बाराबंकी: किसानों को राहत देने वाली स्कीम 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना में अपात्रों को फायदा हुआ. जिले में तकरीबन ढाई लाख अपात्र लोगों के खातों में किसान सम्मान निधि चली गई. डोर टू डोर सर्वे शुरू हुआ तो इस बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ.
अब इन अपात्र लोगों से किसान सम्मान निधि की वापसी कराई जा रही है. अब तक तकरीबन 25 से ज्यादा लोगों ने वापस भी कर दिया है. वहीं प्रशासन ने चेतावनी दी है कि निधि हासिल करने वाले अपात्र लोगों ने अगर निधि वापस नहीं किया तो उनके खिलाफ मुकदमा लिखा जाएगा.
डेटा फीडिंग में हुई गड़बड़ी
डेटा फीडिंग में गड़बड़ी के चलते अपात्र किसान बनकर लाखों लोगों ने किसान सम्मान निधि हासिल कर लिया. सर्वे शुरू हुआ तो चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिले. तमाम ऐसे लोगों के खातों में निधि पहुंच गई, जो किसान नहीं हैं. यही नहीं सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि हजारों मृतकों के खातों में ये निधि पहुंच गई.
जिले में किसान सम्मान निधि के लिए 5,58,514 किसानों का डाटा अपलोड किया गया था. पहली किस्त 4,51,713 किसानों को भेजी गई थी. उसके बाद दूसरी किस्त 4,0,3911 किसानों को मिली. इसी तरह हर बार किसानों की संख्या घटती गई. तीसरी किस्त 4,0,9805 किसानों को, चौथी किस्त 3,0,5978 किसानों को, पांचवी किस्त 2,97,483 किसानों को भेजी गई. छठी किस्त में पहली किस्त से आधे से भी कम किसान रह गए. छठी किस्त 2,0,2143 किसानों को मिली. डेटा फीडिंग में गड़बड़ी के चलते लाखों अपात्रों को पात्र बना दिया गया और तमाम पात्र इस योजना से वंचित हो गए.
अपात्रों के खातों में किसान सम्मान निधि के पहुंच जाने से कृषि विभाग में हड़कंप मचा है. विभाग अब ऐसे अपात्रों को नोटिस जारी कर उनसे वसूली कर रहा है. अब तक 25 से ज्यादा अपात्र लोग निधि लौटा चुके हैं, जो अपात्र किसान सम्मान निधि वापस नहीं करेंगे, उनके खिलाफ मुकदमा लिखे जाने की भी तैयारी है.
क्या है योजना
एक दिसंबर 2018 को 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना लागू हुई थी. इसके तहत छोटे किसानों को हर साल छह हजार रुपये आर्थिक सहायता दी जाती है. तीन किस्तों में ये सहायता दी जाती है. किसान सम्मान निधि वितरण में हुई गड़बड़ी के लिए कौन जिम्मेदार है यह तो जांच में ही पता चलेगा, लेकिन इस गड़बड़ी ने कृषि विभाग और राजस्व समेत बैंकों का काम जरूर बढ़ा दिया है.