीदे की बुनियाद पर मुसलमानों ने अयोध्या विवाद पर अदातल का फैसला किया स्वीकार । दान या कम्जे की जमीन पर मस्जिद तामीर नहीं की जा सकती । । अदातल के बाहर आपसी रजामन्दी से किया गया फैसला मुल्क और मिल्लत के लिये होता बेहतर । अदातल का फैसला स्वीकार करने का एलान कर चुका बोर्ड राजनीति फायदे के लिये कायम रखना चाहता है विवाद रितू दाखिल करने का फैसला मुसलमानों के खिलाफ । ।





Body:Vo1:- पिछले दिनों माननीय उच्च न्यायालय ने अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुनाया फैसला सुनाने । से पूर्व माननीय न्यायालय ने कई बिंदुओं पर प्रकाश डाला जैसे कि : - इस बात का कोई सबूत नहीं कि । मन्दिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई साथ ही यह भी उल्लेख किया कि मस्जिद को अवैध रूप से तोड़ा गया था । _ _ यह बात मुसलमानों के पक्ष में जाती है कि मुसलमान किसी मन्दिर को तोड़ने के आरोप से बरी हो गया । सुनवाई के बीच माननीय न्यायालय ने दोनों पक्षों को इस बात का मौका दिया था , कि आपसी रजामन्दी से फैसला कर लिया जाये , आपसी रजामन्दी के लिये हमने काफी कोशिश की काफी हद तक कामयाबी मिलती नज़र आ रही थी लेकिन कुछ पक्षकारों ने इस पर रज़ामन्दी से इनकार कर दिया और ऐलान किया कि माननीय न्यायालय का जो भी फैसला होगा स्वीकार किया जायेगा ।


बाइट:-आई ऍम सी प्रमुख राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा खान 



 Vo2:-मौलाना तौकिर राजा का कहना था जब कि अदातल की जेरे निगरानी आपसी रजामन्दी से लिया जाने वाला फैसला मुल्क और मिल्लत के लिए कहीं बेहतर साबित होता लेकिन बोर्ड ने आपसी रजामन्दी से इनकार कर दिया था इस सब के बाद मुसलमानों ने खुशी में अल्लाह का शुक्र और मायूसी में सब्र करने के अपने मज़हबी अकीदे के ऐतवार पर खरा उतरते हुए , माननीय न्यायालय के फैसले को तसलीम कर लिया । अब जब कि मुसलमान इस फैसले को स्वीकार कर चुका है ऐसे में बोर्ड ने रिवू दाखिल करने का जो फैसला है गलत क्योकि जब वह इस बात का खुद ऐलान कर चुके थे कि अदालत का जो भी फैसला स्वीकार होगा वो मंज़ूर होगा तो बोर्ड अपनी - अपनी बात से मुकर रहा है जब देश का मुसलमान फैसले को स्वीकार कर चुका है तो रिवू डालना राजनीति के लिए फितने को कायम रखने वाला कदम है , अगर बोर्ड राजनीति के लिए झगड़े फसाद को बढ़ावा देने के काम अंजाम देता रहेगा तो उसका विरोध किया जायेगा । 

बाईट मौलाना तौकीर आई एम सी प्रमुख राष्ट्रीय अध्यक्ष


Conclusion:Fvo:- मौलाना ने न्यायालय गुजारिश की  माननीय न्यायालय ने जो 5 एकड़ जमीन मस्जिद को देने की बात कही तो मस्जिद दान में ली गयी जमीन या अवैध रूप से किसी जगह पर तामीर नहीं की जा सकती बोर्ड की जिम्मेदारी है शरई मसले का ध्यान रखते हुए या तो इस जमीन को अस्वीकार करें या फिर 5 एकड़ जमीन के बदले कुछ रकम देकर बकायदा रजिस्ट्री करें तब ही उस पर मस्जिद कायम की जा सकती है दान में मिली ज़मीन पर मस्जिद कायम नही की जा सकती । 


रंजीत शर्मा

9536666643

ईटीवी भारत,बरेली।

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