बलरामपुरः आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के सुप्रीमो असुद्दीन ओवैसी रविवार जिले में आयोजित शोषित वंचित समाज सम्मेलन में हिस्सा लिया. उतरौला विधानसभा के सदुल्लानगर बाजार में भावी प्रत्याशी डॉ. अब्दुल मन्ना की ओर से आयोजित सम्मेलन में ओवैसी ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने लखीमपुर हिंसा मामले में तंज कसते हुए कहा कि जिस बेटे का अब्बाजान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हो, उसके लिए पुलिस अपने हिसाब से कार्य करती है. उसके लिए अलग कानून चलता है. जबकि अन्य लोगों के लिए योगीराज में अलग कानून है.
सभा स्थल पर तकरीबन 2.5 घंटे की देरी से पहुंचे ओवैसी ने सपा और बसपा सुप्रीमो पर हमला बोलते हुए, कहा कि ये मुसलमान को अपनी जागीर समझते हैं. लेकिन उनका कोई काम नहीं करते हैं. ओवैसी ने कांग्रेस पार्टी को नेता विहीन करार दिया. कहा, कांग्रेस अपने नेता को खोजे फिर जनता के बीच जाए.असदुद्दीन ओवैसी ने लखीमपुर की घटना पर बोलते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुलिस केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को थाने में बुलाती है और 10 घंटे तक नाश्ता खिलाती है. ऐसा लग रहा था कि बबुआ थाने नहीं, बल्कि अपने ससुराल गया हुआ है. जहां आवभगत की जा रही है. ऐसा होने पर भी सवाल यह पैदा होता है कि नरेंद्र मोदी अजय मिश्रा को अपनी कैबिनेट से क्यों नहीं निकाल देते. जबकि अजय मिश्रा ने 2 दिन पहले अपनी तकरीर में कहा था कि सुधार जाओ नहीं तो दो मिनट में सुधार दिया जाएगा. इसके 2 दिन बाद उनके बेटे की गाड़ी से 4 किसानों की को मार दिया जाता है. ओवैसी ने कहा कि नरेंद्र मोदी अजय मिश्रा को कैबिनेट से बाहर इसलिए नहीं निकाल रहे हैं कि वह ऊंची जाति से हैं. नरेंद्र मोदी सोचते हैं कि ऐसा करने पर उन्हें ऊंची जाति के वोट नहीं मिलेंगे, इसलिए वो उन्हें बचा रहे हैं.
ओवैसी ने कहा कि लखीमपुर हिंसा में आरोपी का नाम आशीष की जगह अतीक होता तो 2 मिनट में उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिया जाता. ओवैसी ने कहा कि लखीमपुर की घटना में मारे गए किसान नक्षक्तर सिंह का बेटा सेना में है. उसके पिता कहते थे कि बेटा तुम देश की सेवा करो, मैं किसानी करके भूखों का पेट भरूंगा. लेकिन यह सरकार उन्हें न्याय तक नहीं दिला पा रही है. किसानों के नाम पर अब राजनीति हो रही है.
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ओवैसी ने कहा कि मुसलमान के वोट की कोई कीमत नहीं है. हमारे युवाओं की जिंदगियां जेलों में सड़कर बर्बाद हो रही हैं. आज प्रदेश की जेलों में 27 प्रतिशत मुस्लिम युवा बंद है. उनके मामले अंडर ट्रायल है, इसका जिम्मेदार कौन है. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मुसलमानों का वोट लेने के लिए सब आते हैं. लेकिन जब उन्नाव में फैसल मारा जाता है तो उसके घर कोई नहीं जाता. वहीं, जब गोरखपुर में योगी की पुलिस व्यापारी मनीष गुप्ता की निर्मम हत्या कर देती है तो उसके घर अखिलेश यादव पहुंचते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परिवार से मिलते हैं और 40 लाख रुपये का चेक देकर आते हैं. यह दोहरी मानसिकता है, फिर भी वो कहते हैं कि मुसलमान हमारे पास नहीं आएगा, तो किसके पास आएगा.