बरेली: आईटीबीपी में कांस्टेबल की भर्ती के लिए बरेली में दोस्त की जगह दौड़ की परीक्षा देने के लिए एक नाबालिग पहुंच गया. नाबालिग बीएससी का छात्र बताया जा रहा है. उसने दौड़ परीक्षा में शामिल होने के लिए फर्जी एडमिट कार्ड भी बनवाया था. लेकिन, बायोमेट्रिक जांच के दौरान फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया. जिसके बाद आईटीबीपी के अधिकारियों ने दोनों को कैंट थाने की पुलिस के हवाले कर दिया.
बरेली के कैंट थाना क्षेत्र में स्थित आईटीबीपी केंद्र में इन दिनों कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया चल रही है. उसके लिए फिजिकल दौड़ कराई जा रही है. संत रविदास नगर के रहने वाले रितेश कुमार मौर्य ने आइटीबीपी में कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन किया था, जिसकी सोमवार को आईटीबीपी केंद्र में फिजिकल परीक्षा के तहत दौड़ होनी थी. लेकिन, खुद को दौड़ने में कमजोर मानते हुए रितेश अपने पड़ोस में रहने वाले बीएससी के नाबालिग दोस्त को साथ लेकर आ गया, जिसका उसने अपने नाम से फर्जी एडमिट कार्ड भी बनवाया था. फिर फर्जी एडमिट कार्ड के आधार पर वह आईटीबीपी केंद्र में पहुंच गया और जब नाबालिग अपने दोस्त रितेश की जगह दौड़ में शामिल होने पहुंचा तभी बायोमेट्रिक जांच के दौरान उसका फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया. इसके बाद आइटीबीपी की भर्ती करा रहे अधिकारियों ने दोनों को पकड़कर कैंट थाने की पुलिस के हवाले कर दिया.
दोस्त की खातिर पहुंचा सलाखों के पीछेः बताया जाता है कि रितेश और नाबालिग युवक दोनों आस-पास रहते हैं और दोनों में गहरी दोस्ती है. रितेश आइटीबीपी में भर्ती होना चाहता है पर वह खुद को दौड़ में कमजोर मानता है. लेकिन, उसका दोस्त दौड़ने में काफी तेज है, जिसके चलते वह अपने दोस्त को अपनी जगह भर्ती दौड़ में लेकर आया था. नाबालिग भी अपने दोस्त की खातिर फर्जी एडमिट कार्ड बनवाकर आइटीबीपी केंद्र की भर्ती प्रक्रिया में होने वाली दौड़ में शामिल होने के लिए पहुंच गया और पकड़ा गया.
पुलिस ने दोनों के खिलाफ किया मुकदमा दर्जः कैंट थाने की पुलिस ने आईटीबीपी केंद्र के अधिकारियों की शिकायत पर नाबालिग युवक और उसके दोस्त रितेश को गिरफ्तार कर लिया. नाबालिग को जहां बाल सुधार गृह भेजा गया, वहीं रितेश को पुलिस ने जेल भेज दिया. कैंट थाने के दरोगा अशोक कुमार ने बताया कि आइटीबीपी में कांस्टेबल की भर्ती प्रक्रिया के दौरान दौड़ होनी थी. दौड़ में दोस्त की जगह शामिल होने बीएससी का छात्र पहुंचा था, जो बायोमेट्रिक जांच के दौरान पकड़ा गया. दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए नाबालिग को बाल सुधार गृह और रितेश कुमार को जेल भेज दिया गया है.