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दरगाह आला हजरत की अपील! बकरीद पर खुले में न करें कुर्बानी और नालियों में न बहाएं खून

बरेली में स्थित दरगाह आला हजरत की तरफ से 10 जुलाई को मनाए जाने वाले ईद-उल-अजहा (बकरीद) को लेकर अपील जारी की गई है. अपील की गई है कि खुले में कुर्बानी न करें और खून नालियों में न बहाएं.

दरगाह आला हजरत
दरगाह आला हजरत
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Published : Jul 4, 2022, 10:12 PM IST

Updated : Jul 4, 2022, 10:43 PM IST

बरेलीः देश की सबसे प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत की तरफ से 10 जुलाई को मनाए जाने वाले ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर दी जाने वाली कुर्बानी को लेकर विशेष अपील की है. दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने कहा कि अच्छा मुसलमान व अच्छा शहरी होने की ज़िम्मेदारी निभाते हुए कुर्बानी देते वक्त दूसरे मजहब की भावनाओं का खास ख्याल रखते हुए कुर्बानी खुले में न करें. किसी बंद जगह में कुर्बानी कर उसके अवशेष किसी गड्ढे में दफन कर दे. साथ ही कुर्बानी के खून को नालियों में न बहने दे. कुर्बानी के फोटो या वीडियो सोशाल मीडिया पर वायरल न करें.

दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किया है. जिसमें कहा गया है कि 'दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने दीनी मसाइल पर चर्चा करते हुए कहा कि ईद-उल-अजहा का त्यौहार हजरत इब्राहीम अलहेअस्सलाम की याद में मनाया जाता है. कुर्बानी उन्हीं की सुन्नत है. देश भर के मुसलमान इस सुन्नत को खुशदिली के साथ अदा करें. ईद-उल-अजहा मजहबी त्योहार के साथ ही इंसानियत का भी त्यौहार है. यह उन एहसासों का त्यौहार है जो इंसानियत के लिए बेहद ज़रूरी है. हम मुसलमानों की जब दोनों ईद आती है तो उस दिन का आगाज दो रकात नमाज वाजिब से होता है.'

रजा कादरी ने आगे कहा कि 'मुसलमान ईद उल अज़हा को यह नमाज अदा कर कुर्बानी देकर अपने रब को राजी करता है. अल्लाह क़ुरआन में इरशाद फरमाता है कि ऐ महबूब अपने रब के लिए नमाज पढ़ो और कुर्बानी करो. हलाल तरीके से कमाए हुए पैसों से कुर्बानी जायज मानी जाती है, हराम की कमाई से नहीं. उन्होंने आगे कहा कि 'ऐसे जानवरों की ही कुर्बानी करें जिसकी हमे भारतीय कानून से इजाजत है. ऐसे जानवरों की कुर्बानी बिल्कुल न करे जिन पर हुकूमत-ए-हिन्द द्वारा प्रतिबंध है. कुर्बानी के दिनों में साफ-सफाई का खास ख्याल रखें. दीन-ए-इस्लाम मे साफ-सफाई को आधा ईमान करार दिया गया है. अमन-ओ-सुकून के साथ ईद-उल-अज़हा का त्यौहार मनाए.'

इसे भी पढ़ें-चांद नजर आया, 10 जुलाई को मनाई जाएगी बकरीद

बता दें कि ईद-उल-अजहा का त्यौहार देश भर में 10 जुलाई को मनाया जाएगा. ये त्यौहार तीन दिन तक मनाया जाता है. इस दिन मुसलमान सूरज निकलने के बाद दो रकात नमाज वाजिब अदा करता है. इसके बाद साहिबे निसाब (शरई मालदार) मर्द और औरत तीन दिन तक अपने रब की रजा की खातिर जानवरों की कुर्बानी देते है. ये सिलसिला 10 ज़िल्हहिज्जा (10 जुलाई) से 12 जिल्हहिज्जा (12 जुलाई) तक सूर्यास्त (सूरज डूबने से पहले) तक चलेगा.

मौलाना खालिद राशिद ने कुर्बानी की फोटो और वीडियो न बनाने की अपील की
लखनऊ: जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार, संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया व मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने सोमवार को ऐशबाग ईदगाह में मुस्लिम समाज के साथ बैठक की. बैठक में मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने ईद उल अजहा के दिन कुर्बानी की फोटो और वीडियो न बनाने के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड न करने की अपील की है. बैठक मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने बताया गया कि आगामी 10 जुलाई को ईद उल अजहा का त्यौहार मनाया जाएगा. इस मौके पर इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया द्वारा एक एडवाइजरी भी जारी की गई है. जिसका सभी लोगों को अनुपालन सुनिश्चित कराना है. जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि इस्लामिक सेंटर द्वारा जो एडवाइजरी जारी की गई है उस पर अमल किया जाए. एडवाइजरी को घर घर पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि आपसी सौहार्द कायम रखते हुए खुशी के साथ त्यौहार मनाए, प्रशासन आप के सहयोग के लिए हमेशा उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि इस्लामिक सेंटर द्वारा नगर निगम व अन्य विभागों से सम्बंधित कुछ कार्य बताए गए है. उन सबको समय कराया जाएगा.

बरेलीः देश की सबसे प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत की तरफ से 10 जुलाई को मनाए जाने वाले ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर दी जाने वाली कुर्बानी को लेकर विशेष अपील की है. दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने कहा कि अच्छा मुसलमान व अच्छा शहरी होने की ज़िम्मेदारी निभाते हुए कुर्बानी देते वक्त दूसरे मजहब की भावनाओं का खास ख्याल रखते हुए कुर्बानी खुले में न करें. किसी बंद जगह में कुर्बानी कर उसके अवशेष किसी गड्ढे में दफन कर दे. साथ ही कुर्बानी के खून को नालियों में न बहने दे. कुर्बानी के फोटो या वीडियो सोशाल मीडिया पर वायरल न करें.

दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किया है. जिसमें कहा गया है कि 'दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने दीनी मसाइल पर चर्चा करते हुए कहा कि ईद-उल-अजहा का त्यौहार हजरत इब्राहीम अलहेअस्सलाम की याद में मनाया जाता है. कुर्बानी उन्हीं की सुन्नत है. देश भर के मुसलमान इस सुन्नत को खुशदिली के साथ अदा करें. ईद-उल-अजहा मजहबी त्योहार के साथ ही इंसानियत का भी त्यौहार है. यह उन एहसासों का त्यौहार है जो इंसानियत के लिए बेहद ज़रूरी है. हम मुसलमानों की जब दोनों ईद आती है तो उस दिन का आगाज दो रकात नमाज वाजिब से होता है.'

रजा कादरी ने आगे कहा कि 'मुसलमान ईद उल अज़हा को यह नमाज अदा कर कुर्बानी देकर अपने रब को राजी करता है. अल्लाह क़ुरआन में इरशाद फरमाता है कि ऐ महबूब अपने रब के लिए नमाज पढ़ो और कुर्बानी करो. हलाल तरीके से कमाए हुए पैसों से कुर्बानी जायज मानी जाती है, हराम की कमाई से नहीं. उन्होंने आगे कहा कि 'ऐसे जानवरों की ही कुर्बानी करें जिसकी हमे भारतीय कानून से इजाजत है. ऐसे जानवरों की कुर्बानी बिल्कुल न करे जिन पर हुकूमत-ए-हिन्द द्वारा प्रतिबंध है. कुर्बानी के दिनों में साफ-सफाई का खास ख्याल रखें. दीन-ए-इस्लाम मे साफ-सफाई को आधा ईमान करार दिया गया है. अमन-ओ-सुकून के साथ ईद-उल-अज़हा का त्यौहार मनाए.'

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बता दें कि ईद-उल-अजहा का त्यौहार देश भर में 10 जुलाई को मनाया जाएगा. ये त्यौहार तीन दिन तक मनाया जाता है. इस दिन मुसलमान सूरज निकलने के बाद दो रकात नमाज वाजिब अदा करता है. इसके बाद साहिबे निसाब (शरई मालदार) मर्द और औरत तीन दिन तक अपने रब की रजा की खातिर जानवरों की कुर्बानी देते है. ये सिलसिला 10 ज़िल्हहिज्जा (10 जुलाई) से 12 जिल्हहिज्जा (12 जुलाई) तक सूर्यास्त (सूरज डूबने से पहले) तक चलेगा.

मौलाना खालिद राशिद ने कुर्बानी की फोटो और वीडियो न बनाने की अपील की
लखनऊ: जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार, संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया व मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने सोमवार को ऐशबाग ईदगाह में मुस्लिम समाज के साथ बैठक की. बैठक में मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने ईद उल अजहा के दिन कुर्बानी की फोटो और वीडियो न बनाने के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड न करने की अपील की है. बैठक मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने बताया गया कि आगामी 10 जुलाई को ईद उल अजहा का त्यौहार मनाया जाएगा. इस मौके पर इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया द्वारा एक एडवाइजरी भी जारी की गई है. जिसका सभी लोगों को अनुपालन सुनिश्चित कराना है. जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि इस्लामिक सेंटर द्वारा जो एडवाइजरी जारी की गई है उस पर अमल किया जाए. एडवाइजरी को घर घर पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि आपसी सौहार्द कायम रखते हुए खुशी के साथ त्यौहार मनाए, प्रशासन आप के सहयोग के लिए हमेशा उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि इस्लामिक सेंटर द्वारा नगर निगम व अन्य विभागों से सम्बंधित कुछ कार्य बताए गए है. उन सबको समय कराया जाएगा.

Last Updated : Jul 4, 2022, 10:43 PM IST
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