बाराबंकी: पिछले 10 दिनों से चल रहा बाराबंकी का ऐतिहासिक देवा मेला शानदार आतिशबाजी के साथ संपन्न हो गया. परंपरा से हटकर इस बार मुख्य विकास अधिकारी ने मेले का समापन किया. समापन के मौके पर भावुक हुईं सीडीओ ने कहा कि जिस तरह देवा मेले में गंगा-जमुनी तहजीब दिखती है, उसी तरह ये पूरी दुनिया में रोशन हो. उन्होंने कहा कि वह बार-बार देवा मेला आना चाहेंगी.
पहली बार टूटी परंपरा
हर वर्ष कार्तिक के महीने में महान सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता कुर्बान अली शाह की याद में लगने वाला बाराबंकी का देवा मेला गुरुवार की रात शानदार आतिशबाजी के साथ संपन्न हो गया. परंपरा के अनुसार इस मेले का शुभारंभ जिला अधिकारी की पत्नी के हाथों होता है और समापन पुलिस कप्तान की पत्नी के हाथों. इस बार पुलिस कप्तान के शादीशुदा न होने से मेले का समापन मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम ने किया.
मेला समापन के दौरान आतिशबाजी की शानदार प्रतियोगिता हुई, जिसमें जिले के जैदपुर कस्बे के मशहूर आतिशबाजों ने प्रतिभाग किया. प्रतियोगिता में गुलाम वारिस की आतिशबाजी खूब सराही गई. आतिशबाजी की शुरुआत मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम ने महताब को रोशन करके की.
मेले का समापन करते हुए भावुक हुईं सीडीओ ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें देवा मेला की इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देवा मेले में गंगा-जमुनी तहजीब के दर्शन होते हैं, उसी तरह ये पूरी दुनिया में भी फैले.