लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी और अर्द्ध सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों के लिए नया फरमान आया है. अब उन्हें दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा. जबकि चारपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगानी होगी. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उस दिन उन्हें अनुपस्थित मान लिया जाएगा. दूसरी ओर यही नियम स्कूली छात्रों के लिए भी होगा. अगर, वे यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं तो स्कूलों में उनकी अटेंडेंस नहीं लगेगी. इसी के साथ पीछे बैठने वाले व्यक्ति के लिए भी हेलमेट लगाना अनिवार्य होगा. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. इस बारे में सभी विभाग के प्रमुखों को अवगत करा दिया गया है. इसी के साथ अपर मुख्य सचिव परिवहन विभाग वेंकटेश्वर लू ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं.
बीती पांच फरवरी को न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे (पूर्व न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय), अध्यक्ष, सड़क सुरक्षा समिति सर्वोच्च न्यायालय की अध्यक्षता में लखनऊ में सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने पर विशेष जोर दिया गया था. सामने आया कि दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मृत्यु का एक प्रमुख कारण दोपहिया वाहन चालकों और उनके सहयात्रियों का हेलमेट न पहनना, चारपहिया वाहन चालकों व अन्य यात्रियों का सीट बेल्ट का उपयोग न करना है.
बैठक में सर्वोच्च न्यायालय सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ने निर्देश दिए थे कि उत्तर प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्द्ध शासकीय कार्यालयों के अधिकारी-कर्मचारी जो दोपहिया वाहन से कार्यालय आते हैं, वे हेलमेट अनिवार्य रूप से पहनें. उनके साथ काम करने वाले सहयात्री (पिलियन राइडर) के लिए भी हेलमेट पहनना आवश्यक हो. जो अधिकारी/कर्मचारी चारपहिया वाहन से कार्यालय आते हैं, वे वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करें और अन्य सभी सह यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य हो. सभी विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी इस निर्देश का पालन करें. सभी शासकीय एवं अर्द्ध शासकीय कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मी हेलमेट एवं सीट बेल्ट के अनुपालन की जांच करें. बिना हेलमेट/सीट बेल्ट के प्रवेश करने पर रोक लगाई जाए.
यातायात पुलिस और जिला प्रशासन इस नियम का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करे और उल्लंघन करने वालों पर आवश्यक कार्रवाई करें. नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई पर विचार किया जाए. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और अपर मुख्य सचिव परिवहन विभाग की तरफ से आदेश जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि उक्त आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को भेजी जाए.
उत्तर प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बृजेश नारायण सिंह का कहना है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के अध्यक्ष ने सड़क सुरक्षा की समीक्षा की थी. जिसमें सामने आया था कि दोपहिया वाहन पर चलने वाले वाहन चालकों को हेलमेट और चार पहिया वाहन पर चलने वाले लोगों को सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होना चाहिए. अभी इस संबंध में मुख्य सचिव की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं. आदेश का पालन कराया जाएगा. सरकारी और अर्द्ध सरकारी कार्यालय में आने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों को हेलमेट व सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होगा. हेलमेट, सीट बेल्ट न लगने वालों पर एक्शन लिया जाएगा. वाहन पर पीछे बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट लगाना होगा. अब पीलियन राइडर भी बिना हेलमेट के नहीं चल सकेंगे. सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालय में जब सभी हेलमेट और सीट बेल्ट लगाएंगे तो इसका संदेश दूर तक जाएगा और सभी लोग नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित होंगे.