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बलरामपुर में हाशिये पर शिक्षा व्यवस्था, शिक्षामित्र के सहारे चल रहा स्कूल

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में भगवानपुर ग्राम सभा के अंतर्गत करनगांव प्राथमिक स्कूल की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. इस स्कूल में शिक्षक अक्सर अनुपस्थित रहते हैं. इसके साथ ही स्कूल भवन की हालत भी जर्जर बनी हुई है.

प्राथमिक विद्यालय की बदहाल शिक्षा व्यवस्था.
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Published : Aug 18, 2019, 9:45 AM IST

Updated : Aug 26, 2019, 7:16 AM IST

बलरामपुर: जिले के प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है. प्राथमिक विद्यालयों में लगातार बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था का आलम ये है कि आए दिन स्कूल से शिक्षक नदारद रहते हैं, जिसके चलते बच्चों के शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है.

प्राथमिक विद्यालय की बदहाल शिक्षा व्यवस्था.

पढ़ें: शिक्षा विभाग में बड़ी कार्रवाई, 140 शिक्षकों का रोका गया एक दिन का वेतन

प्राथमिक विद्यालय की बदहाल शिक्षा व्यवस्था

  • भगवानपुर ग्राम सभा के अंतर्गत करनगांव प्राथमिक स्कूल की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है.
  • इस स्कूल में 4 शिक्षकों की ही तैनाती है, वहीं शिक्षामित्र के सहारे ही स्कूल चलता है.
  • ग्रामीणों का कहना है कि तैनात शिक्षक भी लगातार अनुपस्थित रहते हैं.
  • शिक्षकों की अनुपस्थिति से बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता भी बिल्कुल न के बराबर है.
  • 5 वीं में पढ़ने वाले बच्चे दो और दो को गुणा करने तक में नाकाम हैं.
  • अभिभावकों का कहना है कि बारिश के समय स्कूल तक पहुंचने का रास्ता नहीं है.
  • बच्चे किसी तरह बरसात के मौसम में जान जोखिम में डालकर स्कूल तक पहुंचते हैं.
  • बिल्डिंग का एक कमरा भी पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जिसकी छत किसी भी वक्त गिर सकती है.
  • पूरे मामले पर बीएसए का कहना है कि हम लोग इस तरह का मामला सामने आने पर कार्रवाई करते हैं.

बलरामपुर: जिले के प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है. प्राथमिक विद्यालयों में लगातार बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था का आलम ये है कि आए दिन स्कूल से शिक्षक नदारद रहते हैं, जिसके चलते बच्चों के शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है.

प्राथमिक विद्यालय की बदहाल शिक्षा व्यवस्था.

पढ़ें: शिक्षा विभाग में बड़ी कार्रवाई, 140 शिक्षकों का रोका गया एक दिन का वेतन

प्राथमिक विद्यालय की बदहाल शिक्षा व्यवस्था

  • भगवानपुर ग्राम सभा के अंतर्गत करनगांव प्राथमिक स्कूल की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है.
  • इस स्कूल में 4 शिक्षकों की ही तैनाती है, वहीं शिक्षामित्र के सहारे ही स्कूल चलता है.
  • ग्रामीणों का कहना है कि तैनात शिक्षक भी लगातार अनुपस्थित रहते हैं.
  • शिक्षकों की अनुपस्थिति से बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता भी बिल्कुल न के बराबर है.
  • 5 वीं में पढ़ने वाले बच्चे दो और दो को गुणा करने तक में नाकाम हैं.
  • अभिभावकों का कहना है कि बारिश के समय स्कूल तक पहुंचने का रास्ता नहीं है.
  • बच्चे किसी तरह बरसात के मौसम में जान जोखिम में डालकर स्कूल तक पहुंचते हैं.
  • बिल्डिंग का एक कमरा भी पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जिसकी छत किसी भी वक्त गिर सकती है.
  • पूरे मामले पर बीएसए का कहना है कि हम लोग इस तरह का मामला सामने आने पर कार्रवाई करते हैं.
Intro:(नोट :- वायरल होने के कारण आवाज़ खराब है, इसलिए डेस्क के सहयोगियों से आग्रह है। कृपया वहीं पर पैकेज बना लें।)

भले ही केंद्र सरकार द्वारा बलरामपुर जिले को अति महत्वाकांक्षी जिलों में शामिल करके यहां पर शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने और प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की तमाम रवायतें क्यों न की जा रही हैं। लेकिन शिक्षक और बेसिक शिक्षा विभाग के आला-अधिकारी इसमें बट्टा लगाने से नहीं चूक रहे हैं।
अभी हाल ही में जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश द्वारा शिक्षकों की कार्यशैली और उनके लगातार अनुपस्थित रहने पर कड़ा एक्शन भी लिया गया है। इसके बावजूद भी शिक्षक दूरदराज के विद्यालयों में नदारद ही रहते हैं।


Body:तुलसीपुर शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भगवानपुर ग्राम सभा के अंतर्गत करनगांव नाम का एक प्राथमिक स्कूल पड़ता है। यहां पर ना तो विद्यालय आने के लिए रास्ता हैं और ना ही वह तमाम व्यवस्थाएं जिसके जरिए यहां पर नामांकित तकरीबन 100 बच्चों के भविष्य को सुधारा जा सके। और तो और यहां पर 4 शिक्षकों की तैनाती है। लेकिन शिक्षामित्र के सहारे ही स्कूल चलता है। ग्रामीण यह भी बताते हैं कि शिक्षक न केवल लगातार अनुपस्थित रहते हैं। बल्कि उनके अनुपस्थित रहने के कारण बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता भी बिल्कुल ना के बराबर है। इस बात की तस्दीक के लिए जब हमने बच्चों से बेहद छोटे छोटे सवाल किए तो वह उनके जवाब देने में नाकाम रहे। 5वीं में पढ़ने वाले बच्चे दो और दो को गुणा करने तक में नाकाम है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि इन बच्चों को क्या पढ़ाया जा रहा है और ये इस तरह से पढ़ कर कैसे आगे बढ़ सकेंगे?
इस स्कूल में रवि राजपूत प्रभारी प्रधानाध्यापक के तौर पर तैनात हैं। वहीं निशा यादव और रंजना शर्मा सहायक अध्यापक के रूप में तैनात है। वहीं, नमिता चौधरी शिक्षा मित्र हैं। जो गांव की ही रहने वाली है। जब ईटीवी भारत ने ग्राउंड रियलिटी चेक की तो स्कूल में महज नमिता चौधरी पढ़ाते हुए दिखाई दीं। उन्होंने हमसे ऑफ कैमरा बात करते हुए कहा कि हमें केवल खुद से मतलब है। मुझे यहां पर आना होता है इसलिए मैं आती हूं। बाकी कौन आ रहा है, कौन नहीं आ रहा है। इससे मुझे नहीं मतलब है। साफ हो जाता है कि अक्सर सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक गायब ही रहते हैं।
लोग बताते हैं कि सहायक अध्यापक रंजना शर्मा और निशा यादव अक्सर गायब ही रहती है। जबकि रवि राजपूत इस वक्त चिकित्सीय अवकाश के कारण अपने घर गए हुए हैं।


Conclusion:जगन ने ग्रामीणों से इस मामले में बात की तो उन्होंने कहा कि यह समस्या अक्सर बनी रहती है। यहां पर चार शिक्षक तैनात हैं, जिनमें से एक या दो लोग ही रोज ही गायब रहते हैं।
वही अभिभावक संतोष प्रताप सिंह बताते हैं कि अभी पानी नहीं बरस रहा है इसलिए आप यहां तक आ सके हैं वरना स्कूल आने का रास्ता तक नहीं है। छोटे-छोटे बच्चे किसी तरह बरसात के मौसम में जान जोखिम में डालकर स्कूल तक पहुंचते हैं। वह कहते हैं कि बिल्डिंग का एक कमरा भी पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। वह कब गिर जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है।
वहीं, बच्चों ने हमसे बात करते हुए कहा कि मिड-डे-मील तो रोज बनता है। लेकिन तकरीबन 1 साल से ज्यादा हो गया है कि हमें दूध और फल नहीं मिला है। किताब-कापी अभी हाल ही में उपलब्ध करवाया गया है। जबकि जूता मोजा भी अभी किसी किसी बच्चे को नहीं मिल सका है।
जब हमने इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिहर प्रसाद से बात किया तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया जा रहा है। जांच करवाकर उचित कार्यवाही की जाएगी। शिक्षकों का विद्यालय में अनुपस्थित रहना कोई अच्छी बात नहीं है।
बाईट क्रमशः :-
01 :- संतोषी , छात्रा
02 :- अमन, छात्र
03 :- अनारा, अभिभावक
04 :- संतोष प्रताप सिंह, अभिभावक
05 :- हरिहर प्रसाद, बीएसए बलरामपुर
Last Updated : Aug 26, 2019, 7:16 AM IST
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