बाराबंकी: बेमौसम ओलावृष्टि और फिर लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ दी है. साथ ही फसलें बर्बाद हो जाने से लागत निकलना तो दूर जमा पूंजी तक खत्म हो गई है. परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया है. लिहाजा 'किसान सम्मान निधि' पाने के लिए किसान दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं.
किसान कई बार कागज जमा किए, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी. वहीं कई किसान तो ऐसे हैं, जिनको एक दो किस्त मिलने के बाद फिर किस्तें आना बंद हो गईं. बता दें कि मजबूरन दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. जबकि कोरोना संकट में किसानों को बस सरकार की मदद का ही सहारा है.
किसान काट रहे कृषि भवन कार्यालय के चक्कर
बता दें कि गुरुवार को कृषि भवन कार्यालय में अन्नदाता किसान सम्मान निधि लेने पहुंचे, लेकिन सरकार की इस योजना का लाभ इन्हें नहीं मिल पा रहा है. साथ ही कई-कई बार जरूरी कागजात जमा किये, लेकिन न जाने क्यों हर बार कुछ न कुछ कमी निकल आती है.
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बता दें कि विभाग ने किसानों की परेशानी को देखते हुए ऑफिस में कई काउंटर लगाए हैं. पहले किसानों के कागजात ले लिए जाते थे. बाद में फीडिंग की जाती थी, जिससे कुछ न कुछ गलतियां रह जाती थीं, लेकिन अब किसानों के सामने उनके डेटा फीड किये जा रहे हैं ताकि फिर से कोई गलती न रह जाए.