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बलरामपुर: जानिए, दो साल में कितनी बदली सांसद आदर्श गांव गुमड़ी की तस्वीर - बीजेपी

पीएम मोदी की ड्रीम योजनाओं में शामिल आदर्श सांसद ग्राम योजना शामिल है. वहीं इस योजना के तहत हर सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में एक गांव को गोद लेना होता है. वहीं सांसद दद्दन मिश्रा ने श्रावस्ती और बलरामपुर में दो-दो गांव को गोद तो ले लिए लेकिन गांव वालों का कहना है कि यहां कोई विकास नहीं हुआ है.

दो साल में कितनी बदला गांव गुमड़ी की तस्वीर
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Published : Apr 24, 2019, 1:07 PM IST

बलरामपुर: 11 अक्टूबर 2014 को प्रारंभ की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य गांवों और वहां के लोगों में मूल्यों को स्थापित करना है और लक्ष्य था कि हर सांसद साल भर में एक गांव को गोद लेकर उसको सभी जरूरी सुविधाओं से पूरा करेगा. इसी के चलते श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र से निवर्तमान सांसद दद्दन मिश्रा ने बलरामपुर और श्रावस्ती जिले के दो-दो गांवों को गोद लिया था लेकन सभी गांवों में कमोवेश स्थिति बेहद खराब है. इन गांवों ना तो पीएम की मंशा के अनुरूप विकास हुआ है और ना ही केंद्र सरकार की उन तमाम योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल सका है.

जानिए दो साल में कितनी बदली सांसद आदर्श ग्राम गुमड़ी की तस्वीर

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल ही सांसद आदर्श ग्राम नाम की योजना को लॉन्च किया था.
  • मकसद था कि सांसद अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में पांच गांव को गोद लेंगे और उन्हें नजीर की तरह बनाएंगे.
  • उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों से मिलने वाली सभी योजनाओं से आच्छादित करेंगे, जिनके जरिए ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊंचा हो सकेगा
  • इसके साथ ही इस योजना का लक्ष्य यह भी था कि ग्रामीणों को अधिक से अधिक सुविधा दी जा सकेगी, जिनकी तलाश में वह पिछले 70 सालों से उदास बैठे हुए है लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी.
  • सांसद कभी राज्य सरकार के ऊपर इसका ठीकरा फोड़ते हैं. तो कभी अपनी ही गलतियों को स्वीकार करने से कतराते हैं.
  • सांसद आदर्श ग्राम में हुए विकास की पड़ताल करने के लिए ईटीवी ने सांसद आदर्श ग्राम गुमड़ी का रुख किया.
  • गुमड़ी तकरीबन 6,000 वोटर्स और 10,000 की जनसंख्या वाला गांव है. यहां पर 3145 पुरुष वोटर्स है. जबकि 2856 महिलाएं मतदान करती है.
  • ग्राम पंचायत में कुल परिवारों की संख्या 1009 है तकरीबन 800 हेक्टेयर में फैली इस गांव में पिछड़ा, मुस्लिम और दलित वोटर्स की बहुलता है.
  • यहां पर विकास की तमाम योजनाओं को बनाया तो गया. लेकिन जमीन पर दो साल बीतने के बाद भी लागू नहीं हो सकी.
  • गांव की सड़कें अभी भी पगडंडियों में ही तब्दील है.
  • ग्रामीण बताते हैं कि गांव के सभी 22 महीनों में सड़कों का नितांत अभाव है. जैसे ही गोंडा रोड से गांव की तरफ घुसते हैं, तुरंत सड़के खराब हो जाती है.
  • बरसात के मौसम में स्थितियां होती है कि लोग अपने घरों में ही दुबके रह जाते हैं. लेकिन जनप्रतिनिधि ने हमारी समस्याओं को सुनने का प्रयास तक नहीं किया.
  • वहीं ग्रामीण महिलाओं से उज्जवला योजना के बारे में पूछने पर वह कहती हैं कि जिसे मिला होगा उसे मिला होगा. लेकिन हमें इस योजना का कोई लाभ नहीं मिला.
  • वह कहती हैं कि अगर सिलेंडर मिल भी जाता तो गैस सिलेंडर कितना महंगा हो चुका है कि हमारे पास भरवाने की ताकत नहीं है.
  • वहीं गांव सभी 100 परिवारों के पास शौचालय लेकिन शौचालयों के निर्माण का स्तर इतना घटिया है कि वहां पर शौच किया ही नहीं जा सकता.
  • सांसद आदर्श ग्राम योजना के बारे में पूछने पर ग्रामीण कहते हैं कि इस योजना के अंतर्गत तो कोई लाभ नहीं हुआ.
  • गुमड़ी ग्राम सभा के प्रधान डीके यादव कहते हैं कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत तकरीबन 400 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का डीपीआर बनाकर शासन को भेजा गया है.
  • सांसद दद्दन मिश्रा ने मुझे बार-बार आश्वस्त किया कि मेरे कार्यकाल में ही आपके गांव की सड़कें, नाली, बिजली और अन्य व्यवस्थाएं सुधर जाएंगी. लेकिन गांव में अभी तक कोई बड़ी परियोजना लागू नहीं हो सकी है.

पहले राज्य सरकार में दूसरी राजनैतिक पार्टी थी, इसलिए विकास की योजनाएं परवान नहीं चढ़ सकी. वहीं, अब जब से हमारी सरकार आई है, काम धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है.देखिए सरकारी कार्यों में समय लगता है. सारी चीजें अपने समय के साथ पूरी कर ली जाएंगी योजनाओं में शिलान्यास का दौर चल रहा है. अभी पिछले ही महीने मैंने एक पानी की टंकी का उद्घाटन किया है. इसके साथ ही गांव में तमाम तरह के विकास कार्यों को किया जा रहा है. आप श्रावस्ती जनपद में गोद लिए मेरे गांव को जा कर देख सकते हैं स्थिति खुद पता चल जाएगी.

दद्दन मिश्र, बीजेपी सांसद

बलरामपुर: 11 अक्टूबर 2014 को प्रारंभ की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य गांवों और वहां के लोगों में मूल्यों को स्थापित करना है और लक्ष्य था कि हर सांसद साल भर में एक गांव को गोद लेकर उसको सभी जरूरी सुविधाओं से पूरा करेगा. इसी के चलते श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र से निवर्तमान सांसद दद्दन मिश्रा ने बलरामपुर और श्रावस्ती जिले के दो-दो गांवों को गोद लिया था लेकन सभी गांवों में कमोवेश स्थिति बेहद खराब है. इन गांवों ना तो पीएम की मंशा के अनुरूप विकास हुआ है और ना ही केंद्र सरकार की उन तमाम योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल सका है.

जानिए दो साल में कितनी बदली सांसद आदर्श ग्राम गुमड़ी की तस्वीर

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल ही सांसद आदर्श ग्राम नाम की योजना को लॉन्च किया था.
  • मकसद था कि सांसद अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में पांच गांव को गोद लेंगे और उन्हें नजीर की तरह बनाएंगे.
  • उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों से मिलने वाली सभी योजनाओं से आच्छादित करेंगे, जिनके जरिए ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊंचा हो सकेगा
  • इसके साथ ही इस योजना का लक्ष्य यह भी था कि ग्रामीणों को अधिक से अधिक सुविधा दी जा सकेगी, जिनकी तलाश में वह पिछले 70 सालों से उदास बैठे हुए है लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी.
  • सांसद कभी राज्य सरकार के ऊपर इसका ठीकरा फोड़ते हैं. तो कभी अपनी ही गलतियों को स्वीकार करने से कतराते हैं.
  • सांसद आदर्श ग्राम में हुए विकास की पड़ताल करने के लिए ईटीवी ने सांसद आदर्श ग्राम गुमड़ी का रुख किया.
  • गुमड़ी तकरीबन 6,000 वोटर्स और 10,000 की जनसंख्या वाला गांव है. यहां पर 3145 पुरुष वोटर्स है. जबकि 2856 महिलाएं मतदान करती है.
  • ग्राम पंचायत में कुल परिवारों की संख्या 1009 है तकरीबन 800 हेक्टेयर में फैली इस गांव में पिछड़ा, मुस्लिम और दलित वोटर्स की बहुलता है.
  • यहां पर विकास की तमाम योजनाओं को बनाया तो गया. लेकिन जमीन पर दो साल बीतने के बाद भी लागू नहीं हो सकी.
  • गांव की सड़कें अभी भी पगडंडियों में ही तब्दील है.
  • ग्रामीण बताते हैं कि गांव के सभी 22 महीनों में सड़कों का नितांत अभाव है. जैसे ही गोंडा रोड से गांव की तरफ घुसते हैं, तुरंत सड़के खराब हो जाती है.
  • बरसात के मौसम में स्थितियां होती है कि लोग अपने घरों में ही दुबके रह जाते हैं. लेकिन जनप्रतिनिधि ने हमारी समस्याओं को सुनने का प्रयास तक नहीं किया.
  • वहीं ग्रामीण महिलाओं से उज्जवला योजना के बारे में पूछने पर वह कहती हैं कि जिसे मिला होगा उसे मिला होगा. लेकिन हमें इस योजना का कोई लाभ नहीं मिला.
  • वह कहती हैं कि अगर सिलेंडर मिल भी जाता तो गैस सिलेंडर कितना महंगा हो चुका है कि हमारे पास भरवाने की ताकत नहीं है.
  • वहीं गांव सभी 100 परिवारों के पास शौचालय लेकिन शौचालयों के निर्माण का स्तर इतना घटिया है कि वहां पर शौच किया ही नहीं जा सकता.
  • सांसद आदर्श ग्राम योजना के बारे में पूछने पर ग्रामीण कहते हैं कि इस योजना के अंतर्गत तो कोई लाभ नहीं हुआ.
  • गुमड़ी ग्राम सभा के प्रधान डीके यादव कहते हैं कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत तकरीबन 400 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का डीपीआर बनाकर शासन को भेजा गया है.
  • सांसद दद्दन मिश्रा ने मुझे बार-बार आश्वस्त किया कि मेरे कार्यकाल में ही आपके गांव की सड़कें, नाली, बिजली और अन्य व्यवस्थाएं सुधर जाएंगी. लेकिन गांव में अभी तक कोई बड़ी परियोजना लागू नहीं हो सकी है.

पहले राज्य सरकार में दूसरी राजनैतिक पार्टी थी, इसलिए विकास की योजनाएं परवान नहीं चढ़ सकी. वहीं, अब जब से हमारी सरकार आई है, काम धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है.देखिए सरकारी कार्यों में समय लगता है. सारी चीजें अपने समय के साथ पूरी कर ली जाएंगी योजनाओं में शिलान्यास का दौर चल रहा है. अभी पिछले ही महीने मैंने एक पानी की टंकी का उद्घाटन किया है. इसके साथ ही गांव में तमाम तरह के विकास कार्यों को किया जा रहा है. आप श्रावस्ती जनपद में गोद लिए मेरे गांव को जा कर देख सकते हैं स्थिति खुद पता चल जाएगी.

दद्दन मिश्र, बीजेपी सांसद

Intro:एंकर : सांसद आदर्श ग्रामों के विकास के दावों खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही बड़े इवेंट के जरिए किया था। लक्ष्य था कि हर सांसद साल भर में एक गांव को गोद लेकर उसको सभी जरूरी सुविधाओं से आच्छादित कर दे। इससे वहां के ग्रामीणों की जीवन स्तर को सुधारा जा सके। लेकिन श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र से निवर्तमान सांसद दद्दन मिश्रा ने बलरामपुर श्रावस्ती जिले के दो-दो गांवों को गोद लिया था। सभी गांवों में कमोवेश स्थिति बेहद खराब है। इन गांवों ना तो प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप विकास हुआ है और ना ही केंद्र सरकार की उन तमाम योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल सका है, जिनके जरिए भारतीय जनता पार्टी चुनाव मैदान में ताल ठोक रही है।


Body:वीओ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले साल ही सांसद आदर्श ग्राम नाम की योजना को लॉन्च किया था। मकसद था कि सांसद अपने पूरे 5 साल के कार्यकाल में 5 गांव को गोद लेंगे और उन्हें नज़ीर की तरह बनाएंगे। उन्हें केंद्र द्वारा और राज्य सरकारों द्वारा मिलने वाली सभी योजनाओं से आच्छादित करेंगे, जिनके जरिए ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊंचा हो सकेगा। इसके साथ ही इस योजना का लक्ष्य भी था कि ग्रामीणों को अधिक से अधिक सुविधा दी जा सकेगी, जिनकी तलाश में वह पिछले 70 सालों से उदास बैठे हुए लेकिन यह योजना परवान नहीं सकी। सांसद कभी राज्य सरकार के ऊपर इसका ठीकरा फोड़ते हैं। तो कभी अपनी ही गलतियों को स्वीकार करने से कतराते हैं।
सांसद आदर्श ग्राम में हुए विकास की पड़ताल करने के लिए ईटीवी ने सांसद आदर्श ग्राम गुमड़ी का रुख किया। गुमड़ी तकरीबन 6,000 वोटर्स और 10,000 की जनसंख्या वाला एक 22 मजरों का गांव है। यहां पर 3145 पुरुष वोटर्स है। जबकि 2856 महिलाएं मतदान करती है। ग्राम पंचायत में कुल परिवारों की संख्या 1009 है तकरीबन 800 हेक्टेयर में फैली इस गांव में पिछड़ा, मुस्लिम और दलित वोटर्स की बहुलता है। यहां पर विकास की तमाम योजनाओं को बनाया तो गया। लेकिन जमीन पर 2 साल बीतने के बाद भी लागू नहीं हो सकी। गांव की सड़कें अभी भी पगडंडियों में ही तब्दील है।
ग्रामीण बताते हैं कि गांव के सभी 22 महीनों में सड़कों का नितांत अभाव है। जैसे ही गोंडा रोड से गांव की तरफ घुसते हैं, तुरंत सड़के खराब हो जाती है। बरसात के मौसम में स्थितियां होती है कि लोग अपने घरों में ही दुबके रह जाते हैं। लेकिन जनप्रतिनिधि ने हमारी समस्याओं को सुनने का प्रयास तक नहीं किया।
गांव में आगे बढ़ने पर कुछ महिलाएं चूहे से जले बर्तन वास्ते दिख जाती है। ग्रामीण महिलाओं से उज्जवला योजना के बारे में पूछने पर वह कहती हैं कि जिसे मिला होगा उसे मिला होगा। लेकिन हमें इस योजना का कोई लाभ नहीं मिला। वह कहती हैं कि अगर सिलेंडर मिल भी जाता तो गैस सिलेंडर कितना महंगा हो चुका है कि हमारे पास भरवाने की ताकत नहीं है।
ग्रामीण बताते हैं कि शौचालयों का निर्माण तो खूब करवाया गया है। लगभग अब सभी सो परिवारों के पास शौचालय लेकिन शौचालयों के निर्माण का स्तर इतना घटिया है कि वहां पर शौच किया ही नहीं जा सकता।
सांसद आदर्श ग्राम योजना के बारे में पूछने पर ग्रामीण कहते हैं कि इस योजना के अंतर्गत तो कोई लाभ नहीं हुआ। अलबत्ता मोदी सरकार के आने से सभी घरों में शौचालय और सभी घरों में बिजली पहुंच चुकी है। गांव की कुछ मजरों में काम जरूर चल रहा है। लेकिन गाहे-बगाहे यहां भी बिजली पहुंचाई जाएगी। ग्रामीण बताते हैं कि बिजली, पानी, सड़क और रोज़मर्रा की चीज़ों की स्थिति कमोबेश वैसे ही है, जैसे 3 साल पहले हुआ करती थी। सांसद आदर्श ग्राम बनने के बाद भी गुमड़ी को कोई विशेष सुविधा नहीं मिली है।


Conclusion:निवर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में अपने गोद लिए गांव का विकास करके एक तरह से अपनी ही पार्टी के सांसदों के लिए नजीर साबित किया था। लेकिन उनकी ही पार्टी के सांसद उनके ही बहुप्रतीक्षित योजना का मजाक उड़ाते दिख रहे हैं।
गुमड़ी ग्राम सभा के प्रधान डीके यादव कहते हैं कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत तकरीबन 400 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का डीपीआर बनाकर शासन को भेजा गया है। सांसद दद्दन मिश्रा में मुझे बार-बार आश्वस्त किया कि मेरे कार्यकाल में ही आपके गांव की सड़कें, नाली, बिजली, अंत्योदय की सुविधा, पानी की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था, सिंचाई की व्यवस्था, व अन्य व्यवस्थाएं सुधर जाएंगी। लेकिन गांव में अभी तक कोई बड़ी परियोजना लागू नहीं हो सकी है।
वहीं, जब हमने सांसद आदर्श ग्राम योजना सांसद दद्दन मिश्रा से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पहले राज्य सरकार दूसरे पार्टी की थी, इसलिए विकास की योजनाएं परवान नहीं चढ़ सकी। वहीं, अब जब से हमारी सरकार आई है, काम धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है।
एक अन्य सवाल पर निवर्तमान सांसद दद्दन मिश्रा ने कहा कि देखिए सरकारी कार्यों में समय लगता है। सारी चीजें अपने समय के साथ पूरी कर ली जाएंगी योजनाओं में शिलान्यास का दौर चल रहा है। अभी पिछले ही महीने मैंने एक पानी की टंकी का उद्घाटन किया ।है इसके साथ ही गांव में तमाम तरह के विकास कार्यों को किया जा रहा है।
क्या आपके द्वारा गोद लिए गांव आदर्श हैं या नहीं का सवाल किया गया तो दद्दन मिश्रा ने कहा कि आप श्रावस्ती जनपद में गोद लिए मेरे गांव को जा कर देख सकते हैं स्थिति खुद पता चल जाएगी।
(योगेंद्र त्रिपाठी, 9839325432, बलरामपुर)
(डेस्क यदि चाहे तो दद्दन मिश्र को फ़ोन कर सकते हैं। दद्दन मिश्रा, 9415607713, 9839607713)
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