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बाराबंकी: किसानों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में 1 लाख 90 हजार किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिला सका है, जिसको लेकर किसान जिला कृषि अधिकारी के दफ्तर पर इकठ्ठा हुए. किसानों का कहना है कि जब वह नोडल अधिकारी से संपर्क करने पहुंचते हैं तो उन्हें वापस भेज दिया जाता है.

जानकारी देता किसान
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Published : Oct 11, 2019, 10:25 AM IST

बाराबंकी: भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को जनपद में पलीता लग रहा है. 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' के तहत करीब 1 लाख 90 हजार किसानों को लाभ नहीं मिल सका है. लघु और सीमांत किसानों के लिए भारत सरकार ने साल में 6000 रुपये देने का वादा किया. जिस की पहली किस्त सरकार ने 2019 के आम चुनाव में आचार संहिता लागू होने से पहले ही भेज दी थी, लेकिन जिले में अब भी छोटे किसान कृषि विभाग और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. कई बार फार्म भरने के बाद भी वह इस लाभ से वंचित हैं.

किसानों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ.

नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री सम्मान योजना का लाभ
ईटीवी भारत ने जब किसानों से बात की तो पता चला कि बड़ी संख्या में किसानों को यह धनराशि नहीं मिल पा रही है. कई किसानों से बात करने पर पता चला कि किसी के खाते में एक अंक की गड़बड़ी हो गई है, जिसके लिए उनके अकाउंट में पैसा जाने की बजाय दूसरे अकाउंट में चला गया है. कुछ किसानों का कहना है कि उन्होंने तीन बार से ज्यादा फॉर्म भरा है. इसके बाद भी उनको पैसा नहीं मिला है. कुछ किसानों के मोबाइल पर मैसेज आया है कि नोडल अधिकारी से संपर्क करें, लेकिन जब वह नोडल अधिकारी से संपर्क करने पहुंचते हैं तो उन्हें वापस भेज दिया जाता है और कोई ठीक से बात भी नहीं करता है.

इसे भी पढ़ें - बुलंदशहर: सड़क किनारे सो रहे श्रद्धालुओं को बस ने कुचला, 7 लोगों की मौत

जिला कृषि अधिकारी ने बताया
इस पूरे मामले के संदर्भ में जब हमने जिला कृषि अधिकारी संजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 1 करोड़ 58 लाख किसानों का डाटा दिया गया, जिनमें से बड़ी संख्या में आधार मिसमैच और गड़बड़ियों के कारण अब मैसेज भी भेजा जा रहा है कि कृपया उसे मिलान कर लें. बाराबंकी जिले में करीब 4 लाख 70 हजार किसानों का डाटा भारत सरकार को भेजा गया था, जिसमें से 2 लाख 79 हजार किसानों को पैसा भेजा जा चुका है.1 लाख 90 हजार किसानों को अभी यह धनराशि नहीं भेजी जा सकी है.

बाराबंकी: भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को जनपद में पलीता लग रहा है. 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' के तहत करीब 1 लाख 90 हजार किसानों को लाभ नहीं मिल सका है. लघु और सीमांत किसानों के लिए भारत सरकार ने साल में 6000 रुपये देने का वादा किया. जिस की पहली किस्त सरकार ने 2019 के आम चुनाव में आचार संहिता लागू होने से पहले ही भेज दी थी, लेकिन जिले में अब भी छोटे किसान कृषि विभाग और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. कई बार फार्म भरने के बाद भी वह इस लाभ से वंचित हैं.

किसानों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ.

नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री सम्मान योजना का लाभ
ईटीवी भारत ने जब किसानों से बात की तो पता चला कि बड़ी संख्या में किसानों को यह धनराशि नहीं मिल पा रही है. कई किसानों से बात करने पर पता चला कि किसी के खाते में एक अंक की गड़बड़ी हो गई है, जिसके लिए उनके अकाउंट में पैसा जाने की बजाय दूसरे अकाउंट में चला गया है. कुछ किसानों का कहना है कि उन्होंने तीन बार से ज्यादा फॉर्म भरा है. इसके बाद भी उनको पैसा नहीं मिला है. कुछ किसानों के मोबाइल पर मैसेज आया है कि नोडल अधिकारी से संपर्क करें, लेकिन जब वह नोडल अधिकारी से संपर्क करने पहुंचते हैं तो उन्हें वापस भेज दिया जाता है और कोई ठीक से बात भी नहीं करता है.

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जिला कृषि अधिकारी ने बताया
इस पूरे मामले के संदर्भ में जब हमने जिला कृषि अधिकारी संजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 1 करोड़ 58 लाख किसानों का डाटा दिया गया, जिनमें से बड़ी संख्या में आधार मिसमैच और गड़बड़ियों के कारण अब मैसेज भी भेजा जा रहा है कि कृपया उसे मिलान कर लें. बाराबंकी जिले में करीब 4 लाख 70 हजार किसानों का डाटा भारत सरकार को भेजा गया था, जिसमें से 2 लाख 79 हजार किसानों को पैसा भेजा जा चुका है.1 लाख 90 हजार किसानों को अभी यह धनराशि नहीं भेजी जा सकी है.

Intro:बाराबंकी, 10 अक्टूबर । भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को बाराबंकी में लग रहा पलीता. प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत करीब एक लाख 90 हजार किसानों को नहीं मिल सका है लाभ. लघु और सीमांत किसानों के लिए भारत सरकार ने साल में ₹6000 रुपए देने का वादा किया, जिस की पहली किस्त सरकार ने , 2019 आम चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले ही भेज दी थी. परंतु बाराबंकी में अब भी छोटे किसान, कृषि विभाग और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. इस योजना का लाभ बड़ी संख्या में किसानों को नहीं मिल पा रहा है. कई बार फार्म भरने के बाद भी उन्हें इसके लाभ से वंचित रखा जा रहा है. हर बार लाइन में लगते हैं लेकिन पैसा उनके खाते तक नहीं पहुंचता है.


Body:मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतरिम बजट में लघु और सीमांत किसानों के लिए साल में 6000 रुपए देने का वायदा किया गया , और इसे तीन किस्तों में फसली चक्र के हिसाब से दो - दो हजार रुपए के तीन किस्तों में भेजने का प्रावधान किया गया. प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास भी किए गए, जिसके फलस्वरूप 2019 के आम चुनाव के लिए लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता से पहले ही , तमाम किसानों के खाते में दो हजार रुपए की पहली किस्त भेज दी गई.

लेकिन जब हमने किसानों से बात की तो हमें पता चला कि बड़ी संख्या में किसानों को यह धनराशि नहीं मिल पा रही है. कई किसानों से बात करने पर पता चला कि , किसी के खाते में एक अंक की गड़बड़ी हो गई है, जिसके लिए उनके अकाउंट में पैसा जाने की बजाय दूसरे अकाउंट में गया है, और कंप्लेंट करने के बाद भी वह ठीक नहीं किया जा सका है. कुछ किसानों का कहना है कि उन्होंने तीन बार से ज्यादा फॉर्म भरा है ,बावजूद इसके उनका पैसा नहीं मिला है. कुछ किसानों के मोबाइल पर मैसेज आया है कि नोडल से संपर्क करें ,लेकिन जब वह नोडल से संपर्क करने पहुंचते हैं तो उन्हें वापस भेज दिया जाता है और कोई ठीक से बात भी नहीं करता है.

इस पूरे मामले के संदर्भ में जब हमने जिला कृषि अधिकारी संजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि ,अकेले उत्तर प्रदेश में करीब एक करोड़ 58 लाख किसानों का डाटा दिया गया जिनमें से बड़ी संख्या में आधार मिसमैच और गड़बड़ियों के कारण अब मैसेज भी भेजा जा रहा है कि कृपया उसे मिलान कर ले.
बाराबंकी जिले में करीब चार लाख 70 हजार किसानों का डाटा भारत सरकार को भेजा गया था. जिसमें से दो लाख 79 हजार किसानों को पैसा भेजा जा चुका है . एक लाख 90 हजार किसानों को अभी यह धनराशि नहीं भेजी जा सकी है.
इसका सबसे बड़ा कारण है कि जो खाता संख्या और आधार नंबर में नाम है उस में गड़बड़ी है ,इन सभी गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए भारत सरकार के स्तर पर किसानों को मैसेज भी भेजा जा रहा है. कृषि भवन पर एक कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था की गई है जिससे वह किसानों की समस्या का निराकरण कर सकें. किसान कॉमन सर्विस सेंटर पर भी जाकर अपना फार्म भर के अपनी धनराशि का स्टेटस जान सकता है.


Conclusion: कुल मिलाकर एक बात तो साफ है कि, जिस तेजी के साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का प्रारंभ किया गया, बड़ी संख्या में इसका लाभ किसानों को मिला है. लेकिन बड़ी संख्या में किसानों को लाभ ना मिलना भी इसमें शामिल है. यदि समय रहते इसको ठीक नहीं किया गया तो, यह गंभीर हो सकता है. क्योंकि प्रतिदिन तमाम किसान कृषि भवन आकर लाइन में लगते हैं ,और फॉर्म भरते हैं लेकिन निराकरण कुछ नहीं निकल पाता.


bite -

1- विनय कुमार सिंह, किसान, सिरौलीगौसपुर तहसील

2- आशाराम, किसान, रामनगर तहसील

3- राम विजय, किसान, देवां, नवाबगंज तहसील

4- संदीप कुमार ,किसान, मसौली , नवाबगंज तहसील

5- विनय कुमार ,किसान, फतेहपुर तहसील

6- संजीव कुमार, जिला कृषि अधिकारी, बाराबंकी


रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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