बलरामपुर : बलरामपुर अस्पताल में यूनानी चिकित्सा का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है क्योंकि यहां पर यूनानी डॉक्टर ही नहीं हैं. पिछले तीन साल से पद रिक्त है, जिसकी वजह से रोज आने वाले मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ रहा है. ओपीडी में यूनानी डॉक्टर तो हैं नहीं तो फार्मेसिस्ट ही मरीजों को उपचार के तरीके समझा रहे हैं. ऐसे में ओपीडी में आने वाले मरीजों को डॉक्टर का इंतजार है लेकिन कब डॉक्टर तैनात होंगे, इसका स्पष्ट जवाब कोई देने वाला कोई नहीं है.
ओपीडी में रोजाना इलाज की आस में आने वाले मरीजों के हाथ निराशा ही लग रही है. विज्ञान भवन के प्रथम तल पर स्थित ओपीडी में जब वह पहली मंजिल चढ़कर हांफते हुए पहुंचते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि यूनानी डॉक्टर की तैनाती ही नहीं है और सिर पर हाथ रख कर वह बैठ जाते हैं. वहीं, जब इस मामले में बलरामपुर अस्पताल के निदेशक से पूछा गया तो उन्होंने सारा दोष सीएमओ लखनऊ के सिर पर मढ़ दिया.
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉक्टर राजीव लोचन के बातचीत से मना करने के बाद जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जल्द ही व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर दिया जाएगा और मरीजों को लाभ मिलने लगेगा.