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बाराबंकी: मार्फीन की स्ट्रेंथ के आधार पर दिए जाएंगे अफीम पोस्त की खेती के लाइसेंस

2020-21 की अफीम नीति में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बदलाव किए हैं. विभाग ने इस बार अफीम पोस्त की खेती करने वाले काश्तकारों का आधार बदल दिया है. नई नीति के हिसाब से अब लाइसेंस का आधार मार्फीन की स्ट्रेंथ होगी. लिहाजा, कई बदलाव किए गए हैं.

अफीम पोस्त की खेती के लाइसेंस
अफीम पोस्त की खेती के लाइसेंस
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Published : Oct 29, 2020, 3:40 PM IST

बाराबंकी: केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस वर्ष 2020-21 की अफीम नीति में बदलाव किया गया है. विभाग ने इस बार अफीम पोस्त की खेती करने वाले काश्तकारों को जारी किए जाने वाले लाइसेंस का आधार बदल दिया है. पिछले वर्ष जहां प्रति हेक्टेयर साढ़े चार किलो मार्फीन का औसत देने वाले किसानों को लाइसेंस दिए गए थे, वहीं इस बार 4.2 किलो मार्फीन का औसत देने वाले किसानों को ही लाइसेंस का पात्र माना गया है. जिन्होंने लगातार पिछले 4 वर्षों तक अपनी फसल नहीं जुतवाई है, उन्हें भी लाइसेंस दिया जाएगा. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार एक हजार लाइसेंस ज्यादा बांटे जाएंगे.

जानकारी देते जिला अफीम अधिकारी.
पोस्त की खेती के लिए सूबे में 9 जिले प्रमुख हैं. इनमें पश्चिम के तीन जिलों के लाइसेंस बरेली यूनिट से जारी किए जाते हैं, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के लिए लाइसेंस बाराबंकी यूनिट से जारी होते हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के 615 गांवों के तकरीबन 2925 किसानों को लाइसेंस जारी करने की गुरुवार से शुरू हुई प्रक्रिया 10 नवम्बर तक चलेगी, जिसकी जानकारी जिला अफीम अधिकारी सीएस प्रसाद ने दी.सूबे के 9 जिलों में जारी होंगे लाइसेंसउत्तर प्रदेश के 9 जिलों बरेली, बंदायू, शाहजहांपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, रायबरेली, मऊ और गाजीपुर में ही पोस्त की खेती की जाती है. इसमें बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर जिलों के किसानों को बरेली यूनिट लाइसेंस जारी करती है, जबकि लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, रायबरेली, मऊ और गाजीपुर जिलों के किसानों को बाराबंकी कार्यालय लाइसेंस जारी करता है.चार कैटेगरी के किसानों को जारी होंगे लाइसेंसजिला अफीम अधिकारी सीएस प्रसाद ने बताया कि चार कैटेगरी के किसानों को लाइसेंस जारी किए जाएंगे. पिछले वर्ष जहां 4.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर मार्फीन स्ट्रेंथ को मानक बनाया गया था. वहीं इस बार इसे कम कर दिया गया है. यही नहीं इस बार लाइसेंस की संख्या भी बढ़ाई गई है. पिछले वर्ष की तुलना में एक हजार किसानों को बढ़ाया गया है.

4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर मार्फीन स्ट्रेंथ वालों को 5 एरी यानी 0.05 हेक्टेयर.

4.2 से 5.4 किग्रा प्रति हेक्टेयर स्ट्रेंथ वालों को 6 एरी यानी 0.06 हेक्टेयर.

5.4 से 5.9 किग्रा प्रति हेक्टेयर मार्फीन स्ट्रेंथ वालों को 10 एरी यानी 0.10 हेक्टेयर.

5.9 से अधिक वालों को 12 एरी यानी 0.12 हेक्टेयर.

इसके साथ ही उन किसानों को भी लाइसेंस जारी किए जाएंगे, जिनकी फसल खराब हो गई थी और जिन्होंने लगातार 4 वर्षों तक अपनी फसल नही जुतवाई थी. उन्हें भी 5 एरी का लाइसेंस मिलेगा.

पिछले वर्ष महज 27 किसानों ने जमा की अफीम
पिछले वर्ष जिला कार्यालय ने 1953 किसानों को लाइसेंस जारी किए थे, लेकिन भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें खराब हो गई थीं. 27 किसानों को छोड़कर बाकी सभी किसानों ने अपनी फसल विभागीय अधिकारियों की देख-रेख में जुतवा दी थी. केवल 27 किसानों ने ही अफीम जमा की थी.

बाराबंकी: केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस वर्ष 2020-21 की अफीम नीति में बदलाव किया गया है. विभाग ने इस बार अफीम पोस्त की खेती करने वाले काश्तकारों को जारी किए जाने वाले लाइसेंस का आधार बदल दिया है. पिछले वर्ष जहां प्रति हेक्टेयर साढ़े चार किलो मार्फीन का औसत देने वाले किसानों को लाइसेंस दिए गए थे, वहीं इस बार 4.2 किलो मार्फीन का औसत देने वाले किसानों को ही लाइसेंस का पात्र माना गया है. जिन्होंने लगातार पिछले 4 वर्षों तक अपनी फसल नहीं जुतवाई है, उन्हें भी लाइसेंस दिया जाएगा. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार एक हजार लाइसेंस ज्यादा बांटे जाएंगे.

जानकारी देते जिला अफीम अधिकारी.
पोस्त की खेती के लिए सूबे में 9 जिले प्रमुख हैं. इनमें पश्चिम के तीन जिलों के लाइसेंस बरेली यूनिट से जारी किए जाते हैं, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के लिए लाइसेंस बाराबंकी यूनिट से जारी होते हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के 615 गांवों के तकरीबन 2925 किसानों को लाइसेंस जारी करने की गुरुवार से शुरू हुई प्रक्रिया 10 नवम्बर तक चलेगी, जिसकी जानकारी जिला अफीम अधिकारी सीएस प्रसाद ने दी.सूबे के 9 जिलों में जारी होंगे लाइसेंसउत्तर प्रदेश के 9 जिलों बरेली, बंदायू, शाहजहांपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, रायबरेली, मऊ और गाजीपुर में ही पोस्त की खेती की जाती है. इसमें बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर जिलों के किसानों को बरेली यूनिट लाइसेंस जारी करती है, जबकि लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, रायबरेली, मऊ और गाजीपुर जिलों के किसानों को बाराबंकी कार्यालय लाइसेंस जारी करता है.चार कैटेगरी के किसानों को जारी होंगे लाइसेंसजिला अफीम अधिकारी सीएस प्रसाद ने बताया कि चार कैटेगरी के किसानों को लाइसेंस जारी किए जाएंगे. पिछले वर्ष जहां 4.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर मार्फीन स्ट्रेंथ को मानक बनाया गया था. वहीं इस बार इसे कम कर दिया गया है. यही नहीं इस बार लाइसेंस की संख्या भी बढ़ाई गई है. पिछले वर्ष की तुलना में एक हजार किसानों को बढ़ाया गया है.

4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर मार्फीन स्ट्रेंथ वालों को 5 एरी यानी 0.05 हेक्टेयर.

4.2 से 5.4 किग्रा प्रति हेक्टेयर स्ट्रेंथ वालों को 6 एरी यानी 0.06 हेक्टेयर.

5.4 से 5.9 किग्रा प्रति हेक्टेयर मार्फीन स्ट्रेंथ वालों को 10 एरी यानी 0.10 हेक्टेयर.

5.9 से अधिक वालों को 12 एरी यानी 0.12 हेक्टेयर.

इसके साथ ही उन किसानों को भी लाइसेंस जारी किए जाएंगे, जिनकी फसल खराब हो गई थी और जिन्होंने लगातार 4 वर्षों तक अपनी फसल नही जुतवाई थी. उन्हें भी 5 एरी का लाइसेंस मिलेगा.

पिछले वर्ष महज 27 किसानों ने जमा की अफीम
पिछले वर्ष जिला कार्यालय ने 1953 किसानों को लाइसेंस जारी किए थे, लेकिन भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें खराब हो गई थीं. 27 किसानों को छोड़कर बाकी सभी किसानों ने अपनी फसल विभागीय अधिकारियों की देख-रेख में जुतवा दी थी. केवल 27 किसानों ने ही अफीम जमा की थी.

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