बलिया : घाघरा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से नदी किनारे सब्जी की खेती कर रहे किसान परेशान हो गए हैं. देखते ही देखते जलस्तर इतना बढ़ गया कि किसानों की फसल पूरी तरह पानी में डूब कर नष्ट हो गए. इलाके के तुर्तिपार, खैरा खास और मधुबनी गांव में किसानों को काफी नुकसान हुआ है.
क्यों परेशान हैं किसान?
- गर्मी के मौसम में अचानक घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ गया है.
- इससे नदी के किनारे हरी सब्जी उगाने वाले किसानों की खेती पानी में डूब गई.
- इस मौसम में बलुई मिट्टी में किसान तरबूज, खरबूज, नाशपाती, परवल, टिंडा, लौकी, भिंडी, ककड़ी और खीरा इत्यादि की खेती करते हैं.
- मौसमी फल और सब्जियां बाजार में अच्छे दामों में बिक जाती हैं.
15 दिन से अचानक जलस्तर में वृद्धि होती गई. इससे हम लोगों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई. जैसे-तैसे कुछ सब्जियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. इसमें तरबूज, खरबूज, नाशपाती आदि की खेती हम लोग करते हैं.
- भोला, किसान
गांव से दूर नदी किनारे पर आकर हरी सब्जी की खेती करते हैं. करीब 50 से 60 हजार की लागत लगा चुके हैं. सब्जियां करीब तैयार हो गई थीं कि पानी अचानक बढ़ गया. इससे करीब लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हो गया है.
- राजकुमार, किसान