बाराबंकी : बेसहारा और छुट्टा गोवंशों के लिए बनवाए गए आश्रय स्थल अब इनके लिए मौत का घर साबित हो रहे हैं. केवल बाराबंकी जिले में बीते तीन महीनों में लगभग 50 बेजुबानों ने दम तोड़ दिया है. यह हाल केवल एक केंद्र का है बल्कि सभी दूसरे केंद्रों पर भी ऐसे ही हालात हैं.
क्यों दम तोड़ रहे हैं गोवंश
- नगर सीमा स्थित जिन्हौली गांव का मामला.
- तीन माह में 211 गोवंशों को पकड़कर यहां बंद किया गया है.
- आनन-फानन में प्रशासन ने आश्रय बनवा दिया, लेकिन पर्याप्त व्यवस्था नहीं कराई.
- महज सूखा भूसा खाकर जीने को मजबूर हैं.
- तेज धूप में धधकती टिन के नीचे एक पल बिताना भी मुहाल है.
- 211 में से अब केवल 160 गोवंश ही बचे हैं.
न तो हरा चारा है, न धूप से बचने के उपाय. कैसे जियेंगे, एक-एक करके दम तोड़ते जा रहे हैं. प्रशासन से कहते तो हैं, लेकिन कोई सुनता ही नहीं है.
- सोहनलाल, आश्रय स्थल कर्मचारी