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मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजना में भ्रष्टाचार, जांच शुरू

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Published : Feb 1, 2021, 2:22 PM IST

बलरामपुर में मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजन में भ्रष्टाचार किया गया है. यहां पर वर्ष 2019-20 में लड़कियों की शादी के लिए मिलने वाले शादी अनुदान योजना का लाभ सिर्फ अपात्रों को दे दिया गया. जांच शुरू होने पर अब अधिकारी अपनी गर्दन बचाने में जुटे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार ने नवम्बर 2020 में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत की तब जाकर इसकी जांच शुरू हुई.

मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजना में भ्रष्टाचार.
मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजना में भ्रष्टाचार.

बलरामपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समाज के सभी वर्गो के विकास के लिए तमाम योजनाएं चला रहे हैं, जिससे सबका साथ सबका विकास के साथ उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन सके. लेकिन कुर्सी पर बैठे अफसर और फील्ड में योजनाओं को परवान चढ़ाने वाले कर्मचारी ही फर्जीवाड़ा करने में जुटे हैं. इस बार मामला है बलरामपुर जिले का है. यहां पर वर्ष 2019-20 में लड़कियों की शादी के लिए मिलने वाले शादी अनुदान योजना का लाभ सिर्फ अपात्रों को दे दिया गया. जांच शुरू होने पर अब अधिकारी अपनी गर्दन बचाने में जुटे हैं.

मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजना में भ्रष्टाचार.

बलरामपुर में सदर ब्लाक के नंदनगर ठठिया गांव के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार ने करीब 4 माह पहले समाज कल्याण विभाग, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में शिकायत कर आरोप लगाया कि उनके गांव में सरकार द्वारा चलाई जा रही शादी अनुदान योजना का लाभ दर्जनों अपात्रों को दे दिया गया है. जिन्हें पता ही नहीं कि उनके खाते में किस योजना का पैसा आया है और कुछ लोगों द्वारा यह कहकर कि मैने पैसा भेजवाया है, उनके खाते से पैसा निकलवा लिया गया. इतना ही नहीं जिनकी लड़की नाबालिग है, जिनकी लड़कियां ही नहीं हैं, कुछ की शादी दो तीन साल पहले ही हो चुकी या जिनकी शादी ही नहीं हुई. उनके नाम पर अधिकारियों से मिली भगत करके योजना का पैसा हजम कर लिया है. अधिकारियों से शिकायत के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार ने नवम्बर 2020 में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत की तब जाकर जांच शुरू हुई.

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर मामले को संज्ञान लेने के बाद जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया. आनन फानन में जांच कराई गई तो पता चला की वर्ष 2019-20 के दौरान शादी अनुदान योजना के लिए नंदनगर ठठिया गांव से कुल 63 लड़कियों के परिवारों ने आवेदन किया था. जिसमें से 24 लाभार्थी पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, 29 लाभार्थी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और 7 आवेदन समाज कल्याण विभाग के हैं. गांव में रहने वाली प्रियंका 11 साल की नाबालिग हैं, जिसका शादी नवम्बर 2019 में दिखाकर दलालों ने योजना का लाभ ले लिया. प्रियंका के अनपढ़ पिता हुसैनी को पता ही नहीं है कि उनके खाते में किस योजना का पैसा आया था. लेकिन उन्होंने दलाल के कहने पर वो पैसा निकालकर उसे दे दिया.

दोषियों पर होगी निलंबन की कार्रवाई
मामला सामने आने पर विभागों में हड़कम्प मचा हुआ है. आनन-फानन में जांच के दायरे में आए अपात्रों से वसूली की बात की जा रही है. मुख्य विकास अधिकारी अमनदीप डुली ने बताया कि अपात्रों से रिकवरी व एफआईआर कराई जायेगी. फर्जीवाड़े में अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता के सवाल पर उन्होने कहा कि जो भी दोषी होगा निलंबन की कार्रवाई की जाएगी.

शासन स्तर पर जांच हो तो प्रकाश में आ सकता है बड़ा भ्रष्टाचार
जिले में 800 ग्राम पंचायतें है और ये फर्जीवाडा केवल एक गांव में सामने आया है. अधिकतर लाभार्थियों को तो पता ही नहीं है कि उनके खाते में किस योजना का पैसा आया है. उनसे तो बस कुछ दस्तावेज मांगे थे, जो तथाकथित लाभार्थियों के परिजनों ने उन्हे दे दिए. उसके बाद जो पैसा खाते में आया वो पैसा भी दलालों को दे दिया गया. सवाल ये कि जिन्हे पता ही नहीं है उनसे रिकवरी क्यों और वो दोषी दलाल, अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई कब होगी. यदि शासन स्तर से जिले के सभी ग्राम पंचायतों में लाभार्थियों का सत्यापन कराया जाए तो एक इस योजना में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है.

बलरामपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समाज के सभी वर्गो के विकास के लिए तमाम योजनाएं चला रहे हैं, जिससे सबका साथ सबका विकास के साथ उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन सके. लेकिन कुर्सी पर बैठे अफसर और फील्ड में योजनाओं को परवान चढ़ाने वाले कर्मचारी ही फर्जीवाड़ा करने में जुटे हैं. इस बार मामला है बलरामपुर जिले का है. यहां पर वर्ष 2019-20 में लड़कियों की शादी के लिए मिलने वाले शादी अनुदान योजना का लाभ सिर्फ अपात्रों को दे दिया गया. जांच शुरू होने पर अब अधिकारी अपनी गर्दन बचाने में जुटे हैं.

मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजना में भ्रष्टाचार.

बलरामपुर में सदर ब्लाक के नंदनगर ठठिया गांव के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार ने करीब 4 माह पहले समाज कल्याण विभाग, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में शिकायत कर आरोप लगाया कि उनके गांव में सरकार द्वारा चलाई जा रही शादी अनुदान योजना का लाभ दर्जनों अपात्रों को दे दिया गया है. जिन्हें पता ही नहीं कि उनके खाते में किस योजना का पैसा आया है और कुछ लोगों द्वारा यह कहकर कि मैने पैसा भेजवाया है, उनके खाते से पैसा निकलवा लिया गया. इतना ही नहीं जिनकी लड़की नाबालिग है, जिनकी लड़कियां ही नहीं हैं, कुछ की शादी दो तीन साल पहले ही हो चुकी या जिनकी शादी ही नहीं हुई. उनके नाम पर अधिकारियों से मिली भगत करके योजना का पैसा हजम कर लिया है. अधिकारियों से शिकायत के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार ने नवम्बर 2020 में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत की तब जाकर जांच शुरू हुई.

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर मामले को संज्ञान लेने के बाद जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया. आनन फानन में जांच कराई गई तो पता चला की वर्ष 2019-20 के दौरान शादी अनुदान योजना के लिए नंदनगर ठठिया गांव से कुल 63 लड़कियों के परिवारों ने आवेदन किया था. जिसमें से 24 लाभार्थी पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, 29 लाभार्थी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और 7 आवेदन समाज कल्याण विभाग के हैं. गांव में रहने वाली प्रियंका 11 साल की नाबालिग हैं, जिसका शादी नवम्बर 2019 में दिखाकर दलालों ने योजना का लाभ ले लिया. प्रियंका के अनपढ़ पिता हुसैनी को पता ही नहीं है कि उनके खाते में किस योजना का पैसा आया था. लेकिन उन्होंने दलाल के कहने पर वो पैसा निकालकर उसे दे दिया.

दोषियों पर होगी निलंबन की कार्रवाई
मामला सामने आने पर विभागों में हड़कम्प मचा हुआ है. आनन-फानन में जांच के दायरे में आए अपात्रों से वसूली की बात की जा रही है. मुख्य विकास अधिकारी अमनदीप डुली ने बताया कि अपात्रों से रिकवरी व एफआईआर कराई जायेगी. फर्जीवाड़े में अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता के सवाल पर उन्होने कहा कि जो भी दोषी होगा निलंबन की कार्रवाई की जाएगी.

शासन स्तर पर जांच हो तो प्रकाश में आ सकता है बड़ा भ्रष्टाचार
जिले में 800 ग्राम पंचायतें है और ये फर्जीवाडा केवल एक गांव में सामने आया है. अधिकतर लाभार्थियों को तो पता ही नहीं है कि उनके खाते में किस योजना का पैसा आया है. उनसे तो बस कुछ दस्तावेज मांगे थे, जो तथाकथित लाभार्थियों के परिजनों ने उन्हे दे दिए. उसके बाद जो पैसा खाते में आया वो पैसा भी दलालों को दे दिया गया. सवाल ये कि जिन्हे पता ही नहीं है उनसे रिकवरी क्यों और वो दोषी दलाल, अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई कब होगी. यदि शासन स्तर से जिले के सभी ग्राम पंचायतों में लाभार्थियों का सत्यापन कराया जाए तो एक इस योजना में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है.

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