बाराबंकी: केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस वर्ष 2020-21 की अफीम नीति में बदलाव किया गया है. विभाग ने इस बार अफीम पोस्त की खेती करने वाले काश्तकारों को जारी किए जाने वाले लाइसेंस का आधार बदल दिया है. पिछले वर्ष जहां प्रति हेक्टेयर साढ़े चार किलो मार्फीन का औसत देने वाले किसानों को लाइसेंस दिए गए थे, वहीं इस बार 4.2 किलो मार्फीन का औसत देने वाले किसानों को ही लाइसेंस का पात्र माना गया है. जिन्होंने लगातार पिछले 4 वर्षों तक अपनी फसल नहीं जुतवाई है, उन्हें भी लाइसेंस दिया जाएगा. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार एक हजार लाइसेंस ज्यादा बांटे जाएंगे.
4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर मार्फीन स्ट्रेंथ वालों को 5 एरी यानी 0.05 हेक्टेयर.
4.2 से 5.4 किग्रा प्रति हेक्टेयर स्ट्रेंथ वालों को 6 एरी यानी 0.06 हेक्टेयर.
5.4 से 5.9 किग्रा प्रति हेक्टेयर मार्फीन स्ट्रेंथ वालों को 10 एरी यानी 0.10 हेक्टेयर.
5.9 से अधिक वालों को 12 एरी यानी 0.12 हेक्टेयर.
इसके साथ ही उन किसानों को भी लाइसेंस जारी किए जाएंगे, जिनकी फसल खराब हो गई थी और जिन्होंने लगातार 4 वर्षों तक अपनी फसल नही जुतवाई थी. उन्हें भी 5 एरी का लाइसेंस मिलेगा.
पिछले वर्ष महज 27 किसानों ने जमा की अफीम
पिछले वर्ष जिला कार्यालय ने 1953 किसानों को लाइसेंस जारी किए थे, लेकिन भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें खराब हो गई थीं. 27 किसानों को छोड़कर बाकी सभी किसानों ने अपनी फसल विभागीय अधिकारियों की देख-रेख में जुतवा दी थी. केवल 27 किसानों ने ही अफीम जमा की थी.