ETV Bharat / state

ग्राम प्रधान के चुनाव में जीती लेकिन घर में है मातम, जानिए क्यों - रनापुर गांव

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक ग्राम पंचायत चुनाव में जीतने वाली महिला का दो दिन पहले ही निधन हो गया.

बाराबंकी
बाराबंकी
author img

By

Published : May 2, 2021, 8:44 PM IST

बाराबंकीः ग्राम प्रधान बनने के लिए जबरदस्त मेहनत की, जोरदार चुनाव प्रचार किया. गांव वालों से सेवा करने का मौका मांगा. प्रत्याशी के इस वादे को देख गांव वालों ने भी उसे निराश नहीं किया. रविवार को आए नतीजे में प्रत्याशी को जबर्दस्त जीत भी मिली लेकिन प्रत्याशी इस जीत की खुशी नहीं देख सकी. दरअसल, गांव वालों द्वारा मत के रूप में दिए गए प्यार को देखने के लिए प्रत्याशी अब इस दुनिया में नहीं है. मतदान होने के दूसरे दिन वह बीमार हुई और दो दिन पहले उसकी मौत हो गई. जीत की खबर पता चली तो भी घर में मातम ही पसरा रहा.

रनापुर गांव का मामला
मामला बाराबंकी के हैदरगढ़ ब्लॉक के रनापुर गांव का है. यहां पहले राजीव मोहन चौधरी ग्राम प्रधान थे. नये आरक्षण में यह ग्रामसभा सीट अन्य पिछड़ा महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुई. इस बार राजीव मोहन चौधरी ने अपनी पत्नी कुसुम लता को चुनाव लड़ाया. चुनाव जीतने के लिए इन्होंने खूब मेहनत की. राजीव मोहन ने अपने पिछले कार्यकाल का हवाला दिया. 26 अप्रैल को हुए मतदान में गांव वालों ने इन्हें निराश नहीं किया और जोरदार मतदान हुआ.

दो दिन पूर्व हो गई मौत
मतदान के बाद सबकुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन बुधवार को कुसुमलता की तबीयत खराब हो गई. गुरुवार को सुबह उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई और जब तक घर वाले उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाते, कुसुमलता की मौत हो गई. राजीव मोहन चौधरी के चचेरे भाई जतिन चौधरी ने बताया कि कुसुमलता के पति समेत घर के कई लोगों की तबीयत खराब है. वे अस्पताल में भर्ती हैं.

इसे भी पढ़ेंः वोट न देने के शक में प्रधान प्रत्याशी ने जलाया महिला का घर

शशि चौधरी को 40 वोटों से हराया
इस ग्राम पंचायत में तीन प्रत्याशी कुसुमलता, पूनम और शशि चौधरी चुनावी मैदान में थीं. रविवार को मतगणना हुई तो कुसुमलता को 404 वोट मिले और वे चुनाव जीत गईं जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी शशि चौधरी को 364 वोट मिले. इस जीत के बाद भी गांव में कोई खुशी नहीं है.

बाराबंकीः ग्राम प्रधान बनने के लिए जबरदस्त मेहनत की, जोरदार चुनाव प्रचार किया. गांव वालों से सेवा करने का मौका मांगा. प्रत्याशी के इस वादे को देख गांव वालों ने भी उसे निराश नहीं किया. रविवार को आए नतीजे में प्रत्याशी को जबर्दस्त जीत भी मिली लेकिन प्रत्याशी इस जीत की खुशी नहीं देख सकी. दरअसल, गांव वालों द्वारा मत के रूप में दिए गए प्यार को देखने के लिए प्रत्याशी अब इस दुनिया में नहीं है. मतदान होने के दूसरे दिन वह बीमार हुई और दो दिन पहले उसकी मौत हो गई. जीत की खबर पता चली तो भी घर में मातम ही पसरा रहा.

रनापुर गांव का मामला
मामला बाराबंकी के हैदरगढ़ ब्लॉक के रनापुर गांव का है. यहां पहले राजीव मोहन चौधरी ग्राम प्रधान थे. नये आरक्षण में यह ग्रामसभा सीट अन्य पिछड़ा महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुई. इस बार राजीव मोहन चौधरी ने अपनी पत्नी कुसुम लता को चुनाव लड़ाया. चुनाव जीतने के लिए इन्होंने खूब मेहनत की. राजीव मोहन ने अपने पिछले कार्यकाल का हवाला दिया. 26 अप्रैल को हुए मतदान में गांव वालों ने इन्हें निराश नहीं किया और जोरदार मतदान हुआ.

दो दिन पूर्व हो गई मौत
मतदान के बाद सबकुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन बुधवार को कुसुमलता की तबीयत खराब हो गई. गुरुवार को सुबह उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई और जब तक घर वाले उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाते, कुसुमलता की मौत हो गई. राजीव मोहन चौधरी के चचेरे भाई जतिन चौधरी ने बताया कि कुसुमलता के पति समेत घर के कई लोगों की तबीयत खराब है. वे अस्पताल में भर्ती हैं.

इसे भी पढ़ेंः वोट न देने के शक में प्रधान प्रत्याशी ने जलाया महिला का घर

शशि चौधरी को 40 वोटों से हराया
इस ग्राम पंचायत में तीन प्रत्याशी कुसुमलता, पूनम और शशि चौधरी चुनावी मैदान में थीं. रविवार को मतगणना हुई तो कुसुमलता को 404 वोट मिले और वे चुनाव जीत गईं जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी शशि चौधरी को 364 वोट मिले. इस जीत के बाद भी गांव में कोई खुशी नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.