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बलरामपुर: छात्रों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़, प्राथमिक विद्यालय में नदारद मिले शिक्षक

उत्तर प्रदेश में बलरामपुर के शिवपुरा में प्राथमिक विद्यालय नंदनगर छितौनी में शिक्षक नदारद दिखे. मामला संज्ञान में आने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं.

प्राथमिक विद्यालय नंदनगर छितौनी
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Published : Nov 11, 2019, 7:53 PM IST

बलरामपुर: शिक्षा व्यवस्था को धार देने और शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार, नीति आयोग के साथ मिलकर सभी स्तरों पर काम कर रहा है. लेकिन जिले में तैनात शिक्षक स्कूल से नदारद हैं. जिससे न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि उनके भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

प्राथमिक विद्यालय में नदारद शिक्षक.
शिवपुरा में प्राथमिक विद्यालय नंदनगर छितौनी का हाल भी बेहद बुरा है. यहां पर 3 शिक्षकों की तैनाती है, लेकिन महज एक शिक्षक ही स्कूल के 80 से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहे हैं. यहां पर तैनात यशपाल सिंह प्रभारी है और उनकी पत्नी गीता सिंह सहायक अध्यापिका हैं. ये दोनों शिक्षक अपने स्कूल से लगातार नदारद रहते हैं.

इसे भी पढ़ें - बलरामपुर: कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल, जब स्कूल की बिल्डिंग ही बेहाल

मनोज कुमार, जो यहां पर सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं, वह अकेले ही तकरीबन 80 से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं. विद्यालय के रसोईया राम बुझारत ने बताया कि मैंने 2 दिन से प्रभारी अध्यापक और सहायक अध्यापिका को नहीं देखा. इसके साथ ही मैं खाना बनाने के बाद चला जाता हूं. उसके बाद वो आते हैं कि नहीं मुझे नहीं पता.

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए लिख रहा हूं. इसके साथ ही मेरी कोशिश होगी कि मैं भी इस विद्यालय में जाकर स्वयं वहां की स्थिति देखूं. अगर शिक्षकों की गलती पाई जाती है तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- हरिहर प्रसाद, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

बलरामपुर: शिक्षा व्यवस्था को धार देने और शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार, नीति आयोग के साथ मिलकर सभी स्तरों पर काम कर रहा है. लेकिन जिले में तैनात शिक्षक स्कूल से नदारद हैं. जिससे न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि उनके भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

प्राथमिक विद्यालय में नदारद शिक्षक.
शिवपुरा में प्राथमिक विद्यालय नंदनगर छितौनी का हाल भी बेहद बुरा है. यहां पर 3 शिक्षकों की तैनाती है, लेकिन महज एक शिक्षक ही स्कूल के 80 से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहे हैं. यहां पर तैनात यशपाल सिंह प्रभारी है और उनकी पत्नी गीता सिंह सहायक अध्यापिका हैं. ये दोनों शिक्षक अपने स्कूल से लगातार नदारद रहते हैं.

इसे भी पढ़ें - बलरामपुर: कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल, जब स्कूल की बिल्डिंग ही बेहाल

मनोज कुमार, जो यहां पर सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं, वह अकेले ही तकरीबन 80 से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं. विद्यालय के रसोईया राम बुझारत ने बताया कि मैंने 2 दिन से प्रभारी अध्यापक और सहायक अध्यापिका को नहीं देखा. इसके साथ ही मैं खाना बनाने के बाद चला जाता हूं. उसके बाद वो आते हैं कि नहीं मुझे नहीं पता.

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए लिख रहा हूं. इसके साथ ही मेरी कोशिश होगी कि मैं भी इस विद्यालय में जाकर स्वयं वहां की स्थिति देखूं. अगर शिक्षकों की गलती पाई जाती है तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- हरिहर प्रसाद, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

Intro:बलरामपुर जैसे अति महत्वाकांक्षी जिले में शिक्षा व्यवस्था को धार देने और शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार नीति आयोग के साथ मिलकर सभी स्तरों पर काम कर रहा है। लेकिन जिले में तैनात शिक्षक पूरी शिक्षा व्यवस्था में बट्टा लगाने का काम कर रहे हैं। जिससे न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बल्कि उनके भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे।


Body:शिक्षा क्षेत्र शिवपुरा में पड़ने वाले प्राथमिक विद्यालय नंदनगर छितौनी का हाल भी बेहद बुरा नजर आता है। यहां पर कहने को तो 3 शिक्षक तैनात है। लेकिन महज एक शिक्षक से ही स्कूल के 117 विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है। यहां पर तैनात यशपाल सिंह प्रभारी है और उनकी पत्नी गीता सिंह सहायक अध्यापिका है। ये दोनों शिक्षक अपने स्कूल से लगातार नदारद रहती है। लोग बताते हैं कि उनके नदारद रहने के पीछे खंड शिक्षा अधिकारी का बड़ा हाथ है। खंड शिक्षा अधिकारी की कृपा के कारण यह लोग अपने विद्यालय में मेडिकल वगैरह रख कर। गायब हो जाए करते हैं।
मनोज कुमार, जो यहां पर सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है। वह अकेले ही तकरीबन 80 से अधिक विद्यार्थियों को संभालते दिखाई दिए। बच्चों ने बताया कि पिछले कई दिनों से विद्यालय में नहीं आ रहे हैं। वही, रसोईया राम बुझारत ने बताया कि मैंने 2 दिन से प्रभारी अध्यापक और सहायक अध्यापिका को नहीं देखा। इसके साथ ही मैं खाना बनाने के बाद चला जाता हूँ तो हो सकता है मैने ही उन्हें न देखा हो।


Conclusion:जब हमने इस मसले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिहर प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए लिख रहा हूं। इसके साथ ही मेरी कोशिश होगी कि मैं भी इस विद्यालय को जल्द से जल्द विजिट करूं। अगर शिक्षकों की गलती पाई जाती है तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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