बलिया: देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर ले आने के लिए प्रधानमंत्री ने देशवासियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद बलिया के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं ने स्वरोजगार के अवसर तलाशते हुए 'वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट' से जुड़कर ना केवल खुद को सशक्त बना रही हैं, बल्कि अपने साथ परिवार की आजीविका को भी मजबूत कर रही हैं.
बलिया में उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय द्वारा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के साथ-साथ 'वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट' के तहत महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. जिला उद्योग एवं उद्यमिता विकास केंद्र में 'वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट' के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ. जबकि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 6 दिन के लिए महिलाओं को विभिन्न ट्रेड के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.
जानकारी देती स्वयं सहायता समूह की महिला रेखा तिवारी. यूपी इंडस्ट्रियल कंसलटेंट लिमिटेड की ओर से आए अधिकारियों ने महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर के बारे में जानकारी दी. आत्मनिर्भर बनकर न केवल खुद का बल्कि रोजगार सृजित कर दूसरों को भी मजबूत करने के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया.कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री हरी प्रताप शाही पहुंचे, जिन्होंने महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण को पूरा कर प्रमाण पत्र प्राप्त करने के अपील की. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं परिषदीय स्कूल के बच्चों के लिए ड्रेस सिलने के लिए प्रशिक्षित हो रही है. साथ ही एक जनपद एक उत्पाद के तहत बलिया में बिंदी कारोबार को बढ़ाने में भी यह महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं.
10 दिनों की ट्रेनिंग
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं को 6 दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही 1,500 रुपये भी दिए जा रहे हैं. जबकि 'वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट' के तहत 10 दिन की ट्रेनिंग के लिए ₹2,000 प्रत्येक महिलाएं प्राप्त कर रही है. इसके साथ ही ट्रेनिंग पूरी होने के बाद महिलाएं रोजगार के लिए आर्थिक रूप से मजबूत हो, इसलिए बैंकों से भी तालमेल कर ऋण उपलब्ध कराने की सारी प्रक्रिया भी बताई जा रही है.
स्वयं सहायता समूह की महिला रेखा तिवारी ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ओडीओपी के तहत 10 दिवसीय ट्रेनिंग दिया जा रहा है. महिलाएं स्वरोजगार पाकर सशक्त हो, इसके लिए सरकार की ओर से कुछ धनराशि भी दी जा रही है और विभिन्न ट्रेड के लिए टूलकिट ही उपलब्ध कराया जा रहा है. यहां पर दो अलग-अलग ट्रेनिंग चल रही है. विश्वकर्मा श्रम शक्ति सम्मान के अंतर्गत स्कूल ड्रेस बनाने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जबकि एक जनपद एक उत्पाद के लिए बिंदी को बनाने का प्रशिक्षण महिलाएं प्राप्त कर रही हैं.
यूपी इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट्स लिमिटेड के स्टेट कोऑर्डिनेटर विवेक उपाध्याय ने बताया कि महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की योजनाओं के अंतर्गत इन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है. सिलाई, हलवाई, राजमिस्त्री, धोबी, नाई, लोहार और कुम्हार कई ट्रेंड के प्रशिक्षण अलग-अलग जगह पर दिए जा रहे हैं.
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