बलरामपुर: कोरोना से पीड़ित मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार भी नियमित अंतराल पर कोरोना संक्रमण के लिए जारी रोकथाम एवं उपचार के लिए गाइडलाइन्स भी जारी कर रहा है. मंत्रालय की ओर से होम आइसोलेशन को लेकर गाइडलाइन्स जारी की गई है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर घनश्याम सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमितों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं. मेडिकल जांच के बाद यह स्पष्ट होता है कि संक्रमित व्यक्ति को कैसी सुविधा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संक्रमितों को संक्रमण के आधार पर 4 श्रेणियों में बांटा गया है. इसमें वेरी माइल्ड, माइल्ड, मॉडरेट एवं सीवियर कोविड-19 संक्रमण शामिल है. डॉ. सिंह ने बताया माइल्ड मामलों के लिए कोविड केयर सेंटर, मॉडरेट के लिए डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर एवं सीवियर कोविड-19 संक्रमण मामलों के लिए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की पुष्टि के बाद वेरी माइल्ड कोविड-19 मामलों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है.
होम आइसोलेशन
मेडिकल ऑफिसर की ओर से वेरी माइल्ड कोविड-19 की पुष्टि की गई हो, तो ऐसे मामलों में व्यक्तियों को घर पर होम आइसोलेशन की सलाह दी जाती है. होम आइसोलेशन के दौरान 24 घन्टे देखभाल करने वाला कोई व्यक्ति उपलब्ध होना चाहिए. आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड कर उसे हमेशा एक्टिव रखना जरुरी है. मरीज की स्वास्थ्य की स्थिति से जिला सर्विलांस अधिकारी को अवगत कराते रहना भी जरुरी है. होम आइसोलेशन में गए व्यक्ति को सेल्फ आइसोलेशन अंडरटेकिंग फॉर्म भरना जरुरी होगा.
चिकित्सकीय सलाह जरुरी
यदि व्यक्ति को सांस लेने में अधिक तकलीफ हो रही हो, छाती में निरंतर दबाब या दर्द हो रहा हो, मानसिक संशय बढ़ रहा हो या सोचने में दिक्कत हो रही हो. साथ ही यदि चेहरा या ओंठ नीले पड़ रहे हों, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. उन्होंने बताया कि जिला सर्विलासं अधिकारी की ओर से सत्यापित करने के बाद ही होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को आइसोलेशन से मुक्त किया जा सकता है. इसके लिए संक्रमित व्यक्ति में कोरोना के किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं होने चाहिए जिसकी पुष्टि लैब टेस्ट की रिपोर्ट के निगेटिव आने के बाद ही संभव है.
अन्य लोग भी बरतें एहतियात
इन मरीजों की देखभाल करने वालों को एहतियात बरतने की जरूरत है. ट्रिपल लेयर मेडिकल डिस्पोजेबल मास्क का इस्तेमाल करें. साथ ही अपने चेहरे, मुंह और नाक को छूने से बचें. नियमित तौर पर हाथों की सफाई करें. लगभग 20 सेकंड तक साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का प्रयोग करें.
उन्होंने बताया कि संक्रमित व्यक्ति से डायरेक्ट कांटेक्ट में आने से बचें. मरीज को किसी भी तरह से छूने से पहले हैण्ड ग्लोब्स का प्रयोग करें. संक्रमित मरीज द्वारा इस्तेमाल किसी भी चीज को इस्तेमाल न करें. संक्रमित मरीज की स्वास्थ्य पर पैनी नजर रखें.
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