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फिरोज हत्याकांडः जेल में निरूद्ध जेबा रिजवान की बढ़ी मुश्किलें, बाहुबली पिता के साथ अब वह भी 'राष्ट्रद्रोही'

फिरोज पप्पू हत्याकांड में बाहुबली नेता रिजवान जहीर की बेटी जेबा रिजवान पर भी राष्ट्रद्रोही का मुकदमा दर्ज किया गया है.

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जेबा रिजवान
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Published : May 30, 2022, 7:56 PM IST

बलरामपुर: फिरोज पप्पू हत्याकांड के कारण जेल में बंद पूर्व सांसद और बाहुबली नेता रिजवान जहीर की बेटी जेबा रिजवान लगातार मुश्किलों में घिरती नजर आ रही हैं. उनके ऊपर पहले जिला प्रशासन द्वारा गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई और अब उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जेबा रिजवान लगातार जेल से निकलने का प्रयास कर रही थीं, जिससे क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था प्रभावित होती. इसलिए जिलाधिकारी के आदेश पर उनके ऊपर रासुका तामील की गई है.

दरअसल 4 जनवरी साल 2022 को तुलसीपुर नगर पंचायत क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान अध्यक्ष कहकशां फिरोज के पति फिरोज पप्पू की हत्या उनके घर के पास कर दी गई थी. पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला था कि रिजवान जहीर, दामाद रमीज नेमत खान और जेबा रिजवान समेत कुल छः अभियुक्तों ने मिलकर बड़ी बेरहमी के साथ इस घटना को अंजाम दिया था. घटना को अंजाम देने वाले तीन मुख्य अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के साथ-साथ पूर्व सांसद बेटी जेबा और दामाद रमीज को भी घटना के खुलासे के एक दिन पहले गिरफ्तार किया था. जिला प्रशासन ने इस बाबत कार्रवाई करते हुए जेबा रिजवान पर पहले गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. जिला प्रशासन ने रिजवान जहीर उनसे जुड़े लोगों की संपत्तियों की जांच करवाते हुए उन्हें जब्त किया है. तब से अब तक लगातार जहीर परिवार पर पेंच कसा जा रहा है.

जेबा रिजवान

यह भी पढ़ें- साइबर ठगों से निपटने के लिए यूपी पुलिस ने तैयार किया चक्रव्यूह, जानें क्या है नई तरकीब

इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने सोमवार को जेबा रिजवान पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 की उपधारा 2 के तहत कार्रवाई की है. पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना ने बताया कि पूर्व से ही न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध जेबा रिजवान को एनएसए की एक प्रति तामिल करवाई गई है. उन्होंने कहा कि जेबा रिजवान काफी दिनों से जेल से छूटने का प्रयास कर रही थी. यदि वह जेल से बाहर आतीं तो क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था प्रभावित हो सकती थी.

बता दें कि जेबा रिजवान को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा गैंगस्टर एक्ट और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज पप्पू हत्या के मामले में जमानत मिल गई थी. यह जमानत उन्हें हाइ कोर्ट द्वारा 24 मई को दी की गई थी. जेबा रिजवान के ससुर द्वारा यह आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा उसे रिहा नहीं किया गया. जबकि हाई कोर्ट ने करीब 6 दिन पहले ही जमानत दे दी थी. यह हमारे साथ प्रशासन के द्वारा अन्याय किया जा रहा है.

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बलरामपुर: फिरोज पप्पू हत्याकांड के कारण जेल में बंद पूर्व सांसद और बाहुबली नेता रिजवान जहीर की बेटी जेबा रिजवान लगातार मुश्किलों में घिरती नजर आ रही हैं. उनके ऊपर पहले जिला प्रशासन द्वारा गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई और अब उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जेबा रिजवान लगातार जेल से निकलने का प्रयास कर रही थीं, जिससे क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था प्रभावित होती. इसलिए जिलाधिकारी के आदेश पर उनके ऊपर रासुका तामील की गई है.

दरअसल 4 जनवरी साल 2022 को तुलसीपुर नगर पंचायत क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान अध्यक्ष कहकशां फिरोज के पति फिरोज पप्पू की हत्या उनके घर के पास कर दी गई थी. पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला था कि रिजवान जहीर, दामाद रमीज नेमत खान और जेबा रिजवान समेत कुल छः अभियुक्तों ने मिलकर बड़ी बेरहमी के साथ इस घटना को अंजाम दिया था. घटना को अंजाम देने वाले तीन मुख्य अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के साथ-साथ पूर्व सांसद बेटी जेबा और दामाद रमीज को भी घटना के खुलासे के एक दिन पहले गिरफ्तार किया था. जिला प्रशासन ने इस बाबत कार्रवाई करते हुए जेबा रिजवान पर पहले गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. जिला प्रशासन ने रिजवान जहीर उनसे जुड़े लोगों की संपत्तियों की जांच करवाते हुए उन्हें जब्त किया है. तब से अब तक लगातार जहीर परिवार पर पेंच कसा जा रहा है.

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इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने सोमवार को जेबा रिजवान पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 की उपधारा 2 के तहत कार्रवाई की है. पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना ने बताया कि पूर्व से ही न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध जेबा रिजवान को एनएसए की एक प्रति तामिल करवाई गई है. उन्होंने कहा कि जेबा रिजवान काफी दिनों से जेल से छूटने का प्रयास कर रही थी. यदि वह जेल से बाहर आतीं तो क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था प्रभावित हो सकती थी.

बता दें कि जेबा रिजवान को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा गैंगस्टर एक्ट और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज पप्पू हत्या के मामले में जमानत मिल गई थी. यह जमानत उन्हें हाइ कोर्ट द्वारा 24 मई को दी की गई थी. जेबा रिजवान के ससुर द्वारा यह आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा उसे रिहा नहीं किया गया. जबकि हाई कोर्ट ने करीब 6 दिन पहले ही जमानत दे दी थी. यह हमारे साथ प्रशासन के द्वारा अन्याय किया जा रहा है.

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