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'मधुमक्खीवाला' के निर्माता निमित बाराबंकी के युवाओं को सिखाएंगे मधुमक्खीपालन

यूपी समेत तमाम राज्यों में 'मधुमक्खीवाला' ब्रांड के नाम से मशहूर शहद निर्माता व मैकेनिकल इंजीनियर निमित सिंह जल्द ही बाराबंकी के युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके लिए निमित जिले में एक यूनिट लगा रहे हैं.

शहद निर्माता व मेकेनिकल इंजीनियर निमित सिंह.
शहद निर्माता व मेकेनिकल इंजीनियर निमित सिंह.
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Published : Sep 1, 2020, 3:41 PM IST

बाराबंकी: यूपी की राजधानी लखनऊ समेत उत्तराखंड, बिहार, बंगाल, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में "मधुमक्खी वाला" के रूप में अपना डंका बजा चुके शहद निर्माता व मैकेनिकल इंजीनियर निमित सिंह जल्द ही बाराबंकी के युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके लिए निमित जिले में एक यूनिट लगा रहे हैं. इसके साथ ही जिले के सभी थानों और पुलिस लाइनों में भी इनके द्वारा मधुमक्खी डिब्बा लगाया जाएगा, जिससे पुलिसकर्मियों के परिवार को शुद्ध शहद तो मिलेगा ही साथ-साथ इसकी अर्निंग से एक फंड भी तैयार होगी. मैकेनिकल इंजीनियर निमित आज कुल अलग-अलग 8 फ्लेवर के शहद बनाने का काम कर रहे हैं.

मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले 29 वर्षीय युवा निमित सिंह ने वर्ष 2014 में अन्ना मलाई यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की थी. निमित ने इंजीनियरिंग की डिग्री तो ले ली, लेकिन नौकरी की बजाय लीक से अलग हटकर कुछ नया करने की ठानी. लिहाजा उन्होंने हनी बी फार्मिंग का मन बनाया. पिता लखनऊ के मशहूर शल्य चिकित्सक डॉ. केएन सिंह से अपने स्टार्ट-अप को शेयर किया, तो पिता एक बरगी हैरान हुए लेकिन बेटे के आत्मविश्वास को देखकर उन्होंने निमित को हौसला दिया. उसके बाद निमित ने अपने एक दोस्त राजीव मिश्र के साथ मिलकर "रॉयल हनी एंड बी फार्मिंग" नामक एक सोसायटी बनाई.

मधुमक्खियों और शहद पर किया रिसर्च
सोसायटी बनाने के बाद निमित ने पूरे वर्षभर में होने वाले पेड़-पौधों और उनसे निकलने वाले शहद की गहन स्टडी की. इसके बाद उन्होंने लखनऊ में यूनिट लगाई और मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया. जल्द ही इनकी रॉयल हनी कम्पनी का उत्पादन बढ़ने लगा. धीरे-धीरे इन्होंने कई प्रयोग किए, जिसका नतीजा है कि इन्होंने शहद के 8 फ्लेवर तैयार कर डाले.

शहद के 8 फ्लेवर तैयार करने में माहिर
निमित सिंह नीम, सरसो, अजवाइन, जामुन, यूकेलिप्टस, आम, लीची और फूलगोभी फ्लेवर के शहद तैयार करते हैं. यही नहीं शहद निकालने के बाद बचे मोम के भी प्रोडक्ट्स तैयार करते हैं. जैसे- बी वैक्स क्रीम, बी वैक्स सोप और बी वैक्स कैंडल.

कम्पनी युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए दे रही ट्रेनिंग
निमित की कम्पनी प्रगतिशील किसानों और इस क्षेत्र में कदम रखने वाले युवाओं को एक हफ्ते की विशेष ट्रेनिंग भी देती है. साथ ही इच्छुक लोगों की मांग पर सस्ते दर पर मधुमक्खी के डब्बे भी लगाती है. जल्द ही लखनऊ की तर्ज पर जिले की फतेहपुर तहसील के बिशुनपुर में इनकी फैक्ट्री शुरू हो रही है, जहां अभी काम चल रहा है.

पुलिस कप्तान भी हुए कायल
निमित सिंह से मुलाकात के बाद जिले के एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी काफी प्रभावित हुए. उन्होंने भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की योजना बनाई. एसपी ने निमित को जिले के सभी 23 थानों का सर्वे कर मधुमक्खी बॉक्स लगाने की उपयुक्तता और वातावरण जानने के लिए सर्वे करने को कहा है, जिससे उन थानों में मधुमक्खी बॉक्स लगाए जा सकें. पुलिसलाइन ग्राउंड में उन्होंने 10 बॉक्स रखवाने का फैसला किया है.

एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी का मानना है कि इससे जिले के पुलिसकर्मियों और उनके परिवार को शुद्ध शहद उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही इससे होने वाली अर्निंग एक फंड के रूप में इकट्ठा होगी, जो थानों और पुलिसलाइन के रखरखाव में खर्च की जाएगी. इस काम में कुछ चौकीदारों को ट्रेंड कर इन बॉक्स की देखरेख के लिए लगाया जाएगा.

बाराबंकी: यूपी की राजधानी लखनऊ समेत उत्तराखंड, बिहार, बंगाल, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में "मधुमक्खी वाला" के रूप में अपना डंका बजा चुके शहद निर्माता व मैकेनिकल इंजीनियर निमित सिंह जल्द ही बाराबंकी के युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके लिए निमित जिले में एक यूनिट लगा रहे हैं. इसके साथ ही जिले के सभी थानों और पुलिस लाइनों में भी इनके द्वारा मधुमक्खी डिब्बा लगाया जाएगा, जिससे पुलिसकर्मियों के परिवार को शुद्ध शहद तो मिलेगा ही साथ-साथ इसकी अर्निंग से एक फंड भी तैयार होगी. मैकेनिकल इंजीनियर निमित आज कुल अलग-अलग 8 फ्लेवर के शहद बनाने का काम कर रहे हैं.

मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले 29 वर्षीय युवा निमित सिंह ने वर्ष 2014 में अन्ना मलाई यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की थी. निमित ने इंजीनियरिंग की डिग्री तो ले ली, लेकिन नौकरी की बजाय लीक से अलग हटकर कुछ नया करने की ठानी. लिहाजा उन्होंने हनी बी फार्मिंग का मन बनाया. पिता लखनऊ के मशहूर शल्य चिकित्सक डॉ. केएन सिंह से अपने स्टार्ट-अप को शेयर किया, तो पिता एक बरगी हैरान हुए लेकिन बेटे के आत्मविश्वास को देखकर उन्होंने निमित को हौसला दिया. उसके बाद निमित ने अपने एक दोस्त राजीव मिश्र के साथ मिलकर "रॉयल हनी एंड बी फार्मिंग" नामक एक सोसायटी बनाई.

मधुमक्खियों और शहद पर किया रिसर्च
सोसायटी बनाने के बाद निमित ने पूरे वर्षभर में होने वाले पेड़-पौधों और उनसे निकलने वाले शहद की गहन स्टडी की. इसके बाद उन्होंने लखनऊ में यूनिट लगाई और मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया. जल्द ही इनकी रॉयल हनी कम्पनी का उत्पादन बढ़ने लगा. धीरे-धीरे इन्होंने कई प्रयोग किए, जिसका नतीजा है कि इन्होंने शहद के 8 फ्लेवर तैयार कर डाले.

शहद के 8 फ्लेवर तैयार करने में माहिर
निमित सिंह नीम, सरसो, अजवाइन, जामुन, यूकेलिप्टस, आम, लीची और फूलगोभी फ्लेवर के शहद तैयार करते हैं. यही नहीं शहद निकालने के बाद बचे मोम के भी प्रोडक्ट्स तैयार करते हैं. जैसे- बी वैक्स क्रीम, बी वैक्स सोप और बी वैक्स कैंडल.

कम्पनी युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए दे रही ट्रेनिंग
निमित की कम्पनी प्रगतिशील किसानों और इस क्षेत्र में कदम रखने वाले युवाओं को एक हफ्ते की विशेष ट्रेनिंग भी देती है. साथ ही इच्छुक लोगों की मांग पर सस्ते दर पर मधुमक्खी के डब्बे भी लगाती है. जल्द ही लखनऊ की तर्ज पर जिले की फतेहपुर तहसील के बिशुनपुर में इनकी फैक्ट्री शुरू हो रही है, जहां अभी काम चल रहा है.

पुलिस कप्तान भी हुए कायल
निमित सिंह से मुलाकात के बाद जिले के एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी काफी प्रभावित हुए. उन्होंने भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की योजना बनाई. एसपी ने निमित को जिले के सभी 23 थानों का सर्वे कर मधुमक्खी बॉक्स लगाने की उपयुक्तता और वातावरण जानने के लिए सर्वे करने को कहा है, जिससे उन थानों में मधुमक्खी बॉक्स लगाए जा सकें. पुलिसलाइन ग्राउंड में उन्होंने 10 बॉक्स रखवाने का फैसला किया है.

एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी का मानना है कि इससे जिले के पुलिसकर्मियों और उनके परिवार को शुद्ध शहद उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही इससे होने वाली अर्निंग एक फंड के रूप में इकट्ठा होगी, जो थानों और पुलिसलाइन के रखरखाव में खर्च की जाएगी. इस काम में कुछ चौकीदारों को ट्रेंड कर इन बॉक्स की देखरेख के लिए लगाया जाएगा.

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