ETV Bharat / bharat

चिल्का झील के ग्रेटर फ्लेमिंगो, कहां से आते हैं ये आकर्षक पक्षी? अब रहस्य से उठेगा पर्दा - GREATER FLAMINGOS OF CHILIKA LAKE

ग्रेटर फ्लेमिंगों के बारे में अधिक समझने के लिए चिल्का के नालबाना से दो ग्रेटर फ्लेमिंगो को सफलतापूर्वक पकड़ा और टैग किया गया.

Greater Flamingos of Chilika lake
ग्रेटर फ्लेमिंगो ऑफ चिल्का लेक (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 10, 2025, 7:27 PM IST

भुवनेश्वर: ग्रेटर फ्लेमिंगो फोनीकोप्टेरस रोजस अपनी विशिष्ट चोंच के साथ फिल्टर-फीडिंग के लिए मशहूर हैं. वे अपनी लंबी टांगों के साथ सर्दियों में चिल्का लेक में मुख्य आकर्षण के केंद्र में हैं. यह प्रजाति इस तटीय खारे पानी की झील में सर्दियों में आती है.

इनमें से लगभग हजार पक्षी जिनमें वयस्क और युवा दोनों शामिल हैं, हर साल नवंबर-दिसंबर के महीने में आते हैं. उसके बाद वे अप्रैल और मई के महीने में अपने प्रजनन (Breeding) वाले इलाकों में चले जाते हैं. हालांकि, ये फ्लेमिंगो वास्तव में कहां से आते हैं, इसके बारे में कोई कुछ नहीं जानता.

Greater Flamingos of Chilika lake
चिल्का झील के ग्रेटर फ्लेमिंगो (ETV Bharat)

यह एक स्थापित तथ्य है कि ग्रेटर फ्लेमिंगो गुजरात के कच्छ के रण में प्रजनन करते हैं, जिसे 'फ्लेमिंगो सिटी' के रूप में जाना जाता है. ऐसा हो सकता है कि, चिल्का में सर्दियों में रहने वाली ग्रेटर फ्लेमिंगो की आबादी वहीं से आती है. जैसा कि पिछले बीएनएचएस अध्ययनों में बताया गया है, वे एशिया के अन्य प्रजनन स्थलों ईरान और कजाकिस्तान से भी आ सकते हैं.

Greater Flamingos of Chilika lake
चिल्का झील के ग्रेटर फ्लेमिंगो (ETV Bharat)

इसलिए ग्रेटर फ्लेमिंगों के बारे में अधिक समझने के लिए, 8 और 9 जनवरी 2025 को चिल्का के नालबाना से दो ग्रेटर फ्लेमिंगो को सफलतापूर्वक पकड़ा और टैग किया गया. ओडिशा वन विभाग के वन्यजीव मुख्यालय ने भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून का तकनीकी सहयोग लिया. डॉ. आर सुरेश कुमार के नेतृत्व में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और चिल्का वन्यजीव प्रभाग के कर्मचारियों ने दो फ्लेमिंगो को पकड़कर टैग किया.

Greater Flamingos of Chilika lake
चिल्का झील के ग्रेटर फ्लेमिंगो (ETV Bharat)

दोनों फ्लेमिंगो को 30 ग्राम वजन वाले सौर ऊर्जा चालित जीएसएम-जीपीएस ट्रांसमीटर से टैग किया गया है. जीपीएस ट्रांसमीटर हर 10 मिनट में पक्षियों के स्थान को रिकॉर्ड करेगा. यह उपकरण सर्दियों के मौसम में चिल्का में फ्लेमिंगो के हैबिटेट के उपयोग को समझने में सक्षम करेगा. जिससे विभाग को हैबिटैट प्रबंधन और संरक्षण पर साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

Greater Flamingos of Chilika lake
चिल्का झील के ग्रेटर फ्लेमिंगो (ETV Bharat)

यह इस रहस्य को भी उजागर करेगा कि ये पक्षी कहां से आते हैं और वहां पहुंचने के लिए वे कौन सा मार्ग को चुनते हैं. यह पहल चिल्का झील के पक्षियों की निगरानी के लिए दीर्घकालिक सहयोग हेतु वन्यजीव विंग, ओडिशा वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा एक सहयोगी परियोजना की शुरुआत का प्रतीक है.

ये भी पढ़ें: मुंबई में विमान की चपेट में आने से 32 फ्लेमिंगो की मौत, जांच की उठी मांग

भुवनेश्वर: ग्रेटर फ्लेमिंगो फोनीकोप्टेरस रोजस अपनी विशिष्ट चोंच के साथ फिल्टर-फीडिंग के लिए मशहूर हैं. वे अपनी लंबी टांगों के साथ सर्दियों में चिल्का लेक में मुख्य आकर्षण के केंद्र में हैं. यह प्रजाति इस तटीय खारे पानी की झील में सर्दियों में आती है.

इनमें से लगभग हजार पक्षी जिनमें वयस्क और युवा दोनों शामिल हैं, हर साल नवंबर-दिसंबर के महीने में आते हैं. उसके बाद वे अप्रैल और मई के महीने में अपने प्रजनन (Breeding) वाले इलाकों में चले जाते हैं. हालांकि, ये फ्लेमिंगो वास्तव में कहां से आते हैं, इसके बारे में कोई कुछ नहीं जानता.

Greater Flamingos of Chilika lake
चिल्का झील के ग्रेटर फ्लेमिंगो (ETV Bharat)

यह एक स्थापित तथ्य है कि ग्रेटर फ्लेमिंगो गुजरात के कच्छ के रण में प्रजनन करते हैं, जिसे 'फ्लेमिंगो सिटी' के रूप में जाना जाता है. ऐसा हो सकता है कि, चिल्का में सर्दियों में रहने वाली ग्रेटर फ्लेमिंगो की आबादी वहीं से आती है. जैसा कि पिछले बीएनएचएस अध्ययनों में बताया गया है, वे एशिया के अन्य प्रजनन स्थलों ईरान और कजाकिस्तान से भी आ सकते हैं.

Greater Flamingos of Chilika lake
चिल्का झील के ग्रेटर फ्लेमिंगो (ETV Bharat)

इसलिए ग्रेटर फ्लेमिंगों के बारे में अधिक समझने के लिए, 8 और 9 जनवरी 2025 को चिल्का के नालबाना से दो ग्रेटर फ्लेमिंगो को सफलतापूर्वक पकड़ा और टैग किया गया. ओडिशा वन विभाग के वन्यजीव मुख्यालय ने भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून का तकनीकी सहयोग लिया. डॉ. आर सुरेश कुमार के नेतृत्व में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और चिल्का वन्यजीव प्रभाग के कर्मचारियों ने दो फ्लेमिंगो को पकड़कर टैग किया.

Greater Flamingos of Chilika lake
चिल्का झील के ग्रेटर फ्लेमिंगो (ETV Bharat)

दोनों फ्लेमिंगो को 30 ग्राम वजन वाले सौर ऊर्जा चालित जीएसएम-जीपीएस ट्रांसमीटर से टैग किया गया है. जीपीएस ट्रांसमीटर हर 10 मिनट में पक्षियों के स्थान को रिकॉर्ड करेगा. यह उपकरण सर्दियों के मौसम में चिल्का में फ्लेमिंगो के हैबिटेट के उपयोग को समझने में सक्षम करेगा. जिससे विभाग को हैबिटैट प्रबंधन और संरक्षण पर साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

Greater Flamingos of Chilika lake
चिल्का झील के ग्रेटर फ्लेमिंगो (ETV Bharat)

यह इस रहस्य को भी उजागर करेगा कि ये पक्षी कहां से आते हैं और वहां पहुंचने के लिए वे कौन सा मार्ग को चुनते हैं. यह पहल चिल्का झील के पक्षियों की निगरानी के लिए दीर्घकालिक सहयोग हेतु वन्यजीव विंग, ओडिशा वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा एक सहयोगी परियोजना की शुरुआत का प्रतीक है.

ये भी पढ़ें: मुंबई में विमान की चपेट में आने से 32 फ्लेमिंगो की मौत, जांच की उठी मांग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.