बरेली: कंचन बचपन से ही इस खूबसूरत दुनिया न देख सकी, क्योंकि वह देख नहीं सकती थी. कंचन ने शादी कर ली. शादी के बाद कंचन ने एक लड़के को जन्म दिया. बच्चा कुपोषण का शिकार हो गया. बच्चे का नाम सूरज है. कंचन अपने बच्चे को लेकर बरेली जिला अस्पताल के कुपोषण पुर्नवास केंद्र पहुंची. आज सूरज तो ठीक है ही, लेकिन अब कंचन भी इस दुनिया की चका-चौंध को देख सकती है.
कंचन मझगवां ब्लाक के गांव चंदनपुर की रहने वाली है. उसके पति का नाम कल्लू सिंह है. कंचन अपने 7 माह के बेटे सूरज को लेकर कुपोषण पुर्नवास केंद्र पहुंची. कुपोषण के कारण सूरज की हालत ठीक नहीं थी. एनआरसी की डॉ. रोजो जैदी ने बच्चे की जांच की. जैदी को पता चला कि कंचन की आंख में मोतियाबिंद है और वह देख नहीं सकती है. डॉक्टर जैदी ने जिला अस्पताल के डॉ. डीएन सिंह को मामले की जानकारी दी. डॉ. डीएन सिंह ने कंचन का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन सफल रहा. कंचन की आंखों से पट्टी हटाई गई तो उसे थोड़ा-थोड़ा दिखने लगा. आज कंचन बहुत खुश है.
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कंचन का कहना है कि वो बहुत खुश है. जल्द ही अपने बच्चे को अच्छी तरह देख सकेगी. उसने डॉक्टरों को बहुत दुआएं दीं. उसने कहा कि यहां आने के बाद मेरी ज़िंदगी बदल गई. मैं अपनी आंखों से अपने बेटे को देख पा रही हूं.