बाराबंकी : रंजिश को लेकर एक युवक ने साथियों के साथ मिलकर अपने मामा का अपहरण कर लिया और उनसे 42 हजार रुपये लूट लिए. पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात की छानबीन शुरू करते हुए जब आरोपी भांजे को गिरफ्तार किया तो ये डकैती की घटना निकली. पुलिस ने इस डकैती में शामिल तीन और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. जबकि अभी एक अभियुक्त फरार चल रहा है. पकड़े गए अभियुक्तों के पास से लूट के मोबाइल, दो अदद अवैध तमंचे, एक चाकू और लूट का 3300 रुपये बरामद किया गया है.
भानमऊ नहर से तीन अभियुक्त गिरफ्तार
बताते चलें कि शुक्रवार को कोठी थाने की पुलिस ने तीन अभियुक्तों को भानमऊ नहर पुलिया के पास से गिरफ्तार किया. नाम पता पूछने पर एक ने अपना नाम हिमांशु वर्मा, दूसरे ने अजीत गौतम और तीसरे ने अपना नाम वीरू गौतम निवासीगण भरवारा, थाना विभूति खंड, गोमतीनगर, लखनऊ बताया.
क्या है पूरा मामला
बीती 10 नवम्बर को कोठी थाना क्षेत्र के कुम्हरावा गांव के रहने वाले देवेंद्र कुमार के साथ लूट हुई थी. देवेंद्र उस्मानपुर में परचून की दुकान चलाता है. बीती दस नवम्बर को जब वह दुकान बंद कर शाम को घर लौट रहा था, तभी उस्मानपुर पुलिया के पास कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और मुंह-बांध कर उसे कार में डाल लिया. इसके बाद उससे 42 हजार रुपये और आधार कार्ड छीन लिए. अपहरणकर्ता उसे बाराबंकी की तरफ लेकर जा रहे थे कि रास्ते में मंजीठा के पास देवेंद्र मौका देखकर गाड़ी से उतरकर भाग निकला. अपहरणकर्ताओं ने उसको दौड़ाया, लेकिन सड़क से गुजर रही गाड़ियों की लाइट के चलते ये डर गए और रुपये बांटकर चले गए.
पकड़े गए भांजे ने कबूली घटना
पुलिस ने लूट के इस मामले की पड़ताल शुरू की और घटना की कड़ियों और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर 17 नवम्बर को दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए दोनों अभियुक्त शिवम वर्मा और अनिल कुमार कुम्हरावा के ही रहने वाले थे. पूछताछ में इन्होंने घटना कारित करने की बात कबूल की. साथ ही इस घटना में चार और अभियुक्तों के शामिल होने का खुलासा किया. पकड़े गए शिवम और अनिल द्वारा घटना में शामिल चारों अभियुक्तों के बाबत बताए जाने के बाद पुलिस ने डकैती की इस वारदात में शामिल तीन अभियुक्तों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. जबकि चौथे अभियुक्त की तलाश की जा रही है.
डकैती के पीछे का राज
पकड़े गए तीनों अभियुक्तों ने बताया कि पहले पकड़ा गया शिवम अपने ननिहाल में रहता है और पीड़ित देवेंद्र इसका चचेरा मामा है. शिवम के मुताबिक, उसकी नानी के जेवर को देवेंद्र के परिवार वालों ने पूर्व में चोरी करके बेच डाला था, जिसको लेकर शिवम रंजिश मानता था. शिवम और अनिल दोनों दोस्त हैं. कुछ दिन पहले जब अनिल लखनऊ के भरवारा के पास एक दवा की दुकान में काम करने जाता था तो उसका सम्पर्क इन अभियुक्तों से हो गया था. इन लोगों की आदतें ठीक नहीं थी और दुर्व्यसनों के चलते अक्सर पैसों की लालच में रहते थे. शिवम ने इन लोगों को बताया कि उन्हें रुपये मिल सकते हैं और उसने देवेंद्र के अपहरण की योजना बनाई और फिर सबने इसे अंजाम दिया.