बाराबंकी: जिले में कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा था. स्वास्थ्य सेवाएं बंद होने से माता-पिता अपने बच्चों का समय से टीकाकरण नहीं करा पा रहे हैं. समय पर बच्चे का टीकाकरण नहीं हो पाने से आगे चलकर गम्भीर बीमारियों की आशंका रहती है. टीकाकरण की समस्या को देखते हुए शासन ने अभियान को गति देने के निर्देश दिए हैं.
बाराबंकी सीएमओ डॉ. रमेश चन्द्रा ने बताया कि कोविड-19 के चलते टीकाकरण के अभियान रोक दिए गए थे. एएनएम और आशा बहुएं भी केंद्रों पर नहीं पहुंच पा रही थीं. साथ ही टीकाकरण के लिए आयोजित होने वाले सत्र भी बंद कर दिए गए थे. उन्होंने बताया कि तकरीबन डेढ़ महीने से जिले में टीकाकरण बंद है, लेकिन अब शासन ने नियमित टीकाकरण करने के आदेश दिए हैं.
वहीं, एएनएम मिथिलेश कुमारी ने कहा कि शासन के निर्देश पर एएनएम और आशा बहुओं ने टीकाकरण की शुरुआत कर दी है. हर बुधवार और शनिवार को केंद्रों पर पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस से बचाव करते हुए एएनएम को टीकाकरण करने के निर्देश दिए गए हैं.
क्या है टीका
किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए बच्चे के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित की जाती है, इसके लिए टीकाकरण किया जाता है. बच्चे के जन्म के समय बीसीजी, ओरल पोलियो वैक्सीन और हेपेटाइटिस बी के टीके लगाए जाते हैं. उसके बाद 6 हफ्ते पर, फिर 10 हफ्ते पर और 14 हफ्ते पर अलग-अलग टीके लगाए जाते हैं.
बाराबंकी: बच्चों के टीकाकरण पर भी लॉकडाउन का असर, अभियान को गति देने के निर्देश - vaccination affected
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में कोरोना लॉकडाउन के चलते बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा था. जिसके बाद अब शासन ने टीकाकरण अभियान को गति देने के निर्देश दिए हैं.
बाराबंकी: जिले में कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा था. स्वास्थ्य सेवाएं बंद होने से माता-पिता अपने बच्चों का समय से टीकाकरण नहीं करा पा रहे हैं. समय पर बच्चे का टीकाकरण नहीं हो पाने से आगे चलकर गम्भीर बीमारियों की आशंका रहती है. टीकाकरण की समस्या को देखते हुए शासन ने अभियान को गति देने के निर्देश दिए हैं.
बाराबंकी सीएमओ डॉ. रमेश चन्द्रा ने बताया कि कोविड-19 के चलते टीकाकरण के अभियान रोक दिए गए थे. एएनएम और आशा बहुएं भी केंद्रों पर नहीं पहुंच पा रही थीं. साथ ही टीकाकरण के लिए आयोजित होने वाले सत्र भी बंद कर दिए गए थे. उन्होंने बताया कि तकरीबन डेढ़ महीने से जिले में टीकाकरण बंद है, लेकिन अब शासन ने नियमित टीकाकरण करने के आदेश दिए हैं.
वहीं, एएनएम मिथिलेश कुमारी ने कहा कि शासन के निर्देश पर एएनएम और आशा बहुओं ने टीकाकरण की शुरुआत कर दी है. हर बुधवार और शनिवार को केंद्रों पर पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस से बचाव करते हुए एएनएम को टीकाकरण करने के निर्देश दिए गए हैं.
क्या है टीका
किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए बच्चे के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित की जाती है, इसके लिए टीकाकरण किया जाता है. बच्चे के जन्म के समय बीसीजी, ओरल पोलियो वैक्सीन और हेपेटाइटिस बी के टीके लगाए जाते हैं. उसके बाद 6 हफ्ते पर, फिर 10 हफ्ते पर और 14 हफ्ते पर अलग-अलग टीके लगाए जाते हैं.