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सख्त सुरक्षा के बीच नेपाल से भारत आएगी सिद्ध पीर बाबा रतननाथ की शोभायात्रा, जानें क्या है महत्व

चैत्र नवरात्रि की पंचमी को नेपाल से आने वाली पीर बाबा रतननाथ की प्रसिद्ध शोभायात्रा को लेकर देवीपाटन मंदिर व स्थानीय प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. साथ ही स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. वहीं बताया गया कि पीर रतननाथ की यात्रा नेपाल के कोइलाबास सीमा से होते हुए नवरात्रि के दूसरे दिन भारतीय सीमा में प्रवेश करेगी.

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Published : Mar 30, 2022, 8:05 AM IST

बलरामपुर: चैत्र नवरात्रि की पंचमी को नेपाल से आने वाली पीर बाबा रतननाथ की प्रसिद्ध शोभायात्रा को लेकर देवीपाटन मंदिर व स्थानीय प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. साथ ही स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. वहीं बताया गया कि पीर रतननाथ की यात्रा नेपाल के कोइलाबास सीमा से होते हुए नवरात्रि के दूसरे दिन भारतीय सीमा में प्रवेश करेगी. नेपाल से आने वाली पीर रतननाथ योगी की शोभायात्रा को लेकर देवीपाटन मंदिर में अबकी विशेष प्रबंधन किए गए हैं. नेपाल से भारत में प्रवेश के बाद प्रथम विश्राम स्थल जनकपुर में पीर रतननाथ योगी की प्रतिमा स्थापित होगी. इसके अलावा शोभायात्रा के साथ नेपाल से आने वाले साधु-संतों के रहने के लिए भव्य भवन बनवाया गया है. इसके साथ ही शिव मंदिर का भी निर्माण कराया गया है.

बताया गया कि दो अप्रैल को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा. इसके बाद यहां सात दिनों तक श्रीराम कथा कार्यक्रम का आयोजन होगा, जहां आने वाले सांधु-संतों और भक्तों के लिए भंडारा की व्यवस्था होगी. वहीं, कार्यक्रम की तैयारियों में लगे देवीपाटन पीठाधीश्वर मिथिलेश नाथ योगी लगातार तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं.

सिद्ध पीर बाबा रतननाथ की शोभायात्रा
सिद्ध पीर बाबा रतननाथ की शोभायात्रा

इसे भी पढ़ें - UP को मिला तीसरा राष्ट्रीय जल पुरस्कार, मुजफ्फरनगर बना उत्तर भारत का सर्वश्रेष्ठ जिला

हजारों वर्षों से चली आ रही ये परंपरा: चैत्र नवरात्रि की पंचमी को हर वर्ष गाजे-बाजे के साथ रतननाथ योगी (पात्र देवता) की यात्रा नेपाल के दांग चौखड़ा से पैदल चलकर देवीपाटन मंदिर पहुंचती है. इस दौरान हजारों लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं, जो प्राचीन समय से चली आ रही है. यहां पहुंचने के बाद नेपाल से आए मुख्य पुजारी नवमी तक मां पाटेश्वरी की पूजा करते हैं.

देवीपाटन मंदिर पहुंचने से पूर्व पीर रतननाथ योगी की यात्रा नेपाल सीमा क्षेत्र से लगे देवीपाटन मंदिर की ओर से ही संचालित जनकपुर मठ में पहुंचती है. इस दौरान यहां तीन दिनों तक मेला लगता है. रतननाथ योगी (पात्र देवता) की यात्रा नवरात्रि के पहले दिन सुबह होते ही निकल पड़ती है. दूसरे दिन कोइलाबास सीमा होते हुए जनकपुर पहुंचती है. तीन दिन विश्राम के बाद पंचमी के दिन यह यात्रा जनकपुर से देवीपाटन मंदिर पहुंचती है. इस दौरान विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है.

वहीं, यात्रा को लेकर देवीपाटन पीठाधीश्वर मिथिलेश नाथ योगी ने बताया कि इस प्राचीन मठ पर शिव मंदिर व रतननाथ जी की प्रतिमा स्थापित की गई है और दो अप्रैल को प्राण प्रतिष्ठा होने के उपरांत यहां सात दिनों तक श्रीराम कथा व भंडारा का आयोजन होगा. साथ यहां संतों के रहने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. इधर, उप जिलाधिकारी मंगलेश दुबे ने कहा कि नेपाल से आने वाली इस यात्रा को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. साथ ही सभी बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए संबंधित विभाग को निर्देश भी दिए गए हैं.

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बलरामपुर: चैत्र नवरात्रि की पंचमी को नेपाल से आने वाली पीर बाबा रतननाथ की प्रसिद्ध शोभायात्रा को लेकर देवीपाटन मंदिर व स्थानीय प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. साथ ही स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. वहीं बताया गया कि पीर रतननाथ की यात्रा नेपाल के कोइलाबास सीमा से होते हुए नवरात्रि के दूसरे दिन भारतीय सीमा में प्रवेश करेगी. नेपाल से आने वाली पीर रतननाथ योगी की शोभायात्रा को लेकर देवीपाटन मंदिर में अबकी विशेष प्रबंधन किए गए हैं. नेपाल से भारत में प्रवेश के बाद प्रथम विश्राम स्थल जनकपुर में पीर रतननाथ योगी की प्रतिमा स्थापित होगी. इसके अलावा शोभायात्रा के साथ नेपाल से आने वाले साधु-संतों के रहने के लिए भव्य भवन बनवाया गया है. इसके साथ ही शिव मंदिर का भी निर्माण कराया गया है.

बताया गया कि दो अप्रैल को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा. इसके बाद यहां सात दिनों तक श्रीराम कथा कार्यक्रम का आयोजन होगा, जहां आने वाले सांधु-संतों और भक्तों के लिए भंडारा की व्यवस्था होगी. वहीं, कार्यक्रम की तैयारियों में लगे देवीपाटन पीठाधीश्वर मिथिलेश नाथ योगी लगातार तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं.

सिद्ध पीर बाबा रतननाथ की शोभायात्रा
सिद्ध पीर बाबा रतननाथ की शोभायात्रा

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हजारों वर्षों से चली आ रही ये परंपरा: चैत्र नवरात्रि की पंचमी को हर वर्ष गाजे-बाजे के साथ रतननाथ योगी (पात्र देवता) की यात्रा नेपाल के दांग चौखड़ा से पैदल चलकर देवीपाटन मंदिर पहुंचती है. इस दौरान हजारों लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं, जो प्राचीन समय से चली आ रही है. यहां पहुंचने के बाद नेपाल से आए मुख्य पुजारी नवमी तक मां पाटेश्वरी की पूजा करते हैं.

देवीपाटन मंदिर पहुंचने से पूर्व पीर रतननाथ योगी की यात्रा नेपाल सीमा क्षेत्र से लगे देवीपाटन मंदिर की ओर से ही संचालित जनकपुर मठ में पहुंचती है. इस दौरान यहां तीन दिनों तक मेला लगता है. रतननाथ योगी (पात्र देवता) की यात्रा नवरात्रि के पहले दिन सुबह होते ही निकल पड़ती है. दूसरे दिन कोइलाबास सीमा होते हुए जनकपुर पहुंचती है. तीन दिन विश्राम के बाद पंचमी के दिन यह यात्रा जनकपुर से देवीपाटन मंदिर पहुंचती है. इस दौरान विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है.

वहीं, यात्रा को लेकर देवीपाटन पीठाधीश्वर मिथिलेश नाथ योगी ने बताया कि इस प्राचीन मठ पर शिव मंदिर व रतननाथ जी की प्रतिमा स्थापित की गई है और दो अप्रैल को प्राण प्रतिष्ठा होने के उपरांत यहां सात दिनों तक श्रीराम कथा व भंडारा का आयोजन होगा. साथ यहां संतों के रहने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. इधर, उप जिलाधिकारी मंगलेश दुबे ने कहा कि नेपाल से आने वाली इस यात्रा को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. साथ ही सभी बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए संबंधित विभाग को निर्देश भी दिए गए हैं.

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