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बाराबंकी के किसानों को नहीं मिल पा रहा 'किसान सम्मान निधि' का लाभ

यूपी के बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है. क्षेत्र में आज भी सैकड़ों किसान इस योजना से वंचित हैं. वहीं कुछ किसानों के खातों में दो से तीन किस्त तक आ चुकी हैं. परेशान किसान कृषि विभाग और प्रशासन के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

बाराबंंकी ताजा समाचार
बर्बाद हुए किसानों को सरकार की मदद का सहारा
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Published : May 15, 2020, 1:45 PM IST

बाराबंकी: बेमौसम ओलावृष्टि और फिर लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ दी है. साथ ही फसलें बर्बाद हो जाने से लागत निकलना तो दूर जमा पूंजी तक खत्म हो गई है. परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया है. लिहाजा 'किसान सम्मान निधि' पाने के लिए किसान दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं.

किसान कई बार कागज जमा किए, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी. वहीं कई किसान तो ऐसे हैं, जिनको एक दो किस्त मिलने के बाद फिर किस्तें आना बंद हो गईं. बता दें कि मजबूरन दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. जबकि कोरोना संकट में किसानों को बस सरकार की मदद का ही सहारा है.


किसान काट रहे कृषि भवन कार्यालय के चक्कर
बता दें कि गुरुवार को कृषि भवन कार्यालय में अन्नदाता किसान सम्मान निधि लेने पहुंचे, लेकिन सरकार की इस योजना का लाभ इन्हें नहीं मिल पा रहा है. साथ ही कई-कई बार जरूरी कागजात जमा किये, लेकिन न जाने क्यों हर बार कुछ न कुछ कमी निकल आती है.

इसे भी पढ़ें: अब UP के सभी जिले कोरोना संक्रमित, मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 3,786

बता दें कि विभाग ने किसानों की परेशानी को देखते हुए ऑफिस में कई काउंटर लगाए हैं. पहले किसानों के कागजात ले लिए जाते थे. बाद में फीडिंग की जाती थी, जिससे कुछ न कुछ गलतियां रह जाती थीं, लेकिन अब किसानों के सामने उनके डेटा फीड किये जा रहे हैं ताकि फिर से कोई गलती न रह जाए.

बाराबंकी: बेमौसम ओलावृष्टि और फिर लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ दी है. साथ ही फसलें बर्बाद हो जाने से लागत निकलना तो दूर जमा पूंजी तक खत्म हो गई है. परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया है. लिहाजा 'किसान सम्मान निधि' पाने के लिए किसान दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं.

किसान कई बार कागज जमा किए, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी. वहीं कई किसान तो ऐसे हैं, जिनको एक दो किस्त मिलने के बाद फिर किस्तें आना बंद हो गईं. बता दें कि मजबूरन दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. जबकि कोरोना संकट में किसानों को बस सरकार की मदद का ही सहारा है.


किसान काट रहे कृषि भवन कार्यालय के चक्कर
बता दें कि गुरुवार को कृषि भवन कार्यालय में अन्नदाता किसान सम्मान निधि लेने पहुंचे, लेकिन सरकार की इस योजना का लाभ इन्हें नहीं मिल पा रहा है. साथ ही कई-कई बार जरूरी कागजात जमा किये, लेकिन न जाने क्यों हर बार कुछ न कुछ कमी निकल आती है.

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बता दें कि विभाग ने किसानों की परेशानी को देखते हुए ऑफिस में कई काउंटर लगाए हैं. पहले किसानों के कागजात ले लिए जाते थे. बाद में फीडिंग की जाती थी, जिससे कुछ न कुछ गलतियां रह जाती थीं, लेकिन अब किसानों के सामने उनके डेटा फीड किये जा रहे हैं ताकि फिर से कोई गलती न रह जाए.

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