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300 साल पुराना है बाराबंकी का बराती शिवाला मंदिर, जानिए इसके नाम के पीछे की कहानी

यूपी के बाराबंकी स्थित दरियाबाद नगर पंचायत में 300 साल पुराना बराती शिवाला शिवलिंग स्थित है, जिसकी महिमा अपरमपार है. मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से भोलेनाथ की प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.

बराती शिवाला मंदिर.
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Published : Aug 12, 2019, 10:37 AM IST

बाराबंकी: जिले के दरियाबाद नगर पंचायत में स्थित बराती शिवाला मंदिर की महिमा अपरमपार है. सावन के महीने में दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. बताया जाता है कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग 300 साल पुराना है और इस मंदिर का निर्माण बराती लाल सोनी नामक शिव भक्त ने कराया था. तभी से मंदिर का नाम बराती शिवाला पड़ गया.

जानिए, बराती शिवाला मंदिर की महिमा.
  • जिले के दरियाबाद नगर पंचायत में बराती शिवाला शिवंलिग स्थित है.
  • मंदिर का इतिहास तीन सौ साल पुराना है.
  • मंदिर का निर्माण बराती लाल सोनी नामक शिव भक्त ने करवाया था.
  • बराती लाल सोनी के वंशज आज भी मंदिर की व्यवस्था देखते हैं.
  • समय-समय पर मंदिर का जीर्णोद्धार श्रद्धालुओं के सहयोग से भी होता रहता है.

जानिए मंदिर का इतिहास
इस मंदिर के निर्माण के पीछे एक कहानी बताई जाती है. जब बराती लाल सोनी को व्यापार में घाटा हो गया था और वे पारिवारिक और व्यवसायिक समस्याओं से परेशान थे, तो एक ज्योतिषी ने उन्हें शिवजी की आराधना और मंदिर निर्माण कर करने का सुझाव दिया था जिसके बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया. इससे उनकी मनोकामना पूरी हो गई. भक्तों का मानना है कि जो भी बाबा से अपनी अरदास लगाता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है.

बाराबंकी को पहचान देने वाली 'चन्द्रकला' की क्या है खासियत, जानने के लिये पढ़ें

वहीं जब इस बात को लेकर ईटीवी भारत ने बराती लाल सोनी के 8वीं पीढ़ी के सदस्य अवधेश सोनी से बात की, तो उन्होंने बताया कि भोले शंकर की कृपा से मेरा वंश आज संपन्न और खुशहाल है. उन्होंने बताया कि वह मन की शांति के लिए यहां आकर 'ओम नमः शिवाय' का जाप करते हैं, जिससे मन को एक अलौकिक शक्ति प्रदान होती है.

बाराबंकी: जिले के दरियाबाद नगर पंचायत में स्थित बराती शिवाला मंदिर की महिमा अपरमपार है. सावन के महीने में दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. बताया जाता है कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग 300 साल पुराना है और इस मंदिर का निर्माण बराती लाल सोनी नामक शिव भक्त ने कराया था. तभी से मंदिर का नाम बराती शिवाला पड़ गया.

जानिए, बराती शिवाला मंदिर की महिमा.
  • जिले के दरियाबाद नगर पंचायत में बराती शिवाला शिवंलिग स्थित है.
  • मंदिर का इतिहास तीन सौ साल पुराना है.
  • मंदिर का निर्माण बराती लाल सोनी नामक शिव भक्त ने करवाया था.
  • बराती लाल सोनी के वंशज आज भी मंदिर की व्यवस्था देखते हैं.
  • समय-समय पर मंदिर का जीर्णोद्धार श्रद्धालुओं के सहयोग से भी होता रहता है.

जानिए मंदिर का इतिहास
इस मंदिर के निर्माण के पीछे एक कहानी बताई जाती है. जब बराती लाल सोनी को व्यापार में घाटा हो गया था और वे पारिवारिक और व्यवसायिक समस्याओं से परेशान थे, तो एक ज्योतिषी ने उन्हें शिवजी की आराधना और मंदिर निर्माण कर करने का सुझाव दिया था जिसके बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया. इससे उनकी मनोकामना पूरी हो गई. भक्तों का मानना है कि जो भी बाबा से अपनी अरदास लगाता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है.

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वहीं जब इस बात को लेकर ईटीवी भारत ने बराती लाल सोनी के 8वीं पीढ़ी के सदस्य अवधेश सोनी से बात की, तो उन्होंने बताया कि भोले शंकर की कृपा से मेरा वंश आज संपन्न और खुशहाल है. उन्होंने बताया कि वह मन की शांति के लिए यहां आकर 'ओम नमः शिवाय' का जाप करते हैं, जिससे मन को एक अलौकिक शक्ति प्रदान होती है.

Intro:बाराबंकी. दरियाबाद नगर पंचायत में ब्लॉक के बगल प्रचीन बराती शिवाला के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा है. दरियाबाद पहले जिला मुख्यालय हुआ करता था ऐसे में जिले भर के लोग यहां पहुंचते थे और सावन के महीने में आज भी यहां दूरदराज से लोग चलकर जल चढ़ाने आते हैं.
बराती शिवाला में स्थापित शिवलिंग करीब 300 साल पुराना है. बराती लाल सोनी नामक शिव भक्तों ने इस मंदिर का निर्माण कराया था इसलिए इसे बराती शिवाला कहा जाता है बराती लाल सोनी के वंशज आज भी मंदिर की व्यवस्था देखते हैं .समय-समय पर मंदिर का जीर्णोद्धार श्रद्धालुओं के सहयोग से हुआ ।




Body:इस मंदिर के निर्माण के पीछे एक कहानी है. बताया जाता है. कि बराती लाल सोनी को व्यापार में घाटा हो गया था .पारिवारिक व व्यवसायिक समस्याओं से परेशान थे एक ज्योतिषी ने उन्हें शिवजी की आराधना मंदिर निर्माण कर करने का सुझाव दिया था इससे उनकी मनोकामनाएं पूरी हुई थी लोगों का मानना है. कि यहां उनकी अरदास आज भी सुनी जाती है।

सावन माह भर भक्तों का आवागमन मंदिर में ज्यादा रहने की दृष्टि से पहले से ही साफ-सफाई व रंगाई पुताई कराई गई मंदिर में रुद्राभिषेक के लिए लोग पहले से ही तिथियां निर्धारित किए हैं. सुबह 4:00 बजे मंदिर खुल जाता है. और रात 8:00 बजे आरती के बाद बंद होता है. सावन के सोमवार कजरी तीज महाशिवरात्रि नाग पंचमी व गणेश चतुर्थी आज के मौके पर विशेष पूजा व अनुष्ठान होते हैं. वर्ष में एक बार श्री राम कथा व भंडारा का आयोजन भी होता है।


Conclusion:इस बार यहां श्रद्धालुओं के लिए खास तरह के इंतजामों के साथ ही प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था के बीच जान किए गए हैं यहां भक्तों की भीड़ जुट रही है.
वहीं जब इस बात को लेकर के बराती लाल सोनी के 8 वीं पीढ़ी के सदस्य अवधेश सोनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भोले शंकर की कृपा से मेरा वंश आज संपन्न व खुशहाल भोले शिव की कृपा से है. और मन की शांति के लिए यहां आकर के ओम नमः शिवाय का जाप करते हैं. मन को एक अलौकिक शक्ति प्रदान होती है.
और जो भी है सच्चे मन से आता है भोलेनाथ उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं ऐसा अवधेश सोनी ने बताया.


बाइट. अवधेश सोनी.


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