बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी में शादी का झांसा देकर एक किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने दोषी को दस वर्ष के कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट नंबर 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया है.
एडीजीसी क्रिमिनल अजय सिंह सिसौदिया ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने नौ सितम्बर 2014 को पुलिस अधीक्षक बाराबंकी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी पीड़ा बयान करते हुए कार्यवाही के लिए प्रार्थना पत्र दिया था.
इस पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए धारा 376 आईपीसी, 3/4पॉक्सो एक्ट और धारा 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. पीड़िता के मुताबिक घटना वाली तारीख यानी नौ सितम्बर से लगभग तीन वर्ष पूर्व से आरोपी युवक उबैद अफजल का उसके घर आना-जाना था. घर आने-जाने के दौरान पीड़िता की उबैद से निकटता हो गई थी. उबैद अफजल ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बना लिए और दो वर्षों तक लगातार संबंध बनाता रहा.
पीड़िता जब-जब निकाह करने की बात कहती तो आरोपी टाल जाता था. एक बार आरोपी उसे शहर के एक लॉज में ले गया और वहां उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और उसकी वीडियो अपने मोबाइल में रिकार्ड किया. आरोपी उबैद ने वह वीडियो इंटरनेट पर अपलोड कर दिया. यह वीडियो एक व्यक्ति ने देखी और पीड़िता के पिता से बताया.
पीड़िता के पिता ने जब उससे पूछताछ की तो पीड़िता ने पूरी बात बताई. इसके बाद पीडिता के पिता ने आरोपी उबैद से बात की और निकाह करने को कहा लेकिन उबैद ने निकाह करने से इनकार कर दिया. उबैद ने वीडियो क्लिप अपने तमाम दोस्तों और मोहल्ले के लड़कों को भेज दी जिससे पीड़िता और उसके घरवालों की बदनामी होने लगी.
तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए मामले की विवेचना कर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की गई. अभियोजन पक्ष ने मामले में ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही और दोनों पक्षो की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट नंबर 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने आरोपी उबैद अफ़ज़ल को दोषी करार दिया और आरोपी उबैद अफजल को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई.
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