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बाराबंकी: नेपाल ने छोड़ा पानी, बाढ़ की चपेट में 80 गांव

यूपी के बाराबंकी में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है. जिले के 80 गांव बाढ़ की चपेट में है. इन गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. लोग अपने अपने घरों के छत पर बैठे हुए हैं.

बाढ़ की चपेट में 80 गांव.
बाढ़ की चपेट में 80 गांव.
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Published : Aug 4, 2020, 6:27 AM IST

बाराबंकी: लगातार हो रही बारिश के चलते घाघरा नदी में बढ़े पानी के कारण इन दिनों जिले में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिले के 80 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिसके चलते इन गांवों के लोगों के सामने समस्याएं खड़ी हो गई हैं. लोग अपने-अपने घरों की छतों पर कैद होकर रह गए हैं. आने-जाने की भी समस्या हो गई है. केवल नाव ही आने-जाने का साधन बचा है.

बाराबंकी में बाढ़ ने तांडव मचाया है.

बारिश के मौसम में नेपाल से छोड़े जाने वाला पानी बाराबंकी जिले में तांडव मचाता है. ऐसे में घाघरा में बाढ़ लगातार दो महीने तक रहती है. बाढ़ के चलते घाघरा के किनारे बसे गांव के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बाढ़ के कारण इन गावों में खेतों के साथ ही लोगों के घर तक जल मग्न हो जाते हैं.

जिले में घाघरा नदी इस समय खतरे के निशान से 1.8 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जिससे जिले के 80 गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ के कारण उपजे हालातों को जानने के लिए जिले सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के तिलवारी गांव का मुआयना किया. गांव में लोगों के सामने खाने-पीने की समस्याएं खड़ी हो गई हैं. लोग अपने-अपने घरों की छतों पर फंसे हुए हैं. गांव वालों से जब खाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एक टाइम भोजन बनाते हैं. कभी तखत पर बना लेते हैं तो कभी कहीं अगर सूखा स्थान मिल गया तो वहां बना लेते हैं.


गांव की एक महिला ने बताया कि हम लोगों को बहुत बड़ी दिक्कत है. यहां चारों तरफ पानी भरा हुआ है. बच्चों को भी खतरा रहता है. खाना बनाने में भी दिक्कत होती है. हर साल ऐसे ही बाढ़ होती है जिससे हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकार द्वारा सहायता मिलने के बारे में महिला कुंता ने बताया कि सरकार द्वारा अभी तक हम लोगों को कोई सहायता नहीं मिली है.

बाराबंकी: लगातार हो रही बारिश के चलते घाघरा नदी में बढ़े पानी के कारण इन दिनों जिले में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिले के 80 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिसके चलते इन गांवों के लोगों के सामने समस्याएं खड़ी हो गई हैं. लोग अपने-अपने घरों की छतों पर कैद होकर रह गए हैं. आने-जाने की भी समस्या हो गई है. केवल नाव ही आने-जाने का साधन बचा है.

बाराबंकी में बाढ़ ने तांडव मचाया है.

बारिश के मौसम में नेपाल से छोड़े जाने वाला पानी बाराबंकी जिले में तांडव मचाता है. ऐसे में घाघरा में बाढ़ लगातार दो महीने तक रहती है. बाढ़ के चलते घाघरा के किनारे बसे गांव के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बाढ़ के कारण इन गावों में खेतों के साथ ही लोगों के घर तक जल मग्न हो जाते हैं.

जिले में घाघरा नदी इस समय खतरे के निशान से 1.8 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जिससे जिले के 80 गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ के कारण उपजे हालातों को जानने के लिए जिले सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के तिलवारी गांव का मुआयना किया. गांव में लोगों के सामने खाने-पीने की समस्याएं खड़ी हो गई हैं. लोग अपने-अपने घरों की छतों पर फंसे हुए हैं. गांव वालों से जब खाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एक टाइम भोजन बनाते हैं. कभी तखत पर बना लेते हैं तो कभी कहीं अगर सूखा स्थान मिल गया तो वहां बना लेते हैं.


गांव की एक महिला ने बताया कि हम लोगों को बहुत बड़ी दिक्कत है. यहां चारों तरफ पानी भरा हुआ है. बच्चों को भी खतरा रहता है. खाना बनाने में भी दिक्कत होती है. हर साल ऐसे ही बाढ़ होती है जिससे हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकार द्वारा सहायता मिलने के बारे में महिला कुंता ने बताया कि सरकार द्वारा अभी तक हम लोगों को कोई सहायता नहीं मिली है.

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