बाराबंकी: जिले पुलिस ने धोखाधड़ी कर बाइक बेचने वाले एक बड़े संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर उनके कब्जे से 77 मोटरसाइकिलें भी बरामद की हैं. बता दें कि इस गिरोह में कई एजेंसियां, बैंककर्मी और इन्श्योरेंस कम्पनी के कर्मचारी भी शामिल हैं. पुलिस अब इस सिंडीकेट के हर स्टेप्स को खंगालने के साथ ही गिरोह के सरगना समेत इस गोरखधंधे में शामिल लोगों की तलाश में जुट गई है. साथ ही क्राइम की दुनिया के इस अनोखे ढंग को देख पुलिस कप्तान भी हैरान हैं.
जिले के मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र की पुलिस और स्वाट टीम ने एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है. टीम ने रविवार को बेलहरा मार्ग पर बाबा साहेब चौराहे पर चेकिंग के दौरान अलग-अलग मोटरसाइकिल पर सवार चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है . साथ ही इनकी निशानदेही पर 77 मोटरसाइकिल भी बरामद की गई हैं.
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बता देंं कि पकड़े गए युवकों में एक जैदपुर थाने के बरैयां गांव का रहने वाला सुरेंद्र, दूसरा युवक नगर कोतवाली के नबीगंज का रहने वाला कफील, तीसरा नगर कोतवाली के पीरबटावन नई बस्ती का अंजर और चौथा युवक मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के बेलहरा गांव का रहने वाला पुन्ना है. साथ ही गिरोह के सरगना रवि मसीह समेत 6 आरोपियों की तलाश की जा रही है.
जानिए क्या थी मोडस ऑपरेंडी
जब कोई व्यक्ति किसी एजेंसी से मोटरसाइकिल खरीदता है. तो गिरोह के सदस्य उस एजेंसी से उसकी आईडी समेत तमाम कागजात प्राप्त कर लिए जाते हैं . उसके बाद कूट रचना कर किसी दूसरे व्यक्ति का फोटो उन कागजातों और आईडी पर लगा दिया जाता है. इन्ही कागजातों के आधार पर गिरोह के सदस्य एक दूसरी बाइक फाइनेंस करा लेते हैं. फिर उस गाड़ी को ग्रामीण अंचलों में सस्ते दामों पर ये कहकर बेच दी जाती है कि इसे मिलिट्री कैंटीन से खरीदा गया है.
इसी कारण ये सस्ती है और किसी दूसरे के नाम पर है. सस्ते दाम के चलते ग्रामीण इस गिरोह के झांसे में आ जाते थे और बाइक को खरीद लेते थे. साथ ही बाद में जब फाइनेंस कंपनी कागजात के आधार पर पहुंचती तो बाइक खरीदने वाला व्यक्ति अपनी बाइक की बात तो बताता, लेकिन उन्ही कागजातों पर दूसरी बाइक से अनभिज्ञता जताता है.