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बलरामपुर: ITI में कंप्यूटर आपूर्ति में हुई नियमों की अनदेखी, मुकदमा दर्ज - balrampur news

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर स्थित आईटीआई में 68.60 लाख की लागत से कंप्यूटर व अन्य सभी उपकरणों की आपूर्ति की गई, लेकिन एक सप्ताह बाद ही कंप्यूटर व अन्य उपकरण खराब होने लगे. मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए.

ITI balrampur.
ITI में कंप्यूटर व अन्य सभी उपकरणों की आपूर्ति.
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Published : Mar 16, 2020, 5:33 PM IST

बलरामपुरः जिले के एकमात्र संचालित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान(आईटीआई) विशुनपुर विश्राम में कंप्यूटर आपूर्ति और इंस्टालेशन के नाम पर बड़े पैमाने पर नियमों की अनदेखी की गई. आपूर्तिकर्ता ने कंप्यूटर सप्लाई और इंस्टालेशन के दौरान न तो उन्हें बेहतर तरीके से इंस्टाल करवाया और न ही विंडोज सॉफ्टवेयर का 'ओरिजनल की' दिया. मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम कृष्णा करुणेश ने प्राथमिक तौर पर जांच करवा संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. इसके साथ ही आईटीआई के प्राचार्य से नियमों की अनदेखी करके भुगतान करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा.

ITI में कंप्यूटर व अन्य सभी उपकरणों की आपूर्ति.

आईटीआई में कंप्यूटर आपूर्ति में गड़बड़ियां
जिले के पचपेड़वा थाना अंतर्गत ग्रामसभा विशुनपुर विश्राम में स्थित आईटीआई में बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट योजना के अंर्तगत आने वाले मद से 68.60 लाख रुपये मिले थे, जिनसे 50 हाईरेटेड, हाईफिचर्ड कंप्यूटर, प्रिंटर व इसे चलाने के लिए अन्य उपकरण लगाए जाने थे.

इसे भी पढ़ें- बलरामपुर: ITI छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही सरकार, देखें रिपोर्ट

संस्था को तीन बार पत्र लिखा गया पत्र
आईटीआई में थ्री नॉट इंडिया लिमिटेड द्वारा 68.60 लाख की लागत से कंप्यूटर व अन्य सभी उपकरणों की आपूर्ति की गई, लेकिन इंस्टाल करने के एक सप्ताह बाद ही कंप्यूटर व अन्य उपकरण खराब होने लगे. आईटीआई के प्राचार्य एके पांडेय ने खराब उपकरणों को सही करने व आपूर्ति की गई सामग्री को नियमों के साथ आपूर्ति करने के लिए संस्था को तीन बार पत्र लिखा, लेकिन संस्था ने न तो पत्र का जवाब दिया और न ही उपकरणों को ठीक करवाया.

आनन-फानन में की गई आपूर्ति
सूत्रों के मुताबिक आपूर्ति करने के लिए जेएम पोर्टल पर से खरीद न करके, बल्कि मनमाने ढंग से संस्था द्वारा ई-टेंडरिंग करवाई गई. ई-टेंडरिंग कर आपूर्ति करने के लिए संस्था ने सभी नियमों को दरकिनार करते हुए 50 कंप्यूटर, प्रिंटर व अन्य उपकरण आईटीआई को पहुंचा दिए.

आनन-फानन में आपूर्ति की गई. सभी सामानों के सही होने का प्रमाण पत्र भी आईटीआई के प्राचार्य से प्राप्त करा दिया गया. आईटीआई प्राचार्य के द्वारा प्रमाण पत्र देने के साथ ही संस्था को बिना डीएम की अनुमति लिए संपूर्ण धनराशि का भुगतान भी कर दिया गया. मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम ने जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए.

बलरामपुरः जिले के एकमात्र संचालित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान(आईटीआई) विशुनपुर विश्राम में कंप्यूटर आपूर्ति और इंस्टालेशन के नाम पर बड़े पैमाने पर नियमों की अनदेखी की गई. आपूर्तिकर्ता ने कंप्यूटर सप्लाई और इंस्टालेशन के दौरान न तो उन्हें बेहतर तरीके से इंस्टाल करवाया और न ही विंडोज सॉफ्टवेयर का 'ओरिजनल की' दिया. मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम कृष्णा करुणेश ने प्राथमिक तौर पर जांच करवा संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. इसके साथ ही आईटीआई के प्राचार्य से नियमों की अनदेखी करके भुगतान करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा.

ITI में कंप्यूटर व अन्य सभी उपकरणों की आपूर्ति.

आईटीआई में कंप्यूटर आपूर्ति में गड़बड़ियां
जिले के पचपेड़वा थाना अंतर्गत ग्रामसभा विशुनपुर विश्राम में स्थित आईटीआई में बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट योजना के अंर्तगत आने वाले मद से 68.60 लाख रुपये मिले थे, जिनसे 50 हाईरेटेड, हाईफिचर्ड कंप्यूटर, प्रिंटर व इसे चलाने के लिए अन्य उपकरण लगाए जाने थे.

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संस्था को तीन बार पत्र लिखा गया पत्र
आईटीआई में थ्री नॉट इंडिया लिमिटेड द्वारा 68.60 लाख की लागत से कंप्यूटर व अन्य सभी उपकरणों की आपूर्ति की गई, लेकिन इंस्टाल करने के एक सप्ताह बाद ही कंप्यूटर व अन्य उपकरण खराब होने लगे. आईटीआई के प्राचार्य एके पांडेय ने खराब उपकरणों को सही करने व आपूर्ति की गई सामग्री को नियमों के साथ आपूर्ति करने के लिए संस्था को तीन बार पत्र लिखा, लेकिन संस्था ने न तो पत्र का जवाब दिया और न ही उपकरणों को ठीक करवाया.

आनन-फानन में की गई आपूर्ति
सूत्रों के मुताबिक आपूर्ति करने के लिए जेएम पोर्टल पर से खरीद न करके, बल्कि मनमाने ढंग से संस्था द्वारा ई-टेंडरिंग करवाई गई. ई-टेंडरिंग कर आपूर्ति करने के लिए संस्था ने सभी नियमों को दरकिनार करते हुए 50 कंप्यूटर, प्रिंटर व अन्य उपकरण आईटीआई को पहुंचा दिए.

आनन-फानन में आपूर्ति की गई. सभी सामानों के सही होने का प्रमाण पत्र भी आईटीआई के प्राचार्य से प्राप्त करा दिया गया. आईटीआई प्राचार्य के द्वारा प्रमाण पत्र देने के साथ ही संस्था को बिना डीएम की अनुमति लिए संपूर्ण धनराशि का भुगतान भी कर दिया गया. मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम ने जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए.

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