बाराबंकी: कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया ने ईटीवी भारत से बात करते हुए एनआरसी को एनपीआर से जोड़े जाने को गलत नीति बताया. साथ ही उन्होंने डिटेंशन सेंटर को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री जी ने रामलीला मैदान से कहा कि देश में एक भी डिटेंशन सेंटर नहीं है, जबकि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में छह डिटेंशन सेंटर हैं.
पीएल पुनिया ने कहा कि एनपीआर को यूपीए लेकर आई थी, लेकिन उसे उस समय एनआरसी से नहीं जोड़ा गया. वर्तमान की मोदी सरकार एनपीआर को एनआरसी से जोड़ रही है, जो गलत है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से बड़ी संख्या में लोगों की नागरिकता खतरे में पड़ जाएगी. एक उदाहरण के जरिए उन्होंने कहा कि यदि असम जैसे राज्य में 19 लाख लोगों की नागरिकता खतरे में पड़ गई तो, एक साथ इतने बड़े देश में कितने लोग गैर नागरिक हो जाएंगे. 130 करोड़ की आबादी में यह संख्या कितनी बड़ी होगी, यह बताना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों से उनकी नागरिकता के बारे में सवाल किया जाएगा और उनसे उनकी नागरिकता के सबूत मांगे जाएंगे.
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डिटेंशन कैंप को लेकर पूछे गए सवाल पर पीएल पुनिया ने कहा कि डिटेंशन कैंप को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है. पीएम मोदी कहते हैं कि देश में एक भी डिटेंशन कैंप नहीं है, बल्कि देश में कई डिटेंशन कैंप हैं. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में लिखित प्रश्न के जवाब में सरकार ने खुद बताया है कि उन्होंने डिटेंशन कैंप की एक मॉडल डिजाइन सभी राज्यों को सर्कूलेट किया है और इसके लिए सभी राज्यों को उन्होंने 50 करोड़ की धनराशि भी आबंटित की है. वहीं गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में छह डिटेंशन सेंटर काम कर रहे हैं और हर एक डिटेंशन सेंटर में बंद लोगों की संख्या भी दी गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने रामलीला मैदान में डिटेंशन कैंप के बारे में जो भी बोला वो गलत बोला, झूठ बोला.