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बांदा: किसान बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में किसान बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने धरना प्रदर्शन किया. सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर किसान बिल को वापस लेने की मांग की.

भारतीय किसान यूनियन ने किया प्रदर्शन.
भारतीय किसान यूनियन ने किया प्रदर्शन.
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Published : Sep 25, 2020, 7:11 PM IST

बांदा: किसान बिल के विरोध में शुक्रवार को जिले में भारतीय किसान यूनियन ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने बिल को किसान विरोधी बताकर पीएम मोदी के नाम का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से यूनियन ने तीनों बिल को वापस लेने की मांग की. यूनियन ने कहा कि अगर बिल वापस नहीं होता है, तो यूनियन के सदस्य उग्र प्रदर्शन करेंगे.

शहर के संकट मोचन के पास भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों समेत 100 से अधिक किसान एकत्र हुए. किसानों ने कृषि बिल को किसान विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया. भारतीय किसान यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष बलराम तिवारी ने बताया कि सरकार ने जो तीन किसान बिल लागू किए हैं, वह किसान विरोधी हैं. इसके विरोध में देश में किसान यूनियन की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है.

उन्होंने कहा की पीएम मोदी के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर कृषि बिल को वापस लेने की मांग की गई है. अगर बिल को वापस नहीं लिया गया, तो किसान उग्र प्रदर्शन करेंगे. मंडल उपाध्यक्ष ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे की खरीद को अपराध घोषित किया जाए, जिससे की किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से उनकी फसल का पैसा मिल सके.

उन्होंने कहा कि सरकार मंडियों को खत्म करने की फिराक में हैं. साथ ही कांट्रेक्ट फार्मिंग के माध्यम से उद्योगपतियों को एक-एक जिले दे दिए जाएंगे. इससे छोटे और लघु सीमांत किसान खत्म हो जाएंगे और किसान अपने खेतों में मजदूर की तरह काम करने लगेगा. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार तीनों किसान बिल को जल्द से जल्द वापस ले.

बांदा: किसान बिल के विरोध में शुक्रवार को जिले में भारतीय किसान यूनियन ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने बिल को किसान विरोधी बताकर पीएम मोदी के नाम का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से यूनियन ने तीनों बिल को वापस लेने की मांग की. यूनियन ने कहा कि अगर बिल वापस नहीं होता है, तो यूनियन के सदस्य उग्र प्रदर्शन करेंगे.

शहर के संकट मोचन के पास भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों समेत 100 से अधिक किसान एकत्र हुए. किसानों ने कृषि बिल को किसान विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया. भारतीय किसान यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष बलराम तिवारी ने बताया कि सरकार ने जो तीन किसान बिल लागू किए हैं, वह किसान विरोधी हैं. इसके विरोध में देश में किसान यूनियन की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है.

उन्होंने कहा की पीएम मोदी के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर कृषि बिल को वापस लेने की मांग की गई है. अगर बिल को वापस नहीं लिया गया, तो किसान उग्र प्रदर्शन करेंगे. मंडल उपाध्यक्ष ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे की खरीद को अपराध घोषित किया जाए, जिससे की किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से उनकी फसल का पैसा मिल सके.

उन्होंने कहा कि सरकार मंडियों को खत्म करने की फिराक में हैं. साथ ही कांट्रेक्ट फार्मिंग के माध्यम से उद्योगपतियों को एक-एक जिले दे दिए जाएंगे. इससे छोटे और लघु सीमांत किसान खत्म हो जाएंगे और किसान अपने खेतों में मजदूर की तरह काम करने लगेगा. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार तीनों किसान बिल को जल्द से जल्द वापस ले.

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