बलरामपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना स्वच्छ भारत मिशन. जिसके अंर्तगत देशभर में बसे सभी गांवों, शहरों और वहां पर रहने वाले परिवारों को 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करके शौचालय बनवाए गए. इसके साथ लोगों को खुले में शौच से मुक्त कराने और बिमारियों से निजात दिलाने का काम होना था. बलरामपुर जिले में भी इस बाबत तमाम काम किए गए. जिले को ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्त घोषित कर प्रशासन द्वारा दावा किया गया कि जिले में अब कोई खुले में शौच के लिए नहीं जाता, लेकिन हकीकत बेहद बदरंग है और अचरज में डालने वाली थी.
बलरामपुर जिला नीति आयोग के तहत आने वाले अति पिछड़े जिलों में शामिल है. इसलिए यहां पर केंद्र और राज्य सरकारों की लागू उन तमाम योजनाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है, जो सीधे जनमानस के लाभ से जुड़ी होती हैं. स्वच्छ भारत मिशन, शहरी और ग्रामीण पर भी विशेष ध्यान दिया गया. अधिकारियों का दावा है की स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत 2,43,210 शौचालयों का निर्माण करवाया गया. विभाग दावा कर रहा है कि बेसलाइन सर्वे 2012 के समय छूटे हुए व उसके उपरांत बढ़े हुए 50,145 परिवारों को भी शौचालय की सुविधा सरकारी माध्यमों द्वारा प्रदान की जाएगी. अगर कुल सरकारी आंकड़ों की मान लें तो जिले में पिछले 10-12 सालों में लगभग 5 लाख शौचालयों का निर्माण करवाया जा चुका है.
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की रियलिटी को जांचने के लिए हमने जिले के सबसे पिछड़े खंड ब्लॉक्स में शामिल पचपेड़वा के त्रिलोकपुर ग्राम सभा का रुख किया. यहां निर्मल भारत और स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय का निर्माण करवाया गया है. बौद्ध परिपथ से सटे इस गांव में तकरीबन 5000 की आबादी निवास करती है, जिनमें से अधिकतर लोग खेतिहर या मजदूर हैं. गांव के ही कल्लू से बात की तो पता चला कि जिन शौचालयों का निर्माण करवाया गया है, उसमें न तो सही से गड्ढे बने हैं और न ही उनकी सीट बैठने लायक हैं, शौचालयों का निर्माण का स्तर इतना खराब है कि शौचालय कब बैठ जाए या कब गिर जाए इसका कोई पता नहीं है.
जब स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति पर जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से बात की तो उन्होंने तमाम गणितीय आंकड़ों को गिनाते हुए अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश की, लेकिन इस मिशन के तहत बने घटिया शौचालय व उनकी मौजूदा स्थिति पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसी तरह ग्राम पंचायत विकास अधिकारी नरेश चंद्र ने भी शौचालय की गुणवत्ता और उसके जांच से जुड़े चीजों पर हमें बयान देने से मना कर दिया.