बाराबंकी: लंपी वायरस के चलते प्रदेश भर में बंद चल रहे पशु मेलों और पशु बाजारों को फिर से खोल दिया गया है. यह घोषणा प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने बाराबंकी में की. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 16 नवम्बर बुधवार से प्रदेश भर में लंपी वायरस के चलते बंद चल रहे पशु मेलों और पशु बाजारों को खोल दिया गया है. अब किसान अपने पशुओं को कही से भी ला सकेगा या ले जा सकेगा.
बताते चलें कि बीते महिने पशुओं में फैली लंपी बीमारी ने कहर बरपा दिया था. वायरस से फैलने वाले इस संक्रामक रोग से पशुओं की त्वचा पर गांठें पड़ रही थीं. इससे तेज बुखार और अंगों में सूजन हो जा रही थी. इस खतरनाक लंपी बीमारी ने तमाम पशुओं की जान ले ली. पशु संपदा को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने तुरंत एलर्ट जारी किया और पशुओं को इधर से उधर ले जाने पशु बाजारों और पशु मेलों पर प्रतिबंध लगा दिया था.
इसे भी पढ़े-उन्नाव में लंपी वायरस की दस्तक से दहशत, दो और गायों में मिले लक्षण
कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि लंपी वायरस को समाप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश में पशुओं पर लॉकडाउन लगाया गया था. लॉक डाउन की व्यवस्था 32 जिलों में थी. इन 32 जिलों में हमने बेस्ड और योजना बनाकर वैक्सिनेशन कराया. इससे लंपी वायरस का संक्रमण पश्चिम के जिलों से पूरब में नही आ पाया.
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि आज पशुपालन विभाग इस रोग पर पूरी तरह से नियंत्रण पा चुका है. लिहाजा, किसानों के हितों और आवश्यकता को देखते हुए अब पशु बाजारों और पशु मेलों से प्रतिबंध हटा लिया गया है. अब किसान आसानी से अपने पशु को कही भी ला और ले जा सकता है.
मंत्री के कार्यक्रम में हंगामा
वहीं, जनपद में मंगलवार को प्रदेश की मिशन 75 लाख कृत्रिम गर्भाधान योजना का कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा शुभारंभ किया गया. सफेदाबाद स्थित हिन्द इंस्टीट्यूट में अयोजित इस कार्यक्रम में कई जिलों के किसान और विभाग में तैनात पशु मित्र और पैरावेट कर्मचारी हिस्सा लेने पहुंचे थे. कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने योजना का शुभारंभ किया. उसके बाद मंत्री धर्मपाल सिंह उन्नतशील पशु पालकों को पुरस्कार देने लगे. इसी दौरान हॉल में बैठे किसान शोर मचाते हुए बाहर जाने लगे. किसानों की शिकायत थी कि वो लोग काफी देर से बैठे थे, इस दौरान उन्हें भोजन तक नहीं दिया गया. किसानों की नाराजगी देख तमाम अधिकारी किसानों को मनाने में जुट गए. मंच से इनको भोजन दिए जाने की घोषणा की गई तब जाकर नाराज किसान वापस लौटे.
अभी मामला थमा ही था कि एक बार फिर कुछ लोगों ने हंगामा कर दिया. दरअसल ये पशु मित्र और पैरा वेट कर्मचारी थे, जो कई जिलों से आये थे. इनकी शिकायत थी कि उनका अनुदान बढ़ाया जाए. गर्भाधान करने में उनको विभागीय सुविधाएं नहीं दी जा रही है. ऐसे में वे विभाग को पैसे कैसे देंगे. इन हंगामों ने कार्यक्रम में खासा असर डाला.
यह भी पढ़े-प्रदेश में लंपी वायरस के 1.25 करोड़ टीके लगे, रोजाना 4 लाख गायों के टीकाकरण का लक्ष्य