बलरामपुरः संयुक्त जिला चिकित्सालय में तैनात सर्जन डॉ. अरुण कुमार ने रिक्शा चालक के पत्नी का मुफ्त ऑपरेशन कर उसके पेट से 5 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला है. सरकारी अस्पतालों में लोगों को इस तरह की सुविधाएं मिलने से इलाज का खर्च और इधर-उधर की भागदौड़ भी कम हो रही है. अस्पताल में मुफ्त ऑपरेशन होने के बाद अब गरीब रिक्शा चालक की पत्नी धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही है. करीब 4 साल से मरीज के पेट में ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ रहा था.
कई सालों से करवा रही थी इलाज
बहराइच जिले के पयागपुर में रहने वाली रिक्शा चालक की पत्नी 35 वर्षीय मंजू देवी का पेट करीब 4 साल से धीरे-धीरे बढ़ रहा था. पेट दर्द अधिक होने पर उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पयागपुर समेत कई अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन उन्हें आराम नहीं मिला. जिसके बाद पति जगदंबा प्रसाद उसे गंभीर हालत में लेकर संयुक्त जिला चिकित्सालय पहुंचा. जहां अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन जांच के दौरान महिला के गर्भाशय में बड़ा ट्यूमर होने की बात सामने आई.
बिलकुल मुफ्त हुआ इलाज
परिवार की आर्थिक तंगी देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने ही महिला को मुफ्त एक यूनिट खून मुहैया कराया. सर्जन ने अस्पताल में ही मुफ्त ऑपरेशन कर मंजू के पेट से 5 किलोग्राम का ट्यूमर निकाला. पत्नी को ठीक होता देख अब पति चहुओर सर्जन की प्रशंसा कर रहा है.
क्या बोल मरीज के तीमारदार
पति जगदंबा ने बताया कि करीब 4 साल से पत्नी के पेट में ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन कोई विशेष दर्द न होने के कारण इसका पता नहीं चला. वह घर से बाहर रिक्शा चलाकर जीवन यापन करते हैं. उनके लिए प्राइवेट अस्पताल में लाखों रुपए खर्च कर पत्नी का ऑपरेशन करा पाना संभव नहीं था.
जगदंबा ने बताया कि सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन न होने पर पत्नी मर जाती. क्योंकि उसके पास प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन कराने के लिए पैसा नहीं है. डॉक्टर अरुण कुमार ने मसीहा बनकर पत्नी की जान बचा ली.
गर्भाशय से निकला 5 किलो का ट्यूमर
सर्जन डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि करीब 15 दिन पहले महिला उनके पास आई थी. रिपोर्ट देखकर उसे किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई थी, लेकिन महिला के परिजन आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए सरकारी अस्पताल में ही ऑपरेशन करने का अनुरोध किया. उन्होंने बताया कि सर्जरी में महिला के गर्भाशय के बाएं तरफ करीब पांच कलो का बड़ा सा ट्यूमर था. जो पूरी गर्भाशय के चारों ओर से चिपका हुआ था. उसे काटकर निकल दिया गया है. मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ हैं.