बलरामपुर: सूबे के जल शक्ति राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख अपने एक दिवसीय दौरे पर बलरामपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने 11 दिसंबर को प्रस्तावित सरयू नहर राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना के लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया. 11 दिसंबर को सिंचाई परियोजना के लोकार्पण के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बलरामपुर आ रहे हैं. वहीं, लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने के बाद विकास भवन सभागार में मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए सूबे के जल शक्ति राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में लगे लोग किसान नहीं थे, बल्कि कांग्रेस, सपा और बसपा के एजेंट थे.
वहीं, तीन कृषि कानूनों को बेहतर बताते हुए उन्होंने कहा कि समय की मांग और किसानों की नाराजगी को देखते हुए प्रधानमंत्री ने इस कानून को वापस ले लिया और मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी एमएसपी के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है. जल शक्ति राज्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही गाइड लाइन भी बन जाएगी और एमएसपी का भी हल निकाल लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बलरामपुर में आगामी 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री लोकार्पण के उपरांत जनसभा को संबोधित करेंगे. जिसकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए वे यहां आए थे. वहीं, इस दौरान उनके साथ प्रदेश के होमगार्ड मंत्री पलटूराम भी मौजूद थे.
मीडिया से बात करते हुए जलशक्ति राज्यमंत्री ने कहा कि किसानों पर लगे मुकदमे जल्द ही वापस ले लिए जाएंगे. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री पहले ही कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का क्रेडिट किसी को नहीं जाता. बल्कि प्रधानमंत्री तो किसानों की आय दोगुनी व तिगुनी करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.
आखिर में उन्होंने कहा कि 2014 से ही प्रधानमंत्री किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किसानों को सब्सिडी दे रहे हैं और किसानों के खाते में पैसे भेज रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के फायदे के लिए जो भी करना होगा प्रधानमंत्री उसे जरूर करेंगे.
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