ETV Bharat / state

प्राथमिक विद्यालय में सूखे पत्ते, लकड़ी और मिट्टी के चुल्हे पर बनता है मिड-डे मील

बलिया के श्रीरामपुर प्राथमिक विद्यालय में सूखे पत्ते, लकड़ी व ईंट के चूल्हे पर मिड-डे मील बनता है. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि जांच कर उचित कार्रवाई की जाएंगी.

मिट्टी के चुल्हे पर बनता है मिड डे मील
मिट्टी के चुल्हे पर बनता है मिड डे मील
author img

By

Published : Apr 23, 2022, 9:45 PM IST

बलिया: जिले के श्रीरामपुर प्राथमिक विद्यालय में सूखे पत्ते, लकड़ी व ईंट के चूल्हे पर मिड-डे मील बनता है. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएंगी.

जिले में सरकारी स्कूलों से ही उज्जवला योजना को सर्मशार करने वाली तस्वीरें सामनें आईं हैं. पहला उज्जवला कनेक्शन देने वाले बलिया जिले के प्राथमिक विद्यालयों के रसोईं घरों में ही गैस सिलेंडर का अकाल है. आलम ये है कि प्राथमिक विद्यालयों में मीड-डे मील लकड़ी और सूखे पत्तों को जलाकर मिट्टी के चूल्हे पे बनाया जा रहा है. रसोईया धुए से भरे रसोई घर में खाना बनाने को मजबूर है.

मीड-डे मील पकाती रसोईया की ये तस्वीरें 90 के दशक की याद दिलातीं हैं. यह उत्तम योजनाओं से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के सरकारी दावों के पर करारा तमाचा हैं. रसोईयां जमूनी ने बताया कि आज तक उसने स्कूल में गैस सिलेंडर और चूल्हे के दर्शन नहीं किए हैं. लगभग 15 सालों से विद्यालय में ऐसे ही मिट्टी के चूल्हे पर, लकड़ी और पत्ते जलाकर मीड-डे मील बनाया जाता है. खाना बनाने के लिए मिलने वाला गैस सिलेंडर और चूल्हा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है.

यह भी पढ़ें-सावधान! कोरोना की चौथी लहर दे सकती है दस्तक, बच्चों पर सबसे ज्यादा खतरा, बढ़ाए जाएंगे पीकू-नीकू बेड

विद्यालय की सहायक अध्यापिका ऋतु सिंह का कहना है कि गैस सिलेंडर की समस्या को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों के दरवाजे खटखटाए गए हैं. गैस सिलेंडर व चूल्हे के लिए विधिवत आवेदन भी किया गया है. प्रशासन विद्यालय की समस्याओं की ओर देखने का नाम नहीं ले रहा है. बार-बार आश्वासन तो मिलता है, पर समस्या से निजात नहीं. इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. जांच की जाएगी. जो भी दोषी होगा, उसपर कार्रवाई की जाएगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

बलिया: जिले के श्रीरामपुर प्राथमिक विद्यालय में सूखे पत्ते, लकड़ी व ईंट के चूल्हे पर मिड-डे मील बनता है. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएंगी.

जिले में सरकारी स्कूलों से ही उज्जवला योजना को सर्मशार करने वाली तस्वीरें सामनें आईं हैं. पहला उज्जवला कनेक्शन देने वाले बलिया जिले के प्राथमिक विद्यालयों के रसोईं घरों में ही गैस सिलेंडर का अकाल है. आलम ये है कि प्राथमिक विद्यालयों में मीड-डे मील लकड़ी और सूखे पत्तों को जलाकर मिट्टी के चूल्हे पे बनाया जा रहा है. रसोईया धुए से भरे रसोई घर में खाना बनाने को मजबूर है.

मीड-डे मील पकाती रसोईया की ये तस्वीरें 90 के दशक की याद दिलातीं हैं. यह उत्तम योजनाओं से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के सरकारी दावों के पर करारा तमाचा हैं. रसोईयां जमूनी ने बताया कि आज तक उसने स्कूल में गैस सिलेंडर और चूल्हे के दर्शन नहीं किए हैं. लगभग 15 सालों से विद्यालय में ऐसे ही मिट्टी के चूल्हे पर, लकड़ी और पत्ते जलाकर मीड-डे मील बनाया जाता है. खाना बनाने के लिए मिलने वाला गैस सिलेंडर और चूल्हा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है.

यह भी पढ़ें-सावधान! कोरोना की चौथी लहर दे सकती है दस्तक, बच्चों पर सबसे ज्यादा खतरा, बढ़ाए जाएंगे पीकू-नीकू बेड

विद्यालय की सहायक अध्यापिका ऋतु सिंह का कहना है कि गैस सिलेंडर की समस्या को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों के दरवाजे खटखटाए गए हैं. गैस सिलेंडर व चूल्हे के लिए विधिवत आवेदन भी किया गया है. प्रशासन विद्यालय की समस्याओं की ओर देखने का नाम नहीं ले रहा है. बार-बार आश्वासन तो मिलता है, पर समस्या से निजात नहीं. इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. जांच की जाएगी. जो भी दोषी होगा, उसपर कार्रवाई की जाएगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.