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फर्जी लूटकांड का सनसनीखेज खुलासा : आभूषण हड़पने के लिए रची थी ये कहानी...

बाराबंकी पुलिस ने व्यापारियों के आभूषण हड़पने की एक फर्जी लूट की कहानी का खुलासा किया है. मामले में पुलिस ने एक युवक और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है.

फर्जी लूटकांड का सनसनीखेज खुलासा
फर्जी लूटकांड का सनसनीखेज खुलासा
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Published : Jan 19, 2022, 3:39 PM IST

बाराबंकी : सोने-चांदी की ज्वेलरी का काम करने वाले एक युवक ने साथी व्यापारियों के आभूषण हड़पने के लिए फर्जी लूट की ऐसी कहानी गढ़ी जिसने पुलिस विभाग में हड़कम्प मचा दिया. लेकिन जब पुलिस ने बारीकी से छानबीन शुरू की तो इस फर्जी लूट का खुलासा हो गया. फिलहाल पुलिस ने युवक और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है. इनकी निशानदेही पर करीब डेढ़ किलो सोना, 05 लाख 17 हजार रुपये और घटना में प्रयुक्त कार बरामद कर ली है.


बताते चलें, 12 जनवरी को लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र के सराय माली खां निवासी समीर खान ने बाराबंकी नगर कोतवाली में अपने साथ हाइवे पर हुई लूट की सूचना दी. समीर ने बताया कि 11 और 12 जनवरी की रात में वह अपनी कार से फैजाबाद से आभूषण बनवाकर वापस आ रहा था कि नगर कोतवाली के मजीठा बोर्ड के पास मोटर साइकिल सवार दो व्यक्तियों ने बैग में रखे सोने के आभूषण और नकदी लेकर फरार हो गए. हाइवे पर हुई इस बड़ी लूट की घटना से पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की तो ये घटना संदिग्ध लगी.

अनुराग वत्स ,पुलिस कप्तान बाराबंकी

पुलिस कप्तान अनुराग वत्स ने इस पूरी घटना के खुलासे के लिए 05 टीमों का गठन किया. इन टीमों ने जब सीसीटीवी फुटेज, मैनुएल और डिजिटल डेटा खंगालने शुरू किए तो वो हैरान रह गई. दरअसल, वादी समीर खान ने अपने साथी अजीत यादव के साथ मिलकर खुद ही इस घटना को अंजाम दिया था और फर्जी लूट की कहानी गढ़ी थी.

बता दें, लखनऊ जिले के चौक थाना क्षेत्र के सराय माली खां निवासी समीर खान सोने चांदी के आभूषणों का व्यापारी है. वो दूसरे व्यापारियों के जेवरों को नई डिजाइन में बनवाने का काम करता है. समीर खान ने इन व्यापारियों का जेवर हड़पने के लिए योजना बनाई. उसने अपनी इस योजना में अपने एक साथी रायबरेली जिले के गुरबक्शगंज थाने के पूरे यदुनाथ सिंह निवासी अजीत यादव को शामिल किया.

इसे भी पढ़ें- भाजपा में शामिल हुईं अपर्णा यादव, बोलीं- पीएम मोदी की कार्यशैली से हूं प्रभावित

योजना के मुताबिक समीर खान ने दूसरे व्यापारी अमित सोनी और कारीगर मोनिरुल इस्लाम से नई डिजाइन के जेवर बनवाने के लिए उनसे जेवर लिए और अजीत यादव के साथ लखनऊ से फैजाबाद गया. वापसी में जब वो बाराबंकी के मंजीठा हाइवे के पास पहुंचा तो उसने सारा जेवर और 05 लाख 50 हजार रुपए अजीत को देकर उसे रायबरेली भेज दिया. उसके बाद उसने पुलिस को लूट की फर्जी सूचना दे दी.


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बाराबंकी : सोने-चांदी की ज्वेलरी का काम करने वाले एक युवक ने साथी व्यापारियों के आभूषण हड़पने के लिए फर्जी लूट की ऐसी कहानी गढ़ी जिसने पुलिस विभाग में हड़कम्प मचा दिया. लेकिन जब पुलिस ने बारीकी से छानबीन शुरू की तो इस फर्जी लूट का खुलासा हो गया. फिलहाल पुलिस ने युवक और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है. इनकी निशानदेही पर करीब डेढ़ किलो सोना, 05 लाख 17 हजार रुपये और घटना में प्रयुक्त कार बरामद कर ली है.


बताते चलें, 12 जनवरी को लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र के सराय माली खां निवासी समीर खान ने बाराबंकी नगर कोतवाली में अपने साथ हाइवे पर हुई लूट की सूचना दी. समीर ने बताया कि 11 और 12 जनवरी की रात में वह अपनी कार से फैजाबाद से आभूषण बनवाकर वापस आ रहा था कि नगर कोतवाली के मजीठा बोर्ड के पास मोटर साइकिल सवार दो व्यक्तियों ने बैग में रखे सोने के आभूषण और नकदी लेकर फरार हो गए. हाइवे पर हुई इस बड़ी लूट की घटना से पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन शुरू की तो ये घटना संदिग्ध लगी.

अनुराग वत्स ,पुलिस कप्तान बाराबंकी

पुलिस कप्तान अनुराग वत्स ने इस पूरी घटना के खुलासे के लिए 05 टीमों का गठन किया. इन टीमों ने जब सीसीटीवी फुटेज, मैनुएल और डिजिटल डेटा खंगालने शुरू किए तो वो हैरान रह गई. दरअसल, वादी समीर खान ने अपने साथी अजीत यादव के साथ मिलकर खुद ही इस घटना को अंजाम दिया था और फर्जी लूट की कहानी गढ़ी थी.

बता दें, लखनऊ जिले के चौक थाना क्षेत्र के सराय माली खां निवासी समीर खान सोने चांदी के आभूषणों का व्यापारी है. वो दूसरे व्यापारियों के जेवरों को नई डिजाइन में बनवाने का काम करता है. समीर खान ने इन व्यापारियों का जेवर हड़पने के लिए योजना बनाई. उसने अपनी इस योजना में अपने एक साथी रायबरेली जिले के गुरबक्शगंज थाने के पूरे यदुनाथ सिंह निवासी अजीत यादव को शामिल किया.

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योजना के मुताबिक समीर खान ने दूसरे व्यापारी अमित सोनी और कारीगर मोनिरुल इस्लाम से नई डिजाइन के जेवर बनवाने के लिए उनसे जेवर लिए और अजीत यादव के साथ लखनऊ से फैजाबाद गया. वापसी में जब वो बाराबंकी के मंजीठा हाइवे के पास पहुंचा तो उसने सारा जेवर और 05 लाख 50 हजार रुपए अजीत को देकर उसे रायबरेली भेज दिया. उसके बाद उसने पुलिस को लूट की फर्जी सूचना दे दी.


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