बाराबंकी: करीब 8 महीने पहले पिता द्वारा नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने और पत्नी के विरोध करने पर उसके साथ मारपीट करने के मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराया. कोर्ट ने पिता को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. सोमवार को यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाष चन्द्र यादव ने सुनाया.
विशेष लोक अभियोजक पुरुषोत्तम मिश्रा ने बताया कि दरियाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली वादिनी ने थाने में तहरीर देकर बताया कि 12/13 मार्च 2023 की रात उसकी 13 वर्षीय पुत्री जमीन पर लेटी हुई थी. रात में ही उसके पति बाबूराम ने उसकी पुत्री के साथ दो बार दुष्कर्म किया. लड़की रोती चिल्लाती रही, तब भी वह जबरदस्ती करते रहे. जब वादिनी अपनी बच्ची को पति की हैवानियत से बचाने लगी तो पति ने उसे भी मारा पीटा. पति के डर के चलते वह सहमी रही और 13 मार्च को सुबह अपनी बेटी और वारदात के वक्त बेटी द्वारा पहने हुए कुर्ते को लेकर थाने पहुंचकर तहरीर दी.
दरियाबाद पुलिस ने वादिनी की तहरीर पर आरोपी बाबूराम के विरुद्ध आईपीसी की धारा 376, 323, 504, 506 और 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा मामले में वैज्ञानिक विधियों द्वारा साक्ष्य इकट्ठा किए गए. पीड़िता के कपड़ों को विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया. इसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई. विवेचक द्वारा इन सभी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बाबूराम के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट फाइल की गई.
अभियोजन पक्ष द्वारा इस मामले में वादिनी और पीड़िता के साथ-साथ डॉक्टर समेत कई ठोस गवाहों की गवाही कराई गई. दोनों पक्षों की गवाही और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के भीतर ही मामले में अपना फैसला सुना दिया. अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सुभाष चन्द्र यादव ने आरोपी बाबूराम को दोषसिद्ध करार देते हुए उसे आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी.
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