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शासनादेश का उल्लंघन कर रहे अधिकारी, ऑन ड्यूटी पर कुर्सी मिली खाली

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में अधिकारियों को 10 से 12 बजे तक ऑफिस में रहकर जनसुनवाई करने का सख्त निर्देश दिया गया है. इसके बावजूद भी बलरामपुर में कई अधिकारी शासनादेश का उल्लंघन कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम बलरामपुर कई अधिकारियों के ऑफिस पहुंची, जहां अधिकारियों की कुर्सी ऑन ड्यूटी के वक्त खाली मिली. देखें रियलिटी चेक...

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Published : Jul 24, 2021, 5:53 PM IST

बलरामपुर में ड्यूटी पर नहीं मिले कई अधिकारी.
बलरामपुर में ड्यूटी पर नहीं मिले कई अधिकारी.

बलरामपुर: लॉकडाउन खत्म होने के बाद प्रशासनिक कार्यों को भी वापस पटरी पर लाने की कवायद शासन द्वारा शुरू की गई थी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद जनता दर्शन का कार्य शुरू किया और लोगों की समस्याएं सुननी शुरू की. ऐसे में अधिकारियों, विधायकों व सांसदों को भी शासन द्वारा यह निर्देश प्राप्त हुआ कि वह भी अपने ऑफिस में बैठकर जनसुनवाई करें और जन समस्याओं का निस्तारण करें. बलरामपुर जिलाधिकारी श्रुति ने सभी फील्ड में रहने वाले व ऑफिस में काम करने वाले अधिकारियों को 10 से 12 के बीच कार्यालयों में बैठकर जनसुनवाई करने और समस्याओं का निस्तारण करने के लिए आदेश दिया था, इसके बावजूद भी कई अधिकारी ड्यूटी के वक्त गायब मिले.

बलरामपुर में ड्यूटी पर नहीं मिले कई अधिकारी.
आदेश के दूसरे दिन ईटीवी भारत की टीम ने अधिकारियों के कार्यालयों में जाकर व्यवस्था का रियलिटी चेक किया, तो अमूमन अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठे नजर नहीं आए. कुछ ने मीटिंग का बहाना बताया, तो कुछ अपने आवास से ही देरी से निकले. जिलाधिकारी ने कहा कि जांच की जाएगी, दोषी होने पर कार्रवाई भी की जाएगी. अधिकारियों की लेट-लतीफी कतई बर्दाश्त नहीं है. अगर इसकी पूर्णवृत्ति होती है, तो लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ शासन को भी लिखा जाएगा.बलरामपुर के खंड विकास अधिकारी अपने कार्यालय में 10:15 बजे तक नहीं पहुंच सके थे. जब ईटीवी भारत की टीम ने वहां पहुंचकर रियलिटी चेक किया, तो उनका कमरा खाली नजर आया. कैमरा ऑन होने के कुछ देर बाद खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार (Balrampur Block Development Officer Rajesh Kumar) अपने कमरे में दाखिल हुए. उन्होंने बताया कि हम लेट नहीं हैं. अमूमन 10:10 का टाइम है, कार्यालय में पहुंचकर जन सुनवाई करने और लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए.वहीं, बलरामपुर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राम चन्द्र (Balrampur Basic Education Officer Dr Ram Chandra) भी 10:25 तक अपने कार्यालय में नहीं पहुंचे. ईटीवी भारत की टीम ने जब उनके कार्यालय पहुंची, तो उनकी भी कुर्सी खाली नजर आई. 10:25 तक बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने अन्य कार्यों में ही व्यस्त रहें. उनके कार्यालय में मौजूद लोगों ने बताया कि वह एनआईसी गए हुए हैं.वहीं, जिले की दूसरी सबसे जिम्मेदार अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी का ऑफिस भी हमारे रियलिटी चेक में फेल हुआ. 10:30 मिनट तक सीडीओ रिया केजरीवाल भी अपने कार्यालय में नहीं पहुंच सकीं. पढ़ें-खबर का असर: अवैध खनन का SP-DM ने लिया संज्ञान, दो आरोपी गिरफ्तार

ईटीवी भारत से बात करते हुए जिलाधिकारी श्रुति ने कहा कि शासन व उच्च अधिकारियों द्वारा पहले भी निर्देशित किया जा चुका है कि 10 से 12 के बीच में सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में मौजूद रहकर जनसुनवाई करेंगे, जिससे आम जनमानस की समस्याओं का त्वरित गति से निस्तारण किया जा सके. उन्होंने कहा कि आपके द्वारा कुछ अधिकारियों के अपने कार्यालय में न रहने का मामला संज्ञान में आया है. जांच की जाएगी और यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें-बलरामपुर में 50 हजार का इनामी बदमाश मुठभेड़ में गिरफ्तार

बलरामपुर: लॉकडाउन खत्म होने के बाद प्रशासनिक कार्यों को भी वापस पटरी पर लाने की कवायद शासन द्वारा शुरू की गई थी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद जनता दर्शन का कार्य शुरू किया और लोगों की समस्याएं सुननी शुरू की. ऐसे में अधिकारियों, विधायकों व सांसदों को भी शासन द्वारा यह निर्देश प्राप्त हुआ कि वह भी अपने ऑफिस में बैठकर जनसुनवाई करें और जन समस्याओं का निस्तारण करें. बलरामपुर जिलाधिकारी श्रुति ने सभी फील्ड में रहने वाले व ऑफिस में काम करने वाले अधिकारियों को 10 से 12 के बीच कार्यालयों में बैठकर जनसुनवाई करने और समस्याओं का निस्तारण करने के लिए आदेश दिया था, इसके बावजूद भी कई अधिकारी ड्यूटी के वक्त गायब मिले.

बलरामपुर में ड्यूटी पर नहीं मिले कई अधिकारी.
आदेश के दूसरे दिन ईटीवी भारत की टीम ने अधिकारियों के कार्यालयों में जाकर व्यवस्था का रियलिटी चेक किया, तो अमूमन अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठे नजर नहीं आए. कुछ ने मीटिंग का बहाना बताया, तो कुछ अपने आवास से ही देरी से निकले. जिलाधिकारी ने कहा कि जांच की जाएगी, दोषी होने पर कार्रवाई भी की जाएगी. अधिकारियों की लेट-लतीफी कतई बर्दाश्त नहीं है. अगर इसकी पूर्णवृत्ति होती है, तो लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ शासन को भी लिखा जाएगा.बलरामपुर के खंड विकास अधिकारी अपने कार्यालय में 10:15 बजे तक नहीं पहुंच सके थे. जब ईटीवी भारत की टीम ने वहां पहुंचकर रियलिटी चेक किया, तो उनका कमरा खाली नजर आया. कैमरा ऑन होने के कुछ देर बाद खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार (Balrampur Block Development Officer Rajesh Kumar) अपने कमरे में दाखिल हुए. उन्होंने बताया कि हम लेट नहीं हैं. अमूमन 10:10 का टाइम है, कार्यालय में पहुंचकर जन सुनवाई करने और लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए.वहीं, बलरामपुर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राम चन्द्र (Balrampur Basic Education Officer Dr Ram Chandra) भी 10:25 तक अपने कार्यालय में नहीं पहुंचे. ईटीवी भारत की टीम ने जब उनके कार्यालय पहुंची, तो उनकी भी कुर्सी खाली नजर आई. 10:25 तक बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने अन्य कार्यों में ही व्यस्त रहें. उनके कार्यालय में मौजूद लोगों ने बताया कि वह एनआईसी गए हुए हैं.वहीं, जिले की दूसरी सबसे जिम्मेदार अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी का ऑफिस भी हमारे रियलिटी चेक में फेल हुआ. 10:30 मिनट तक सीडीओ रिया केजरीवाल भी अपने कार्यालय में नहीं पहुंच सकीं. पढ़ें-खबर का असर: अवैध खनन का SP-DM ने लिया संज्ञान, दो आरोपी गिरफ्तार

ईटीवी भारत से बात करते हुए जिलाधिकारी श्रुति ने कहा कि शासन व उच्च अधिकारियों द्वारा पहले भी निर्देशित किया जा चुका है कि 10 से 12 के बीच में सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में मौजूद रहकर जनसुनवाई करेंगे, जिससे आम जनमानस की समस्याओं का त्वरित गति से निस्तारण किया जा सके. उन्होंने कहा कि आपके द्वारा कुछ अधिकारियों के अपने कार्यालय में न रहने का मामला संज्ञान में आया है. जांच की जाएगी और यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी.
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