बाराबंकी: जिले में बुधवार को एक अजब-गजब मामला देखने को मिला. सहरसा से नई दिल्ली जा रही ट्रेन जब यहां पहुंची तो ट्रेन के लोको पायलेट और गार्ड ने गाड़ी आगे ले जाने से मना कर दिया. इससे रेल अधिकारियों के होश उड़ गए. यात्रियों को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. अभी मामला सुलझा भी नहीं था कि एक और ट्रेन आई और उसके भी लोको पायलेट और गार्ड ने ट्रेन आगे ले जाने से हाथ खड़े कर दिए. घंटों अफरा-तफरी रही और आखिरकार जब लखनऊ से दोनों ट्रेनों के लिए लोको पायलेट और गार्ड आए तभी दोनों ट्रेनें जा पाई.
बता दें कि बाराबंकी-गोंडा एनईआर ट्रैक पर रामनगर थाने के बुढ़वल रेलवे स्टेशन पर बुधवार को ट्रेन संख्या 04021 सहरसा से नई दिल्ली जा रही स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन 13.15 बजे पहुंची. ट्रेन का बुढ़वल स्टेशन पर स्टॉपेज नहीं था. लेकिन, ट्रेन प्लेटफार्म संख्या 3 और 4 के बीच वाले ट्रैक पर आकर रुक गई. उसके बाद लोको पायलेट और गार्ड ने कहा कि वे ट्रेन आगे नहीं ले जाएंगे. दरअसल, इनका कहना था कि 12 घंटे की उनकी ड्यूटी पूरी हो चुकी है.
लोको पायलेट और गार्ड के इस फैसले से स्टेशन मास्टर के होश उड़ गए. उन्होंने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी. थोड़ी देर बाद गाड़ी आगे न जाने की यह खबर जब यात्रियों तक पहुंची तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. सहरसा से ही देरी से चलने के कारण यात्री पहले से ही खासे नाराज थे और अब ट्रेन रुक जाने से यात्री बौखला गए. स्थिति बिगड़ते देख स्टेशन मास्टर ने आरपीएफ, जीआरपी और रामनगर थाने को इसकी सूचना दी. तत्काल फोर्स स्टेशन पर पहुंची और यात्रियों को समझाने में लग गई. इस दौरान 3 घंटे बीत गए.
अभी मामला सुलझा भी नहीं था कि एक और ट्रेन बरौनी से चलकर लखनऊ तक जाने वाली बीजू लखनऊ एक्सप्रेस संख्या 15203 प्लेटफार्म नंबर 4 पर 16.04 बजे आकर रुकी. सहरसा वाली ट्रेन के यात्री इस ट्रेन से भेजे जाने की मांग करने लगे. लेकिन, इस ट्रेन के लोको पायलेट और गार्ड ने जो कहा, वह सुनकर सभी हैरान रह गए. इस ट्रेन के लोको पायलेट और गार्ड ने भी अपनी ट्रेन आगे ले जाने से हाथ खड़े कर दिए. अब इस ट्रेन के भी मुसाफिरों ने हंगामा शुरू कर दिया. एक बार फिर कंट्रोल रूम को ये सूचना दी गई.
आखिरकार लखनऊ से लोको पायलट और गार्ड्स भेजे गए. इसके बाद सहरसा से नई दिल्ली जा रही ट्रेन को 16.50 बजे रवाना किया गया. इसी तरह बरौनी से लखनऊ जाने वाली ट्रेन को 17.46 बजे रवाना किया गया. इस दौरान आरपीएफ इंस्पेक्टर अजमेर सिंह यादव, जीआरपी इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह और रामनगर एसओ ने किसी तरह यात्रियों को कंट्रोल में किया. आरपीएफ इंस्पेक्टर अजमेर सिंह यादव ने बताया कि ट्रेनों के लोको पायलेट और गार्ड्स के आ जाने पर ट्रेनों को रवाना किया गया.
क्या है नियम
एनईआर डीआरएम के पीआरओ महेश गुप्ता ने बताया कि लोको पायलटों के ड्यूटी आवर्स तय हैं. दस घंटे बाद उनको दूसरे लोको पायलेट और गार्ड रिलीव करते हैं. पीआरओ ने बताया कि दोनों गाड़ियों के लोको पायलेट ने अपने को असहज महसूस किया. उन्हें लगा कि थकान होने के चलते आगे ट्रेन ले जाना सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही नहीं है. यही वजह रही कि बुढ़वल तक पहुंचकर ट्रेनें आगे नहीं ले गए.
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