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5 करोड़ 39 लाख रुपयों से जल्द ही 118 साल पुराने जीआईसी का होगा कायाकल्प

यूपी के बाराबंकी में पिछले काफी अर्से से जर्जर हो चुके 118 साल पुराने राजकीय इंटर कालेज का नजारा बदलने वाला है. क्योंकि इसके जीर्णोद्धार के लिए न केवल मंजूरी मिल गई है बल्कि इसके लिए 1 करोड़ 61 लाख रुपये की प्रथम किश्त भी निर्गत कर दी गई है.

राजकीय इण्टर कालेज.
राजकीय इण्टर कालेज.
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Published : May 23, 2021, 6:57 AM IST

बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी में पिछले काफी अर्से से जर्जर हो चुके 118 साल पुराने राजकीय इंटर कालेज का लुक जल्द ही बदला हुआ नजर आएगा. क्योंकि इसके जीर्णोद्धार के लिए न केवल मंजूरी मिल गई है बल्कि इसके लिए 1 करोड़ 61 लाख रुपये की प्रथम किश्त भी निर्गत कर दी गई है. भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत जीर्णोद्धार पर 05 करोड़ 39 लाख 95 हजार रुपये खर्च होंगे.

जीआईसी का होगा कायाकल्प
साल 1904 में बना शहर का राजकीय इंटर कालेज जिले का सबसे पुराना कालेज है. इसमें पढ़ने वाले तमाम छात्रों जिनमें मशहूर शायर रहे खुमार बाराबंकवी और हॉकी खिलाड़ी केडी सिंह ने जिले का नाम देश दुनिया तक पहुंचाया. वक्त बीता तो ये कालेज जर्जर होता गया. इसके कमरे बदहाल हो गए. छतों से पानी टपकने लगा तो खिड़कियां और दरवाजे बेकार हो गए.

कई बार कायाकल्प के लिए हुए प्रयास
कई बार इसके जीर्णोद्धार के लिए प्रयास हुए. शासन को प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन ज्यादा खर्च लगने के कारण मंजूरी नहीं मिल सकी. पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षा का निरीक्षण करने पहुंचे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इसकी हालत देखी तो जिला प्रशासन से इसका प्रस्ताव भेजने को कहा. जिला प्रशासन ने प्रस्ताव भेजा जिसे मार्च में हुई बैठक में मंजूरी मिल गई.

केंद्र सरकार ने दी पहली किश्त
बीती 23 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की 32वीं इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए इस प्रस्ताव को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सचिव द्वारा मंजूरी दे दी गई थी और बीती 13 मई को केन्द्रांश की निर्धारित धनराशि की प्रथम किश्त अवमुक्त कर दी गई.

60 फीसदी केंद्र तो 40 फीसदी राज्य सरकार करेगी खर्च
कालेज के 30 कमरों और लैब को लकदक किया जाएगा. जिस पर 539.95 लाख रुपये खर्च होंगे. इस धनराशि में 60 फीसदी केंद्र सरकार का अंश होगा और 40 फीसदी यानी 215.98 लाख रुपये राज्य सरकार खर्च करेगी. केंद्र सरकार ने इसके लिए पहली किश्त 161.985 लाख रुपये निर्गत कर दिए हैं.

इसे भी पढे़ं- यूपी में 31 मई तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू

बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी में पिछले काफी अर्से से जर्जर हो चुके 118 साल पुराने राजकीय इंटर कालेज का लुक जल्द ही बदला हुआ नजर आएगा. क्योंकि इसके जीर्णोद्धार के लिए न केवल मंजूरी मिल गई है बल्कि इसके लिए 1 करोड़ 61 लाख रुपये की प्रथम किश्त भी निर्गत कर दी गई है. भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत जीर्णोद्धार पर 05 करोड़ 39 लाख 95 हजार रुपये खर्च होंगे.

जीआईसी का होगा कायाकल्प
साल 1904 में बना शहर का राजकीय इंटर कालेज जिले का सबसे पुराना कालेज है. इसमें पढ़ने वाले तमाम छात्रों जिनमें मशहूर शायर रहे खुमार बाराबंकवी और हॉकी खिलाड़ी केडी सिंह ने जिले का नाम देश दुनिया तक पहुंचाया. वक्त बीता तो ये कालेज जर्जर होता गया. इसके कमरे बदहाल हो गए. छतों से पानी टपकने लगा तो खिड़कियां और दरवाजे बेकार हो गए.

कई बार कायाकल्प के लिए हुए प्रयास
कई बार इसके जीर्णोद्धार के लिए प्रयास हुए. शासन को प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन ज्यादा खर्च लगने के कारण मंजूरी नहीं मिल सकी. पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षा का निरीक्षण करने पहुंचे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इसकी हालत देखी तो जिला प्रशासन से इसका प्रस्ताव भेजने को कहा. जिला प्रशासन ने प्रस्ताव भेजा जिसे मार्च में हुई बैठक में मंजूरी मिल गई.

केंद्र सरकार ने दी पहली किश्त
बीती 23 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की 32वीं इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए इस प्रस्ताव को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सचिव द्वारा मंजूरी दे दी गई थी और बीती 13 मई को केन्द्रांश की निर्धारित धनराशि की प्रथम किश्त अवमुक्त कर दी गई.

60 फीसदी केंद्र तो 40 फीसदी राज्य सरकार करेगी खर्च
कालेज के 30 कमरों और लैब को लकदक किया जाएगा. जिस पर 539.95 लाख रुपये खर्च होंगे. इस धनराशि में 60 फीसदी केंद्र सरकार का अंश होगा और 40 फीसदी यानी 215.98 लाख रुपये राज्य सरकार खर्च करेगी. केंद्र सरकार ने इसके लिए पहली किश्त 161.985 लाख रुपये निर्गत कर दिए हैं.

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