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बलिया : घाघरा का जलस्तर अचानक बढ़ने से किसानों को भारी नुकसान

जिले में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से इलाके के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. यहां के किसान नदी किनारे की बलुई मिट्टी में मौसमी फलों और सब्जियों की खेती करते हैं. वहीं नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से सारी खेती पानी में डूब गई है.

पानी में डूब गए तैयार सब्जियां और फल
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Published : Apr 26, 2019, 10:41 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

बलिया : घाघरा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से नदी किनारे सब्जी की खेती कर रहे किसान परेशान हो गए हैं. देखते ही देखते जलस्तर इतना बढ़ गया कि किसानों की फसल पूरी तरह पानी में डूब कर नष्ट हो गए. इलाके के तुर्तिपार, खैरा खास और मधुबनी गांव में किसानों को काफी नुकसान हुआ है.

पानी में डूब गए तैयार सब्जियां और फल

क्यों परेशान हैं किसान?

  • गर्मी के मौसम में अचानक घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ गया है.
  • इससे नदी के किनारे हरी सब्जी उगाने वाले किसानों की खेती पानी में डूब गई.
  • इस मौसम में बलुई मिट्टी में किसान तरबूज, खरबूज, नाशपाती, परवल, टिंडा, लौकी, भिंडी, ककड़ी और खीरा इत्यादि की खेती करते हैं.
  • मौसमी फल और सब्जियां बाजार में अच्छे दामों में बिक जाती हैं.

15 दिन से अचानक जलस्तर में वृद्धि होती गई. इससे हम लोगों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई. जैसे-तैसे कुछ सब्जियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. इसमें तरबूज, खरबूज, नाशपाती आदि की खेती हम लोग करते हैं.
- भोला, किसान

गांव से दूर नदी किनारे पर आकर हरी सब्जी की खेती करते हैं. करीब 50 से 60 हजार की लागत लगा चुके हैं. सब्जियां करीब तैयार हो गई थीं कि पानी अचानक बढ़ गया. इससे करीब लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हो गया है.
- राजकुमार, किसान

बलिया : घाघरा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से नदी किनारे सब्जी की खेती कर रहे किसान परेशान हो गए हैं. देखते ही देखते जलस्तर इतना बढ़ गया कि किसानों की फसल पूरी तरह पानी में डूब कर नष्ट हो गए. इलाके के तुर्तिपार, खैरा खास और मधुबनी गांव में किसानों को काफी नुकसान हुआ है.

पानी में डूब गए तैयार सब्जियां और फल

क्यों परेशान हैं किसान?

  • गर्मी के मौसम में अचानक घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ गया है.
  • इससे नदी के किनारे हरी सब्जी उगाने वाले किसानों की खेती पानी में डूब गई.
  • इस मौसम में बलुई मिट्टी में किसान तरबूज, खरबूज, नाशपाती, परवल, टिंडा, लौकी, भिंडी, ककड़ी और खीरा इत्यादि की खेती करते हैं.
  • मौसमी फल और सब्जियां बाजार में अच्छे दामों में बिक जाती हैं.

15 दिन से अचानक जलस्तर में वृद्धि होती गई. इससे हम लोगों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई. जैसे-तैसे कुछ सब्जियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. इसमें तरबूज, खरबूज, नाशपाती आदि की खेती हम लोग करते हैं.
- भोला, किसान

गांव से दूर नदी किनारे पर आकर हरी सब्जी की खेती करते हैं. करीब 50 से 60 हजार की लागत लगा चुके हैं. सब्जियां करीब तैयार हो गई थीं कि पानी अचानक बढ़ गया. इससे करीब लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हो गया है.
- राजकुमार, किसान

Intro:बलिया में घाघरा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से नदी किनारे हरी सब्जी की खेती कर रहे किसान परेशान हो गए देखते ही देखते जलस्तर इतना बढ़ गया कि किसानों की हरी सब्जी पूरी तरह पानी में डूब कर नष्ट हो गए इलाके के तुर्तिपार,खैरा खास और मधुबनी गांव में किसानों को काफी नुकसान हुआ है


Body:गर्मी के मौसम में अचानक घाघरा नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि से नदी के किनारे हरी सब्जी उगाने वाले किसानों के आंखों के सामने ही उनकी खेती पानी में डूबती जा रही गर्मी के इस मौसम में बलुई मिट्टी में किसान तरबूज खरबूज नाशपाती परवल टिंडा लौकी भिंडी ककड़ी खीरा इत्यादि की खेती करते हैं जो मौसमी फल और सब्जी होने के कारण बाजार में अच्छे बाहों में बिक जाती है

किसान भोला बताते हैं कि 15 दिन में से अचानक जलस्तर में वृद्धि होती गई जिससे हम लोगों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई जैसे तैसे कुछ सब्जियों को बचाने की कोशिश की जा रही है जिसमें तरबूज खरबूज नाशपाती इन सब की खेती हम लोग करते हैं

किसान राजकुमार ने बताया कि गांव से दूर नदी किनारे पर आकर हरी सब्जी की खेती करते हैं करीब 50 से 60000 की लागत लगा चुके हैं सब्जियां करीब तैयार ही हो गई थी कि पानी अचानक बढ़ गया जिससे करीब लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हो गया है

बाइट1--भोला---किसान
बाइट2--राजकुमार--किसान


Conclusion:प्रशान्त बनर्जी
बलिया
9455785050

फीड ftp से भेजा गया है

file name --

up_ballia_prashant_26april_ghagraa ka pani achanak bada_7203475
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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