ETV Bharat / state

कोरोना की मार: सरकारी स्कूलों की तरफ बढ़ा छात्रों का रूझान - बाराबंकी में सरकारी विद्यालय

बाराबंकी जिले में सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए छात्रों में होड़ मची है. जिले के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार छात्रों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.

सरकारी विद्यालयों की तरफ बढ़ा छात्रों का रुझान
सरकारी विद्यालयों की तरफ बढ़ा छात्रों का रूझान.
author img

By

Published : Aug 10, 2020, 11:01 AM IST

बाराबंकी: जिले में कोरोना काल में लोग राजकीय स्कूलों और एडेड स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवाने को प्राथमिकता दे रहे हैं. हाल ये है कि निजी स्कूलों से लोग अपने बच्चों के नाम कटा कर सरकारी स्कूलों में लिखवा रहे हैं. यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में भीड़ बढ़ रही है. कम से कम बाराबंकी का तो यही हाल है.

जानकारी देते जिला विद्यालय निरीक्षक.
बाराबंकी जिले में 38 राजकीय हाईस्कूल और इंटर कालेज हैं. इसके अलावा 39 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं. पहले लोगों का रुझान प्राइवेट स्कूलों की तरफ रहता था, लेकिन इस बार कोरोना संकट ने सब कुछ बदल कर रख दिया है. काम धंधे अभी पटरी पर नहीं आ सके हैं. लोगों के रोजगार छिन गए हैं. तमाम लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. पूरी तरह लोग आर्थिक संकट के चपेट में हैं. स्कूल संचालक ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं.

ऐसे में अभिभावकों का मानना है कि जब घर में ही रहकर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करनी है तो क्यों न वे कम फीस देकर पढ़ाई कराएं. इसी कारण सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में एडमिशन के लिए भीड़ लग रही है. सरकारी स्कूलों में पहले जहां एक क्लास के दो सेक्शन भरने मुश्किल हो जाते थे, वहीं इस बार तीन-तीन सेक्शन भर रहे हैं. जिले के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार छात्रों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्षों की तुलना में इस बार 45 फीसदी वृद्धि हुई है.

इन सरकारी स्कूलों में अभी न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही पर्याप्त संसाधन. लिहाजा एडमिशन कराने के लिए बढ़ने वाली भीड़ से विभागीय अधिकारी हलकान हैं.

बाराबंकी: जिले में कोरोना काल में लोग राजकीय स्कूलों और एडेड स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवाने को प्राथमिकता दे रहे हैं. हाल ये है कि निजी स्कूलों से लोग अपने बच्चों के नाम कटा कर सरकारी स्कूलों में लिखवा रहे हैं. यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में भीड़ बढ़ रही है. कम से कम बाराबंकी का तो यही हाल है.

जानकारी देते जिला विद्यालय निरीक्षक.
बाराबंकी जिले में 38 राजकीय हाईस्कूल और इंटर कालेज हैं. इसके अलावा 39 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं. पहले लोगों का रुझान प्राइवेट स्कूलों की तरफ रहता था, लेकिन इस बार कोरोना संकट ने सब कुछ बदल कर रख दिया है. काम धंधे अभी पटरी पर नहीं आ सके हैं. लोगों के रोजगार छिन गए हैं. तमाम लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. पूरी तरह लोग आर्थिक संकट के चपेट में हैं. स्कूल संचालक ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं.

ऐसे में अभिभावकों का मानना है कि जब घर में ही रहकर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करनी है तो क्यों न वे कम फीस देकर पढ़ाई कराएं. इसी कारण सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में एडमिशन के लिए भीड़ लग रही है. सरकारी स्कूलों में पहले जहां एक क्लास के दो सेक्शन भरने मुश्किल हो जाते थे, वहीं इस बार तीन-तीन सेक्शन भर रहे हैं. जिले के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में पिछले वर्षों की अपेक्षा इस बार छात्रों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्षों की तुलना में इस बार 45 फीसदी वृद्धि हुई है.

इन सरकारी स्कूलों में अभी न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही पर्याप्त संसाधन. लिहाजा एडमिशन कराने के लिए बढ़ने वाली भीड़ से विभागीय अधिकारी हलकान हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.