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कोरोना मरीजों से की जमकर वसूली, अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज - अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज

बाराबंकी में स्थित एक निजी अस्पताल द्वारा कोविड मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी वसूली किए जाने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है. अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई इस बड़ी लापरवाही पर जिला प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया है.

अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज.
अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज.
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Published : May 22, 2021, 5:57 AM IST

बाराबंकीः जिले में स्थित एक निजी अस्पताल द्वारा कोविड मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी वसूली किए जाने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है. अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई इस बड़ी लापरवाही पर जिला प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया है. पीड़ित मरीजों की शिकायत पर प्रशासन ने एक विशेष टीम द्वारा जांच कराई गई थी. जांच टीम को अस्पताल द्वारा इलाज के नाम पर भारी अनियमितता और अवैध वसूली मिली, जिसके आधार पर उप मुख्य चिकित्साधिकारी की तहरीर पर नगर कोतवाली में आस्था हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ धारा 420 आईपीसी की धारा 52, 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और धारा 3, 4 महामारी अधिनियम 1897 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

कोरोना मरीजों से की जमकर वसूली

बताते चलें कि नगर कोतवाली के देवां रोड स्थित आस्था हॉस्पिटल को कोविड अस्पताल बनाया गया था. मरीजों के भर्ती होने पर अस्पताल प्रबंधन आपदा को अवसर में बदलने लगा. मरीजों से ऑक्सीजन सिलेंडर और इलाज के नाम पर मनमानी वसूली करने लगा. अस्पताल ने कोविड मरीजों से ऑक्सीजन सिलेंडर, रेगुलेटर खरीदवाए, निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क की वसूली की. यही नहीं भर्ती मरीजों को निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत उपचार भी नहीं दिया. पीड़ित मरीजों के परिजनों ने जब इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की तो हड़कंप मच गया.

पीड़ितों की शिकायत पर हुई जांच

मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया. एसडीएम नवाबगंज अभय कुमार पांडे की अध्यक्षता में टीम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केएनएम त्रिपाठी, सीओ सिटी सीमा यादव और प्रोबेशन एसडीएम सचिन वर्मा ने अस्पताल पहुंचकर जांच की.

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जांच में अवैध वसूली और अनियमितता साबित

जांच में पाया गया कि अस्पताल ने मरीजों से अलग-अलग मदों में तमाम वसूली की. यही नहीं मरीजों से ऑक्सीजन के नाम पर भी जमकर वसूली की गई. अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों से जांच और दवाइयों के नाम पर नकद भुगतान के लिए मजबूर किया. अस्पताल ने शासनादेश के विपरीत मरीजों से जमकर वसूली की. टीम ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से बात की तो हैरान कर देने वाले तथ्य उजागर हुए. अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को कागज पर कच्चे बिल दिए और उन्हें जमा कराया गया. मरीजों द्वारा विरोध किए जाने पर उन्हें किसी दूसरे अस्पताल चले जाने की धमकी दी गई. अस्पताल प्रशासन द्वारा जांच टीम को जो मरीजों के इलाज की विवरण सूची उपलब्ध कराई गई, उसमें भी गोलमाल मिला. जांच टीम ने ये रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी.

जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुआ मुकदमा

जांच रिपोर्ट के आधार पर उप मुख्य चिकित्साधिकारी और नोडल अधिकारी कोविड डॉ. आरएन वर्मा ने शुक्रवार को नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया. जिला प्रशासन ने बताया कि अस्पताल द्वारा मरीजों को कच्चा-पक्का बिल दिए जाने से भारी वसूली की गई है. जिसके लिए जल्द ही जीएसटी टीम अलग से जांच करेगी.

बाराबंकीः जिले में स्थित एक निजी अस्पताल द्वारा कोविड मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी वसूली किए जाने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है. अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई इस बड़ी लापरवाही पर जिला प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया है. पीड़ित मरीजों की शिकायत पर प्रशासन ने एक विशेष टीम द्वारा जांच कराई गई थी. जांच टीम को अस्पताल द्वारा इलाज के नाम पर भारी अनियमितता और अवैध वसूली मिली, जिसके आधार पर उप मुख्य चिकित्साधिकारी की तहरीर पर नगर कोतवाली में आस्था हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ धारा 420 आईपीसी की धारा 52, 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और धारा 3, 4 महामारी अधिनियम 1897 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

कोरोना मरीजों से की जमकर वसूली

बताते चलें कि नगर कोतवाली के देवां रोड स्थित आस्था हॉस्पिटल को कोविड अस्पताल बनाया गया था. मरीजों के भर्ती होने पर अस्पताल प्रबंधन आपदा को अवसर में बदलने लगा. मरीजों से ऑक्सीजन सिलेंडर और इलाज के नाम पर मनमानी वसूली करने लगा. अस्पताल ने कोविड मरीजों से ऑक्सीजन सिलेंडर, रेगुलेटर खरीदवाए, निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क की वसूली की. यही नहीं भर्ती मरीजों को निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत उपचार भी नहीं दिया. पीड़ित मरीजों के परिजनों ने जब इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की तो हड़कंप मच गया.

पीड़ितों की शिकायत पर हुई जांच

मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया. एसडीएम नवाबगंज अभय कुमार पांडे की अध्यक्षता में टीम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केएनएम त्रिपाठी, सीओ सिटी सीमा यादव और प्रोबेशन एसडीएम सचिन वर्मा ने अस्पताल पहुंचकर जांच की.

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जांच में अवैध वसूली और अनियमितता साबित

जांच में पाया गया कि अस्पताल ने मरीजों से अलग-अलग मदों में तमाम वसूली की. यही नहीं मरीजों से ऑक्सीजन के नाम पर भी जमकर वसूली की गई. अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों से जांच और दवाइयों के नाम पर नकद भुगतान के लिए मजबूर किया. अस्पताल ने शासनादेश के विपरीत मरीजों से जमकर वसूली की. टीम ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से बात की तो हैरान कर देने वाले तथ्य उजागर हुए. अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को कागज पर कच्चे बिल दिए और उन्हें जमा कराया गया. मरीजों द्वारा विरोध किए जाने पर उन्हें किसी दूसरे अस्पताल चले जाने की धमकी दी गई. अस्पताल प्रशासन द्वारा जांच टीम को जो मरीजों के इलाज की विवरण सूची उपलब्ध कराई गई, उसमें भी गोलमाल मिला. जांच टीम ने ये रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी.

जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुआ मुकदमा

जांच रिपोर्ट के आधार पर उप मुख्य चिकित्साधिकारी और नोडल अधिकारी कोविड डॉ. आरएन वर्मा ने शुक्रवार को नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया. जिला प्रशासन ने बताया कि अस्पताल द्वारा मरीजों को कच्चा-पक्का बिल दिए जाने से भारी वसूली की गई है. जिसके लिए जल्द ही जीएसटी टीम अलग से जांच करेगी.

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