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बरेली: 6 साल की मासूम को मिला इंसाफ, आरोपी को मिली दोहरे आजीवन कारावास की सजा

यूपी के बरेली में पॉक्सो कोर्ट ने छह साल की बच्ची से दरिंदगी के आरोपित को दोहरे कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषी ने पांच साल पूर्व छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था.

छह साल की बच्ची से दरिंदगी में आजीवन कारावास की सजा
छह साल की बच्ची से दरिंदगी में आजीवन कारावास की सजा
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Published : Oct 23, 2020, 9:27 PM IST

बरेली: पॉक्सो कोर्ट ने 20 दिन के अंदर सुनवाई पूरी कर छह साल की बच्ची से दरिंदगी के आरोपित को दोहरे कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषी ने पांच साल पूर्व छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था.

जानकारी देते एसएसपी.

12 मार्च 2015 का मामला
फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र में 12 मार्च 2015 को छह साल की बच्ची दोपहर में घर के बाहर खेल रही थी. इस बीच एक अज्ञात व्यक्ति उसे खींचकर खेतों में ले गया और उसके साथ दरिंदगी की. बच्ची ने घर आकर पूरी बात अपनी मां को बताई. बच्ची के नाजुक अंगों से खून बह रहा था. पुलिस ने तीन घंटे के अंदर मुकदमा दर्ज कर बच्ची का मेडिकल कराया. पुलिस ने वारदात के तीसरे दिन ही कुछ संदिग्ध लड़कों के फोटोग्राफ पीड़िता को दिखाए तो उनमें से एक की पहचान हो गई. पीड़िता ने फोटो पहचान कर बताया की इसी शख्स ने बुरा काम किया था. पुलिस ने पीड़िता व आरोपित के कपड़े भी विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजे. मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में भी पीड़िता ने फोटो में दिखाई दे रहे व्यक्ति को आरोपित बताया.

इसी वर्ष फरवरी में मुकदमे की फाइल पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर हुई, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सबूत पेश नहीं हो सके. स्पेशल कोर्ट ने जिला जज की परमिशन लेने को चिट्ठी लिखी. इसी माह अक्टूबर में परमिशन मिलते ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही शुरू हुई. गवाहों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए. इस मुकदमे की खास बात यह भी रही कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने बहस भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूरी की. इस मामले में कोर्ट में पांच गवाह पेश हुए हुए थे.

पीसी से हुआ बयान
आरोपी का बयान भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से लिया गया. उसने अपने बयान में माना कि प्रयोगशाला भेजा गया बरामद अंडर गारमेंट उसी का था. बचाव पक्ष ने पीड़ित पक्ष से किसी रंजिश से भी इनकार किया. स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट-तृतीय अनिल कुमार सेठ ने आरोपित सोनू निवासी ठाकुरद्रारा फतेहगंज पश्चिमी के खिलाफ आरोप साबित पाते हुए दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत दोहरे कठोर कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि दोनों अलग-अलग सजाएं साथ-साथ चलेंगी. दोषी को मरते दम तक जेल में कैद रहना होगा. अदालत ने दोषी पर 60 हजार रुपए जुर्माना भी ठोंका है. जुर्माने की रकम में से 50 हजार रुपये बतौर मुआवजा पीड़िता के इलाज व पुनर्वास के लिए दिए जाएंगे. इस केस की पैरवी सरकारी वकील हरेंद्र पाल सिंह राठौर ने डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक के निर्देशन में की.

बरेली: पॉक्सो कोर्ट ने 20 दिन के अंदर सुनवाई पूरी कर छह साल की बच्ची से दरिंदगी के आरोपित को दोहरे कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषी ने पांच साल पूर्व छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था.

जानकारी देते एसएसपी.

12 मार्च 2015 का मामला
फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र में 12 मार्च 2015 को छह साल की बच्ची दोपहर में घर के बाहर खेल रही थी. इस बीच एक अज्ञात व्यक्ति उसे खींचकर खेतों में ले गया और उसके साथ दरिंदगी की. बच्ची ने घर आकर पूरी बात अपनी मां को बताई. बच्ची के नाजुक अंगों से खून बह रहा था. पुलिस ने तीन घंटे के अंदर मुकदमा दर्ज कर बच्ची का मेडिकल कराया. पुलिस ने वारदात के तीसरे दिन ही कुछ संदिग्ध लड़कों के फोटोग्राफ पीड़िता को दिखाए तो उनमें से एक की पहचान हो गई. पीड़िता ने फोटो पहचान कर बताया की इसी शख्स ने बुरा काम किया था. पुलिस ने पीड़िता व आरोपित के कपड़े भी विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजे. मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में भी पीड़िता ने फोटो में दिखाई दे रहे व्यक्ति को आरोपित बताया.

इसी वर्ष फरवरी में मुकदमे की फाइल पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर हुई, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सबूत पेश नहीं हो सके. स्पेशल कोर्ट ने जिला जज की परमिशन लेने को चिट्ठी लिखी. इसी माह अक्टूबर में परमिशन मिलते ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही शुरू हुई. गवाहों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए. इस मुकदमे की खास बात यह भी रही कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने बहस भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूरी की. इस मामले में कोर्ट में पांच गवाह पेश हुए हुए थे.

पीसी से हुआ बयान
आरोपी का बयान भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से लिया गया. उसने अपने बयान में माना कि प्रयोगशाला भेजा गया बरामद अंडर गारमेंट उसी का था. बचाव पक्ष ने पीड़ित पक्ष से किसी रंजिश से भी इनकार किया. स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट-तृतीय अनिल कुमार सेठ ने आरोपित सोनू निवासी ठाकुरद्रारा फतेहगंज पश्चिमी के खिलाफ आरोप साबित पाते हुए दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत दोहरे कठोर कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि दोनों अलग-अलग सजाएं साथ-साथ चलेंगी. दोषी को मरते दम तक जेल में कैद रहना होगा. अदालत ने दोषी पर 60 हजार रुपए जुर्माना भी ठोंका है. जुर्माने की रकम में से 50 हजार रुपये बतौर मुआवजा पीड़िता के इलाज व पुनर्वास के लिए दिए जाएंगे. इस केस की पैरवी सरकारी वकील हरेंद्र पाल सिंह राठौर ने डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक के निर्देशन में की.

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